पटना: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर नीतीश कुमार के बयान पर सियासत जारी है और लगातार बयानबाजी हो रही है. नीतीश कुमार के बयान पर जदयू का कहना है कि मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव के आधार पर और आज जो देश की परिस्थिति है उसको देखते हुए पहले चुनाव की बात की है. वहीं बीजेपी नीतीश पर हमलावर है.
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'समय से पहले लोकसभा चुनाव'..: नीतीश की पार्टी का तर्क है कि पहले भी तय समय से पूर्व चुनाव हो चुका है. वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी वाली गलती नहीं करेंगे. सरकार का कामकाज अभी काफी अच्छा हो रहा है. वहीं नीतीश कुमार यदि कुछ बोल रहे हैं तो वह आधारहीन नहीं हो सकता है. नीतीश कुमार मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं और अपने बयानों और फैसलों से चौंकाते रहते हैं.
नीतीश के बयान पर सियासत तेज: असल में बुधवार को नीतीश कुमार सरकारी कार्यक्रम में अधिकारियों को जल्द से जल्द सड़क का निर्माण पूरा करने का निर्देश दे रहे थे. उसी दौरान कहा कि कब चुनाव हो जाएगा, कोई नहीं जानता है. जरूरी है 2024 में ही चुनाव हो पहले भी हो सकता है. इसलिए जल्दी से जल्दी काम पूरा कर दें और इसी बयान के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
राजनीतिक पंडित की राय: राजनीतिक पंडित भी अपने तरह से नीतीश कुमार के बयान की व्याख्या कर रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है नीतीश कुमार अनुभवी नेता हैं और बीजेपी की तैयारियों को नजदीक से देखते आए हैं. बीजेपी के साथ चुनाव भी लड़ चुके हैं. बीजेपी जिस प्रकार से 9 वर्ष बेमिसाल कार्यक्रम पूरे देश में चला रही है, वह भी एक बड़ा कारण हो सकता है.
"नीतीश कुमार पहले भी अपने बयानों और फैसलों से लोगों को चौंका चुके हैं. विपक्षी दलों पर प्रेशर पॉलिटिक्स डालने की कोशिश भी हो सकती है. इसके अलावा कर्नाटक में जिस प्रकार से बीजेपी को हार मिली है ,आने वाले समय में कई राज्यों में चुनाव होने हैं, उसे देखते हुए भी बीजेपी बड़ा फैसला ले सकती है. इसके अलावा नीतीश कुमार को लगता होगा कि नरेंद्र मोदी की छवि देश से बाहर लगातार लोकप्रियता के शिखर पर पहुंची है. जी-20 की मेजबानी भी देश को मिली है तो इसका लाभ लेने की कोशिश बीजेपी कर सकती है."- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
इन कारणों से पहले चुनाव के बन रहे आसार:वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश कुमार के बयानों में दम हो भी सकता है और ऐसा हो ही यह भी संभव नहीं है. अजय झा का यह भी कहना है कि जहां अपोजिशन खेमा को यह लगता है कि आने वाले समय में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, कर्नाटक चुनाव में जो हार हुई है उसके बाद इसलिए स्थिति ज्यादा खराब ना हो उससे पहले बीजेपी चुनाव करा सकती है.
दूसरा पक्ष यह भी है कि बीजेपी की स्थिति अभी बेहतर है और बीजेपी इसका लाभ लेने की कोशिश करेगी. ऐसे में दोनों स्थिति में चुनाव पहले हो सकता है. देश का जीडीपी लगातार बढ़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश की छवि बेहतर हो रही है. आने वाले चार-पांच महीने में कई ऐसे बड़े कार्यक्रम भी होने हैं, ऐसे में जल्दबाजी में चुनाव नरेंद्र मोदी की सरकार कराएगी ऐसा लगता नहीं है.
तेजस्वी ने कही ये बात: नीतीश कुमार के बयान के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी उनके बयानों में हां में हां मिलाई है. महागठबंधन का खेमा नीतीश कुमार के बयान के बाद यह कह रहा है कि हम लोग चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बीजेपी पहले भी चुनाव करा लेगी तो उसका लाभ उसे मिलने वाला नहीं है.
विपक्षी दलों की बैठक से पहले प्रेशर पॉलिटिक्स!: जबकि बीजेपी की तरफ से अभी तक चुनाव को लेकर यही बयान आया है कि चुनाव आयोग तय समय के अनुसार ही चुनाव कराएगा. नीतीश कुमार के बयान पर गिरिराज सिंह तंज कसते हुये कहा कि अब नीतीश कुमार भविष्यवाणी भी करने लगे हैं. बिहार संभल नहीं रहा है. बीजेपी के अन्य नेता भी अपने तरीके से निशाना साधने में लगे हैं. लेकिन नीतीश कुमार का बयान उस समय आया है जब विपक्षी दलों की महत्वपूर्ण बैठक पटना में 23 जून को होने जा रही है. ऐसे में नीतीश कुमार के बयान पर आगे भी सियासत जारी रहेगा यह तय माना जा रहा है.