पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले मुकेश सहनी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) से मुलाकात को लेकर बिहार की सियासत गर्म हो गई है. विपक्ष का कहना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात आने वाले समय में रंग दिखाएगी. वहीं, हम ने कहा कि यह मुलाकात औपचारिक थी.
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जदयू और बीजेपी ने किया है दोनों का अपमान
राजद नेता विजय प्रकाश ने कहा, "जेडीयू हो या बीजेपी, दोनों दलों के नेताओं ने जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) का अपमान किया है. राज्यपाल कोटे से होने वाले मनोनयन में एमएलसी की सीट न देकर दोनों नेताओं को दरकिनार किया गया. चुनाव के समय दोनों दलों के नेताओं ने जो चुनावी घोषणा पत्र जारी किया था उसके अनुसार सरकार काम नहीं कर रही है. इससे दोनों दलों का वोट बैंक बिगड़ने लगा है. ऐसे में थक हारकर दोनों दलों के प्रमुख नेता ने आपस में बैठक की है. यह बैठक आने वाले समय में जरूर रंग दिखाएगी."
अपने सम्मान के साथ समझौता नहीं करेंगे मांझी
"जीतन राम मांझी अपने सम्मान के साथ समझौता नहीं करेंगे. अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में इन्होंने जो घोषणा की थी उसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरकिनार कर दिया है. जदयू में रहते समय भी जीतन राम मांझी अपने फैसले पर अडिग रहते थे. अब तो इनके भरोसे ही नीतीश कुमार की सरकार चल रही है. इसलिए अब हमें लगता है कि आने वाले समय में जीतन राम मांझी मुकेश सहनी के साथ मिलकर कोई कड़ा फैसला जरूर लेंगे."- विजय प्रकाश, राजद नेता
"मुकेश सहनी जीतन राम मांझी को पिता समान मानते हैं. इसलिए वह समय-समय पर मुलाकात करते रहते हैं. दोनों दलों के नेताओं के बीच जनता के मुद्दे को लेकर बैठक हुई है. राजनीतिक चर्चा भी हुई है. विपक्ष की यह उम्मीद कि हम और वीआईपी एनडीए से बाहर जाने वाले हैं पूरी तरह गलत है."- विजय यादव, प्रवक्ता, हम
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