पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे बिहार में राजनीति की नई पटकथा का संकेत दे रहे हैं. मिशन 2020 एनडीए के सामने चुनौती के रूप में खड़ा है. राज्यों में लगातार हो रही हार ने एनडीए नेताओं की चिंता बढ़ा दी है. नीतीश कुमार के पूर्व में लिए गए फैसले को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
साल 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में एनडीए को बड़ी सफलता हासिल हुई थी और उस समय नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा नहीं थे. नरेंद्र मोदी के साथ अदावत को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए को बाय-बाय कर दिया था. नीतीश ने राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन का हिस्सा बने और 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को अजेय बहुमत मिली.
- 1 साल से अधिक समय तक महागठबंधन की सरकार चली लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ भी छोड़ दिया और फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा बने.
नीतीश कुमार के फैसले पर उठे सवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा को राज्यों में मिल रही लगातार हार के बाद सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. लोकसभा चुनाव में तो भाजपा को भारी मतों के अंतर से जीत हासिल होती है लेकिन विधानसभा चुनाव में नतीजों की पुनरावृत्ति नहीं हो रही है.
आरजेडी का दावा
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिली और सिलसिला जारी है. महाराष्ट्र के बाद झारखंड और फिर दिल्ली में भी भाजपा को करारी हार मिली है. राजद ने भाजपा और जदयू की दोस्ती पर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि अब नीतीश कुमार को शायद अफसोस हो रहा होगा कि उन्होंने एनडीए का हिस्सा बनकर शायद गलत फैसला ले लिया. राजद ने दावा किया है कि 2020 के चुनाव में भी एनडीए को मुंह की खानी पड़ेगी.
नीतीश के नाम पर जनता देगी वोट-जेडीयू
राजद के इस बयान पर जदयू ने पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि राजद को जदयू के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में उनके प्रत्याशी हजार वोट भी हासिल नहीं कर पाए. कुछ 100 वोट उनके प्रत्याशियों को मिले हैं, जबकि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे थे. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि 2020 में नीतीश कुमार के नाम पर बिहार की जनता एक बार फिर मुहर लगाएगी.
वोट प्रतिशत से खुश हुई बीजेपी
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ा फिर वापस आए यह उनका फैसला था और वह बीते दिनों की बात हो गई. लेकिन आज की तारीख में भले ही भाजपा को राज्यों के चुनाव में अपेक्षित सफलता न मिल रही हो. लेकिन हमारा वोट प्रतिशत सभी जगहों पर बढ़ा है. बिहार के अंदर हम फिर से सरकार बनाएंगे.