पटना: बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. इसके बावजूद लगातार अवैध रूप से शराब की बिक्री हो रही है. इस संबंध में विपक्ष द्वारा लगातार सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. राज्य सरकार शराबबंदी कानून को लेकर अपनी साख बचाने में जुट गई है. बिहार में नई सरकार के गठन के बाद शराब तस्करों को पकड़ने के साथ-साथ अनुसंधान और सजा दिलाने की कार्रवाई में भी तेजी लाई गई है.
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पुलिस बिहार के शराब धंधेबाजों के साथ-साथ दूसरे राज्य में बैठकर बिहार में शराब पहुंचा रहे बड़े-बड़े तस्करों को भी पकड़ रही है. मध निषेध विभाग और बिहार पुलिस ने हरियाणा, पंजाब, बंगाल और झारखंड से बड़े शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है.
मद्य निषेध विभाग को मजबूत कर रही सरकार
शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करवाने के लिए बिहार के विभिन्न जिलों के उत्पाद न्यायालय द्वारा शराब तस्करों के मामले में कड़ी सजा सुनाई जा रही है. इसके बावजूद शराब तस्करों का हौसला कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा मद्य निषेध विभाग को मजबूत और समृद्ध करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है. मद्य निषेध इकाई को श्वान दस्ता (डॉग स्क्वायड) की अतिरिक्त 3 टीम के साथ-साथ ड्रोन कैमरे भी शराब तस्करों को पकड़ने के लिए दिए गए हैं.
एक माह में 5 बड़े शराब तस्कर गिरफ्तार
पुलिस की मध निषेध की टीम ने एक माह के अंदर शराब तस्करी से जुड़े पांच बड़े तस्करों को गिरफ्तार किया है. सबसे पहले अजीत सिंह उसके बाद पुष्पेंद्र फिर नीरज को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया. ये सभी पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं.
गौरतलब है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार को मद्य निषेध मंत्री बनाया गया है. सुनील कुमार द्वारा निर्णय लिया गया है कि जब तक बाहर के बड़े शराब तस्करों की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक बिहार में शराबबंदी कामयाब नहीं होगी. इसके बाद से ही लगातार दूसरे राज्यों के बड़े सप्लायर को पकड़ने की कवायद की जा रही है.
शराब तस्करों को कोर्ट ने दी कड़ी सजा
शराब तस्करों को पकड़े जाने के साथ-साथ अनुसंधान और सजा दिलाने की कार्रवाई में भी तेजी लाई गई है. पिछले दिनों विभिन्न जिलों के उत्पाद न्यायालय द्वारा शराब तस्करी के मामले में कड़ी सजा सुनाई गई है. नवादा के उत्पाद विशेष न्यायालय ने पंजाब के हरप्रीत सिंह और हरजीत सिंह को शराब तस्करी के केस में 10 साल की सजा और 2 लाख रुपए जुर्माना सुनाया है. पूर्वी चंपारण के पिपरा कोठी थाने के रहने वाले मुकेश यादव को 5 साल की सश्रम कारावास और 1 लाख रुपए जुर्माना की सजा मिली.
नालंदा के एक और खगड़िया के दो मामले में भी शराब तस्करों को कड़ी सजा सुनाई गई. उत्पाद एवं मद्य निषेध अधिनियम के तहत खगड़िया के बेलदौर थाना के रहने वाले अली मोहम्मद को 3 साल की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया.
कोडरमा से गिरफ्तार हुए थे दो तस्कर
बिहार पुलिस इन दिनों शराब के बड़े तस्करों के खिलाफ मुहिम चला रही है. बिहार पुलिस द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए कुछ दिन पहले हरियाणा के दो और शराब तस्करों को झारखंड के कोडरमा से गिरफ्तार किया गया. पुलिस की मध्य निषेध टीम ने शराब के बड़े तस्कर सुरमुख सिंह धारीवाला को उसके सहयोगी नीरज कुमार उर्फ सेंटी के साथ गिरफ्तार किया. दोनों मूलतः हरियाणा के अंबाला के रहने वाले हैं. इनकी गिरफ्तारी कोडरमा से हुई थी.
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