पटना: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की तैयारियां जोरों पर है. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को ईवीएम (EVM) में इस्तेमाल होने वाले बैलेट पेपर की छपाई का निर्देश दिया है. संभावना जताई जा रही है कि 15 अगस्त के बाद कभी भी पंचायत चुनाव की घोषणा हो सकती है. पंचायत चुनाव के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने तैयारी कर ली है.
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पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिले के पुलिस अधिकारियों को पिछले चुनाव के दौरान बाधा पहुंचाने वाले लोगों पर खास नजर रखने का निर्देश दिया गया है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार (ADG Jitendra Kumar) ने कहा कि यह चुनाव आयोग पर निर्भर करता है कि वह कितने चरण में पंचायत चुनाव कराता है. चुनाव आयोग जब भी चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी करेगा, हम तैयार हैं.
एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा, 'पंचायत चुनाव के मद्देनजर पुराने चुनाव से संबंधित कांड या इलाके के दबंग लोग, जो चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं, उनपर नजर रखी जा रही है. जेल से छूटे अपराधियों पर भी नजर रखी जा रही है. सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों और थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि उनके थाना क्षेत्र में जो आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग हैं, उनकी थाने में हाजिरी लगवाई जाए. फरार अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश पुलिस मुख्यालय की तरफ से दिया गया है.'
"पुलिस मुख्यालय ने पंचायत चुनाव की तैयारियों की शुरुआत कर दी है. सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं. इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है. कोरोना महामारी के दौरान बिहार पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा चुनाव कराया था. बिहार पुलिस ठीक उसी प्रकार पंचायत चुनाव कराने के लिए तैयार है."- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
बता दें कि बिहार में 2.90 हजार पदों के लिए पंचायत चुनाव होने हैं. कोरोना महामारी के बाद होने वाले पंचायत चुनाव में कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा. इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के सभी डीएम को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है. पंचायत चुनाव में केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं होगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि आगामी पंचायत चुनाव में बिहार पुलिस के ही जवान सुरक्षा में तैनात होंगे. राज्य में अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्स या केंद्रीय सुरक्षाबलों की जरूरत नहीं होगी.
पंचायत चुनाव के दौरान सभी जिलों में जिला पुलिस बल, बीएमपी और होमगार्ड के जवानों की तैनाती की जाएगी. इनमें सशस्त्र व लाठी बल के जवानों की तैनाती अलग-अलग स्थानों पर की जाएगी. चुनाव के दौरान चलंत दस्ते में शामिल पुलिस के जवान की पंचायत चुनाव पर नजर रखेंगे और किसी भी उपद्रव या अप्रिय घटना पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.
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