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बिहार में अपराध रोकने की कवायद, पुलिस मुख्यालय ने थानों से मांगी गश्ती वाहन की रिपोर्ट - ETV Bharat News

बिहार पुलिस मुख्यालय ने अपराध पर रोकथाम (Crime Cases Increased In Patna) के लिए जिले के सभी थानों को अपने इलाके में गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है. साथ ही थाने में तैनात पुलिसकर्मी और गश्ती वाहनों की उपलब्धता को लेकर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों से गश्ती टीम की रिपोर्ट मांगी
बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों से गश्ती टीम की रिपोर्ट मांगी
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Published : Nov 19, 2022, 4:06 PM IST

पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय ने जिले के सभी थानों से गश्ती वाहन और तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या की रिपोर्ट (Bihar Police Headquarter Demands Vehicle Reports) मांगी है. एक बड़े थाने में कम से कम चार वाहन होने चाहिए. वर्तमान की स्थिति यह है कि किसी में थाने में वाहनों की संख्या पर्याप्त नहीं है तो किसी थाने में भाड़े के वाहन से काम चलाया जा रहा है. रिपोर्ट की माने तो बिहार में अपराध के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पुलिस गश्ती ठीक से नहीं होना माना जा रहा है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भी गश्ती बढ़ाने के लिए वरीय पुलिस अधिकारियों को खरी-खोटी सुना चके हैं.

यह भी पढ़ें: 50 हजार का इनामी नक्सली गोलकी कोड़ा जमुई से गिरफ्तार

बिहार में अपराध के मामले बढ़े: बिहार में आए दिन अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा. राजधानी पटना सहित बिहार के अन्य जिले सुरक्षित नहीं रह गए हैं. हत्या, रंगदारी, लूटपाट और रेप जैसी घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. बढ़ते अपराध का कारण पुलिस की लचर व्यवस्था और गश्ती नहीं होना एक बड़ा कारण माना जा रहा है. तीन दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी खुले मंच से पुलिस की गश्ती को लेकर वरीय अधिकारियों को आड़े हाथ लिया था.

यह भी पढ़ें: 'रोको टोको अभियान को मिल रही है सफलता, 10407 अपराधियों की गिरफ्तारी सितंबर महीने में हुई'

पुलिस मुख्यालय ने मांगी रिपोर्ट: जिसके बाद बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिले के पुलिस अधीक्षक को सभी थानों में गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है. साथ ही थाने में गश्ती वाहन और तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या की रिपोर्ट मांगी है. ये भी बता दें कि गश्ती बढ़ाने के लिए बिहार में डायल हंड्रेड की जगह पर डायल 112 की शुरुआत की गई. अब तक 400 डायल 112 वाहनों की खरीदारी की जा चुकी है. इन वाहनों को विभिन्न जिलों में जरूरत अनुसार दिया गया है.

बिहार में करीब 1096 पुलिस थाना: बिहार में 1096 पुलिस थाना और 225 आउटपोस्ट है. दोनों को मिला दिया जाए तो यह आंकड़ा 1300 के करीब पहुंच जाता है. पटना के कोतवाली, बुद्धा कॉलोनी, गांधी मैदान, शास्त्रीनगर, कंकड़बाग सहित बड़े थानों में कम से कम 4 गश्ती वाहन होना अनिवार्य है. जबकि छोटे थाने में कम से कम दो गश्ती वाहन अनिवार्य रखा गया है. राज्य सरकार ने पुलिसकर्मियों की बढ़ोतरी के साथ उनके संसाधनों में भी बढ़ोतरी को लेकर निर्देश दिया है.

ऐसे में पुलिस मुख्यालय की ओर से जिले के सभी थानों से पुलिसकर्मियों के साथ-साथ वाहनों की जानकारी मांगी गई है. साथ ही अपराध पर रोकथाम के लिए गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. सूत्रों की माने को गश्ती बढ़ाने के लिए फिलहाल भाड़े पर वाहन लेकर थाने को दिया जाएगा. थानों में सरकारी वाहन के अलावा भाड़े का वाहन उपयोग पहले से किया जाता रहा है.

बिहार राज्य सरकार की पहल: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विगत 3 दिन पहले पुलिस की बढ़ती आबादी को लेकर भी कहा कि आने वाले वक्त में प्रति लाख व्यक्ति पर 160 से 170 पुलिसकर्मी होंगे. वहीं 44000 पुलिस कर्मियों की बहाली को लेकर भी निर्देश दिया गया है. इसके अलावा डायल 112 के तहत 800 और वाहनों की खरीदारी प्रक्रियाधीन है.

पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय ने जिले के सभी थानों से गश्ती वाहन और तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या की रिपोर्ट (Bihar Police Headquarter Demands Vehicle Reports) मांगी है. एक बड़े थाने में कम से कम चार वाहन होने चाहिए. वर्तमान की स्थिति यह है कि किसी में थाने में वाहनों की संख्या पर्याप्त नहीं है तो किसी थाने में भाड़े के वाहन से काम चलाया जा रहा है. रिपोर्ट की माने तो बिहार में अपराध के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पुलिस गश्ती ठीक से नहीं होना माना जा रहा है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भी गश्ती बढ़ाने के लिए वरीय पुलिस अधिकारियों को खरी-खोटी सुना चके हैं.

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बिहार में अपराध के मामले बढ़े: बिहार में आए दिन अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा. राजधानी पटना सहित बिहार के अन्य जिले सुरक्षित नहीं रह गए हैं. हत्या, रंगदारी, लूटपाट और रेप जैसी घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. बढ़ते अपराध का कारण पुलिस की लचर व्यवस्था और गश्ती नहीं होना एक बड़ा कारण माना जा रहा है. तीन दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी खुले मंच से पुलिस की गश्ती को लेकर वरीय अधिकारियों को आड़े हाथ लिया था.

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पुलिस मुख्यालय ने मांगी रिपोर्ट: जिसके बाद बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिले के पुलिस अधीक्षक को सभी थानों में गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है. साथ ही थाने में गश्ती वाहन और तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या की रिपोर्ट मांगी है. ये भी बता दें कि गश्ती बढ़ाने के लिए बिहार में डायल हंड्रेड की जगह पर डायल 112 की शुरुआत की गई. अब तक 400 डायल 112 वाहनों की खरीदारी की जा चुकी है. इन वाहनों को विभिन्न जिलों में जरूरत अनुसार दिया गया है.

बिहार में करीब 1096 पुलिस थाना: बिहार में 1096 पुलिस थाना और 225 आउटपोस्ट है. दोनों को मिला दिया जाए तो यह आंकड़ा 1300 के करीब पहुंच जाता है. पटना के कोतवाली, बुद्धा कॉलोनी, गांधी मैदान, शास्त्रीनगर, कंकड़बाग सहित बड़े थानों में कम से कम 4 गश्ती वाहन होना अनिवार्य है. जबकि छोटे थाने में कम से कम दो गश्ती वाहन अनिवार्य रखा गया है. राज्य सरकार ने पुलिसकर्मियों की बढ़ोतरी के साथ उनके संसाधनों में भी बढ़ोतरी को लेकर निर्देश दिया है.

ऐसे में पुलिस मुख्यालय की ओर से जिले के सभी थानों से पुलिसकर्मियों के साथ-साथ वाहनों की जानकारी मांगी गई है. साथ ही अपराध पर रोकथाम के लिए गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. सूत्रों की माने को गश्ती बढ़ाने के लिए फिलहाल भाड़े पर वाहन लेकर थाने को दिया जाएगा. थानों में सरकारी वाहन के अलावा भाड़े का वाहन उपयोग पहले से किया जाता रहा है.

बिहार राज्य सरकार की पहल: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विगत 3 दिन पहले पुलिस की बढ़ती आबादी को लेकर भी कहा कि आने वाले वक्त में प्रति लाख व्यक्ति पर 160 से 170 पुलिसकर्मी होंगे. वहीं 44000 पुलिस कर्मियों की बहाली को लेकर भी निर्देश दिया गया है. इसके अलावा डायल 112 के तहत 800 और वाहनों की खरीदारी प्रक्रियाधीन है.

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