पटना :बिहार पुलिस को लगातार हाईटेक बनाने की कवायद बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा की गई. इसमें कई उतार चढ़ा हुए. वहीं कई थानों को हाईटेक बनाया गया. साथ में पुलिस कर्मियों को भी कई सुविधाओं से लैस किया गया. साल 2023 में ही सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा डायल 112 का शुभारंभ किया गया. बढ़ते घरेलू हिंसा और अपराध के मामले को देखते हुए डायल 112 की शुभारंभ की गई. डायल 112 किसी भी समस्या में कॉल करने पर वह तुरंत मौके वारदात पर पहुंचती है.
अच्छे और बुरे दोनों दौर से गुजरा पुलिस विभाग : वहीं कई पुलिस कर्मियों को अच्छे कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया, तो कई पुलिस कर्मियों को अपने कर्तव्य के दौरान अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी. कई पुलिसकर्मियों को बिहार में लंबित पड़े प्रमोशन को देखते हुए प्रमोशन दी गई. लंबे अरसे से लंबित पड़े अनुसंधान को जल्दी से करने के लिए पुलिस मुख्यालय के द्वारा हजारों पुलिसकर्मियों को प्रमोशन दिया गया. साल 2023 कई मायने में पुलिस कर्मियों के लिए अच्छा रहा, तो कई मायने में खराब भी रहा.
ऑनलाइन स्टेशन डायरी की हुई शुरुआत : इसी साल पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सभी थानों में ऑनलाइन स्टेशन डायरी और एफआईआर की प्रक्रिया शुरू की गई. सभी थानों में सीसीटीएनएस के स्टाफ रखे गए. इनके द्वारा थानों में ऑनलाइन शिकायत और ऑनलाइन स्टेशन डायरी की प्रक्रिया की जाती है. अगर हम बात करें पुलिसकर्मियों के प्रमोशन की तो सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर के 905 पदों पर पदोन्नति दी गई. वहीं एएसआई से सब इंस्पेक्टर के 4826 तथा सिपाही से एएसआई के 2893 पदों पर प्रमोशन दी गई है.
यह साल रहा चुनौतीपूर्ण : साल 2023 की तो पुलिस कर्मियों के लिए काफी चुनौती पूर्ण भी रहा. कई पुलिस कर्मियों को अपने कर्तव्य के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी. अगर हम बात करें बेगूसराय की तो शराब तस्करों ने गुप्त सूचना के आधार पर सब इंस्पेक्टर खामश चौधरी को शराब तस्कर को पकड़ने की दौड़ान उन पर गाड़ी चढ़कर उनकी हत्या कर दी. वहीं एक पुलिसकर्मी घायल भी हो गया. वही नंदकिशोर यादव जो समस्तीपुर के मोहम्मदपुर ओपी प्रभारी थे. अपराधियों से मुठभेड़ के दौरान वह शहीद हो गए.
विभाग ने कई साथियों को खोया : वहीं सिपाही बाल्मीकि कुमार जो सिवान के सिसवन थाना अंतर्गत विशेष छापामारी के दौरान अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई. पुलिस अवर निरीक्षक मोहम्मद अब्बास जो नवादा जिले के वारसलीगंज थाना से सरकारी काम के लिए मुफस्सिल थाना जा रहे थे. उसी दौरान दुर्घटना के शिकार हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. सहायक अवर निरीक्षक भुवनेश्वर सिंह जो उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले थे. वह सिवान के हुसैनगंज थाना में पदस्थापित थे और छापेमारी के क्रम में सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गए इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई.
अलग-अलग हमले में मारे गए कई सिपाही : सिपाही विक्रांत भारती जो बक्सर जिला अंतर्गत सुकरौली थाना में पदस्थापित थे और गश्ती के दौरान सड़क हादसे में दुर्घटनाग्रस्त हो गए और उनकी मौत हो गई. सिपाही रवीश भारती जो मुजाहिदपुर जिला भागलपुर के रहने वाले थे और नवादा के रजौली थाना में पदस्थापित थे. अभियुक्तों की गिरफ्तारी के दौरान ट्रक चालक द्वारा गश्ती गाड़ी बोलेरो पर जोरदार टक्कर मार दी गई और दुर्घटनाग्रस्त हो गए. इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई.
हादसे में भी गई कईयों की जान : वहीं सहायक अवर निरीक्षक सतीश कुमार जो दिलदारनगर उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और सीतामढ़ी जिला में तैनात थे. भागलपुर जेल से कैदी को पहुंचाकर लौट रहे थे. इस दौरान नवगछिया के परबत्ता थाना अंतर्गत सड़क दुर्घटना में शहीद हो गए. सिपाही राजेश कुमार जो डोभी गया के रहने वाले थे, गोपालगंज जिला के यादवपुर थाना में तैनात थे. शराब माफियाओं के विरुद्ध छापेमारी करने के दौरान नव दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उनकी मौत हो गई. बैंक लूटने पहुंचे दो बदमाश जिस पर पुलिस को शक हुई और हाजीपुर पुलिस बल में तैनात सिपाही अमिताभ बच्चन शक के आधार पर इन दोनों अपराधियों को पकड़ना चाहा, जिसमें अपराधियों ने इन्हें गोली मार दी और उनकी मौत हो गई.
शहीदों के परिजनों को मिलने वाली राशि हुई 25 लाख : पुलिस मुख्यालय के कल्याण कोर्स द्वारा 2023 में ही शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों को पहले दो लाख रुपए दिए जाते थे. अब तत्काल 25 लाख रुपया देने की घोषणा की गई. जिसमें कई सहित पुलिसकर्मी के परिजनों को दिया भी गया. वहीं साल 2023 में बिहार के कई जिलों में आए दिन पुलिसकर्मियों पर हमले भी हुए हैं. कभी शराब की छापेमारी के दौरान, तो कभी अतिक्रमण हटाने के दौरान, तो कभी अपराधियों को पकड़ने के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमले हुए हैं और कई पुलिसकर्मी इस हमले के शिकार भी हुए हैं.
2024 में 10 मिशन पर होगा काम : आने वाले 2024 में बिहार पुलिस 10 मिशन पर कार्य करेगी. इसका मुख्य उद्देश्य होगा न्याय व्यवस्था को दुरुस्त करना, सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करना तथा बिहार पुलिस को नागरिक केंद्रित एवं जन उपयोगी बनाना. वहीं पुलिस महानिदेशक बिहार के द्वारा कई दिशा निर्देश पर पुलिस काम करेगी. जिसमें अनुसंधान अपराध नागरिक सेवा यातायात प्रशिक्षण तथा अन्य कई कार्य के क्षेत्र में 2024 में कार्रवाई की जाएगी.
बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा विशिष्ट लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मिशन चलाए जाएंगे. जिसमें जिला स्तर एवं थाना स्तर पर कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी. इसी के साथ-साथ रैंकिंग भी निर्धारित की जाएगी. पहला मिशन अनुसंधान होगा, जिसमें राज्य भर में लगभग साढ़े तीन लाख अपराध के मामलों में प्रतिवर्ष अंकित किए जाते हैं. समय एवं गुणवत्ता पूर्वक अनुसंधान पूर्ण कर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए मिशन अनुसंधान चलाया जाएगा.
अनुसंधानकर्ताओं की बढ़ेगी संख्या : इसका मुख्य उद्देश्य होगा कांडों का निष्पादन 75 दिन में पूरा किया जाए. बिहार में प्रतिवर्ष दर्ज होने वाले मामलों के विरुद्ध राष्ट्रीय मानक एवं अन्य आकलन से लगभग 27500 अनुसंधानकर्ताओं की आवश्यकता है. बिहार पुलिस में 2023 के जनवरी माह तक मात्र 9200 अनुसंधानकर्ता थे, लेकिन अब इसमें बढ़ोतरी हो गई है. अब अनुसंधानकर्ताओं की संख्या लगभग 15000 हो गई है.
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