पटना: बिहार पंचायती राज विभाग ने सभी जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि हर हाल में उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजें. विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने इससे संबंधित डीएम, डीडीसी सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पिछले दिनों पत्र भी भेजा है. उपयोगिता प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर के लिए जिला पंचायत राज्य पदाधिकारी को शक्ति भी दे दी गई है.
सभी जिलों को विभाग का निर्देश: विभाग के अपर मुख्य सचिव के द्वारा जो पत्र भेजा गया है, उसके मुताबिक अभी भी वित्तीय वर्ष 2022-23 तक आवंटित 26182 करोड़ 83 लाख की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित है. साथ ही 108 करोड़ 13 लाख की राशि का डीसी बिल भी जमा करना बाकी है. अपर मुख्य सचिव ने जिलों के अधिकारियों को कहा है कि राशि जमा करने के बाद पुरानी योजनाओं बीआरजीएफ आरएस भी वाई वित्त आयोग 13वां वित्त आयोग तृतीय राज्य वित्त आयोग चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की राशि का अंतिम अंकेक्षण करते हुए रिपोर्ट महालेखाकार को जमा कराना सुनिश्चित करें.
पुराने आदेश वापस: विभाग ने उपयोगिता प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर करने के लिए पंचायती राज विभाग के अवर सचिव को प्राधिकृत करने के अपने पुराने आदेश को भी वापस ले लिया है. 1 अप्रैल, 2019 के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र कोषागार के माध्यम से महालेखाकार को ऑनलाइन भेजा जाना है, जबकि उसके पहले का उपयोगिता प्रमाण पत्र महालेखाकार को मूल में उपलब्ध कराया जाना है. जमा किए गए ऑनलाइन और फिजिकल प्रमाण पत्रों की फोटो कॉपी मासिक रूप से उपलब्ध कराना है.
31 मार्च तक अंतिम भुगतान का निर्देश: उप विकास आयुक्त कार्यालय में 13वां वित्त आयोग, 12वां वित्त आयोग या उसके पूर्व के वित्त आयोग के बैंक खाते बंद करने और उनकी राशि को राज्य सरकार के पास सिर्फ में जमा करना है. इसके बाद 31 जनवरी 2024 के पूर्व जमा राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना है. प्रखंडों, पंचायत समितियां और पंचायत में तृतीय राज्य वित्त आयोग चतुर्थ राज वित्त आयोग बी आर जी एफ 12 वां वित्त आयोग, 13वां वित्त आयोग के सभी बैंक खातों को बंद कर राशि राज्य सरकार के पास जमा करने के लिए कहा गया है. यह भी निर्देश दिया गया है कि 14वां वित्त आयोग के तहत सभी योजनाओं का क्रियान्वयन 20 मार्च तक पूरा कर 31 मार्च तक अंतिम भुगतान कर अभिलेख बंद कर दिया जाए.
एसी डीसी बिल में गड़बड़ी की शिकायत: वैसे हर साल कैग की रिपोर्ट में हजारों करोड़ के विभिन्न विभागों में उपयोगिता प्रमाण पत्र और ऐसी डीसी बिल लंबित होने को लेकर टिप्पणी की जाती है और इस वित्तीय अनियमित का मुद्दा बताती रही है. उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिल पाने के कारण केंद्र सरकार से समय पर राशि भी नहीं मिलती है. यह भी एक बड़ा कारण है कि विभाग की ओर से इस मामले में सख्ती बरती जा रही है.
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