पटना: बिहार सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. इस बार ईवीएम से पंचायत चुनाव कराए जाएंगे. पंचायत स्तर की योजनाओं में गड़बड़ी करने वालों को चुनाव लड़ने से वंचित किया जाएगा.
यह भी पढ़ें- पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 13 मार्च को बिहार ग्राम संसद का होगा आयोजन
पहली बार बिहार में होगा ईवीएम से पंचायत चुनाव
बिहार में पहली बार पंचायत चुनाव ईवीएम से होने जा रहा है. इसके लिए पंचायती राज विभाग तमाम तरह की तैयारियां कर रहा है. पंचायत चुनाव में वैसे उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें सामने आने वाली हैं, जिन्होंने पंचायती राज योजनाओं में गड़बड़ी की है और विभाग ने उन्हें दोषी पाया है. वैसे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
जिन्हें दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. पंचायत चुनाव में वैसे उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमा पाएंगे जिन्हें दो या दो से अधिक बच्चे हैं. सरकार ने पंचायत चुनाव में वैसे उम्मीदवारों पर रोक नहीं लगाई है जिन्हें 2 से अधिक बच्चे हैं.
भ्रष्टाचार के मामले में दोषी नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा "हम चुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार हैं. इस बार ईवीएम से चुनाव कराए जाने को लेकर तमाम तरह की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. समय पर और निष्पक्ष चुनाव के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं."
"पंचायत चुनाव में बिहार ने पूरे देश में कुछ प्रतिमान स्थापित किया है. पंचायत चुनाव में वैसे लोगों को अवसर नहीं मिलेगा जो योजनाओं में गड़बड़ी के लिए दोषी पाए गए हैं."- नीरज कुमार, जदयू नेता
वहीं, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा "इस बार अहर्ता को लेकर कोई खास बदलाव नहीं किया गया है लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर सरकार गंभीर है. भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त लोगों को लेकर विभाग का रवैया सख्त है. भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे."