पटना: कोरोना संक्रमण के बीच लगभग तीन सप्ताह बाद सीएम नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक क. इस बैठक मे सीएम ने ज्यादा संक्रमण और बाढ़ को लेकर चर्पचा की. बैठक में मुख्यमंत्री ने संक्रमण को लेकर बरती जा रही लापरवाही को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को खड़ी-खोटी सुनाई थी. इसके बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया.
नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि सीएम नीतीश की नींद तब खुली है, जब प्रदेश में सैकड़ों लोगों की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है. मुख्यमंत्री अब सबकुछ लूटाकर जनता को दिगभ्रमित करने के लिए अधिकारियों को फटकार लगा रहे हैं.
मुख्यमंत्री खुद करें चिंतन- कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने कहा कि अधिकारियों को फटकार लगाकर सीएम खुद की गलतियों को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं. उनकी नाकामयाबी का नतीजा पूरे बिहार की जनता भोग रही है. बाढ़ हो या फिर कोरोना सीएम अपनी उसकी जिम्मेदारी अधिकारियों को नहीं दे सकते हैं. सभी विभागों की समीक्षा नीतीश कुमार समय-समय पर खुद से करते भी रहते हैं. बिहार सरकार अपने 15 साल के गलतियों को छिपाने के लिए 15 साल पूरानी सरकार पर जिम्मेवारी थोप रही है. वे अधिकारियों पर नाकमीयों का नतीजा फोड़ रहे हैं. सीएम को खुद के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए.
बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश को कर रही बदनाम- हम पार्टी
वहीं, हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा की सीएम नाराजगी केवल जनता के दिखाने के लिए कर रहे हैं. जनता की नाराजगी से ये अब भय खाने लगे है. इस वजह से वो बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री से नाराजगी ना करके अधिकीरियों को फटकार लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सीएम सच में नाराज है तो उन्हें खुद सड़कों पर उतर कर लोगों की परेशानियों का समझना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग को अपने अधिन रख कोरोना जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए. सीएम ने कहा कि बीजेपी मुख्यमंत्री को केवल बदनाम कर रही है.
बिहार में तेजी से फैल रहा कोरोना संक्रमण
गौरतलब है कि बिहार में तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की थी. बता दें कि इस समय बिहार में प्रतिदिन 10 से 12 हजार कोरोना जांच हो रही है. मुख्यमंत्री ने विभाग कसो प्रत्येक दिन 20 हजार कोरोना जांच करने का आदेश दिया है.