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Bihar Cyber Crime : साइबर सेंटर पर कॉल अटेंड करने के मामले में बिहार नंबर वन, हर घंटे हो रही 100 ठगी

बिहार में साइबर ठगी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. सोशल मीडिया और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के चक्कर में साइबर ठग लगातार भोले भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं. साइबर अटैक के झांसे में आम ही नहीं खास लोग भी आ रहे हैं. साइबर ठगों से निपटने के लिए पुलिस मुख्यालय ने भी एक्शन प्लान तैयार किया है.

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Published : Jun 12, 2023, 10:37 PM IST

Updated : Jun 12, 2023, 10:54 PM IST

बिहार में हर दिन 100 लोगों से साइबर ठगी

पटना : साइबर ठगी के शिकार भोले-भाले और आम लोग तो हो रहे हैं पढ़े लिखे और सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे लोग भी ठगी का शिकार हो रहे हैं. बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से भी साइबर ठग ने ठगी कर ली थी, हालांकि उनके पैसे वापस आ गए थे. समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव प्रेम सिंह मीणा भी साइबर ठग के शिकार हो चुके हैं. इसके अलावा एडीजी स्तर के अधिकारी कमल किशोर सिंह और आईएएस ऑफिसर उदयन मिश्रा ठगी का शिकार हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- Bihar News: बिहार में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय हेराफेरी का मामला, पाकिस्तान से जुड़े तार- ADG मुख्यालय

पुलिस के लिए भी चुनौती हैं साइबर ठग : आपराधिक घटनाएं तो बिहार पुलिस के लिए पहले से चुनौती बनी हुई थीं, लेकिन नए तरह के अपराध में बिहार पुलिस का जीना मुहाल कर दिया है. बिहार में इन दिनों साइबर ठग पांव पसार पर जा रहे हैं. पहले साइबर ठग के लिए झारखंड का जामताड़ा चर्चित था, लेकिन बिहार में अब जामताड़ा जैसे कई केंद्र विकसित हो गए हैं. साइबर ठग मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए भोले भाले लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

44 साइबर थाने प्रदेश में खुले : इन मामलो में पुलिस जितनी तेजी से लोगों को जागरूक करने में जुटी है उतनी तेजी से साइबर ठग अपना तरीका बदलने में कामयाब हो जा रहे हैं. साइबर क्राइम से निपटने के लिए बिहार सरकार ने भी रणनीति तैयार की है. बिहार में 44 साइबर थाने की स्वीकृति मिल चुकी है. थाने का इंचार्ज डीएसपी को बनाया गया है लोग अब सीधे साइबर थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा इन थानों में भी उनकी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

प्रदेश में हर घंटे 100 साइबर ठगी : हर रोज साइबर सेल के कॉल सेंटर में हर रोज दो हजार से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं. तकरीबन हर घंटे 100 से ज्यादा लोग हर घंटे साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं. साइबर ठगी के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर कॉल अटेंड करने के मामले में बिहार नंबर वन पर है. 26 फरवरी 2023 से लेकर अब तक कॉल सेंटर में 11920 फोन कॉल आए कुल मिलाकर 664 एफ आई आर दर्ज किए गए. कुल मिलाकर ₹6 करोड़ 92 लाख 40000 की ठगी हुई. साइबर सेल 75 लाख रुपए वापस करा चुका है. आपको बता दें कि 2022 में 54 करोड़ की ठगी हुई थी और 5 करोड़ रिकवर किया जा सका था.


ऑनलाइन ऐप से हो रही ठगी : पटना के गौरव कुमार भी ठगी के शिकार हुए. ऐप के जरिए गौरव से ठगी की गई. ऑनलाइन कमाई का झांसा दिया गया और गौरव से साइबर ठग ने ₹60000 ऐंठ लिए. आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने कहा कि ''साइबर ठगों से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार है. बिहार में कई सेंटर खुल हो चुके हैं लेकिन हम लोगों ने इस महीने तीन बड़ी कार्रवाई की है. आगे भी ऑपरेशन जारी रहेगा.''


एडीजी मुख्यालय जीएस गंगवार ने कहा कि ''बिहार के तमाम जिलों में साइबर थाना खुल चुका है. थानों में प्राथमिकी दर्ज भी कराई जा रही है. साइबर ठग अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं. साइबर ठगों पर ही हमारी नजर है. दूसरे राज्यों में बैठकर जो ठगी कर रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास जारी हैं.''

बिहार में हर दिन 100 लोगों से साइबर ठगी

पटना : साइबर ठगी के शिकार भोले-भाले और आम लोग तो हो रहे हैं पढ़े लिखे और सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे लोग भी ठगी का शिकार हो रहे हैं. बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से भी साइबर ठग ने ठगी कर ली थी, हालांकि उनके पैसे वापस आ गए थे. समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव प्रेम सिंह मीणा भी साइबर ठग के शिकार हो चुके हैं. इसके अलावा एडीजी स्तर के अधिकारी कमल किशोर सिंह और आईएएस ऑफिसर उदयन मिश्रा ठगी का शिकार हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- Bihar News: बिहार में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय हेराफेरी का मामला, पाकिस्तान से जुड़े तार- ADG मुख्यालय

पुलिस के लिए भी चुनौती हैं साइबर ठग : आपराधिक घटनाएं तो बिहार पुलिस के लिए पहले से चुनौती बनी हुई थीं, लेकिन नए तरह के अपराध में बिहार पुलिस का जीना मुहाल कर दिया है. बिहार में इन दिनों साइबर ठग पांव पसार पर जा रहे हैं. पहले साइबर ठग के लिए झारखंड का जामताड़ा चर्चित था, लेकिन बिहार में अब जामताड़ा जैसे कई केंद्र विकसित हो गए हैं. साइबर ठग मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए भोले भाले लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

44 साइबर थाने प्रदेश में खुले : इन मामलो में पुलिस जितनी तेजी से लोगों को जागरूक करने में जुटी है उतनी तेजी से साइबर ठग अपना तरीका बदलने में कामयाब हो जा रहे हैं. साइबर क्राइम से निपटने के लिए बिहार सरकार ने भी रणनीति तैयार की है. बिहार में 44 साइबर थाने की स्वीकृति मिल चुकी है. थाने का इंचार्ज डीएसपी को बनाया गया है लोग अब सीधे साइबर थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा इन थानों में भी उनकी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

प्रदेश में हर घंटे 100 साइबर ठगी : हर रोज साइबर सेल के कॉल सेंटर में हर रोज दो हजार से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं. तकरीबन हर घंटे 100 से ज्यादा लोग हर घंटे साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं. साइबर ठगी के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर कॉल अटेंड करने के मामले में बिहार नंबर वन पर है. 26 फरवरी 2023 से लेकर अब तक कॉल सेंटर में 11920 फोन कॉल आए कुल मिलाकर 664 एफ आई आर दर्ज किए गए. कुल मिलाकर ₹6 करोड़ 92 लाख 40000 की ठगी हुई. साइबर सेल 75 लाख रुपए वापस करा चुका है. आपको बता दें कि 2022 में 54 करोड़ की ठगी हुई थी और 5 करोड़ रिकवर किया जा सका था.


ऑनलाइन ऐप से हो रही ठगी : पटना के गौरव कुमार भी ठगी के शिकार हुए. ऐप के जरिए गौरव से ठगी की गई. ऑनलाइन कमाई का झांसा दिया गया और गौरव से साइबर ठग ने ₹60000 ऐंठ लिए. आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने कहा कि ''साइबर ठगों से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार है. बिहार में कई सेंटर खुल हो चुके हैं लेकिन हम लोगों ने इस महीने तीन बड़ी कार्रवाई की है. आगे भी ऑपरेशन जारी रहेगा.''


एडीजी मुख्यालय जीएस गंगवार ने कहा कि ''बिहार के तमाम जिलों में साइबर थाना खुल चुका है. थानों में प्राथमिकी दर्ज भी कराई जा रही है. साइबर ठग अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं. साइबर ठगों पर ही हमारी नजर है. दूसरे राज्यों में बैठकर जो ठगी कर रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास जारी हैं.''

Last Updated : Jun 12, 2023, 10:54 PM IST
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