पटना: मंगलवार को महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश हो गया है. इसको लेकर सियासी दलों की ओर प्रतिक्रिया भी शुरू हो गई है. बिहार में जेडीयू कोटे से मंत्री जमा खान ने कहा कि इस मामले में हमारे नेता ही फैसला लेंगे कि हमें क्या रुख दिखाना है. हालांकि उन्होंने कहा कि हम लोगों को बीजेपी पर भरोसा नहीं है, क्योंकि वे लोग कब क्या बोलेंगे और कब क्या करेंगे किसी को नहीं पता.
"महिला आरक्षण बिल पर हमारे नेता बोलेंगे. बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलोगों को भरोसा नहीं है. 9 साल से सरकार चला रहे हैं लेकिन जो बोलते हैं, वह कभी नहीं करते हैं. ऐसे में अभी सब कुछ सामने आने दीजिए, फिर बोलेंगे"- जमा खान, मंत्री, अल्पसंख्यक विभाग
मोदी सरकार पर भड़के जमा खान: अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि बीजेपी 9 साल से सत्ता में है. देश के लोगों को उम्मीद थी कि काला धन वापस लाएंगे. नौजवानों को रोजगार मिलेगा लेकिन कहीं कुछ नहीं हुआ. हर खाते में 15 लाख रुपये डालने की बात भी जुमला साबित हुआ. महंगाई लगातार आसमान छू रही है.
'चुनाव में फायदे के लिए महिला आरक्षण बिल': इस दौरान जमा खान ने कहा कि बीजेपी औैर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी करते हैं, सिर्फ अपने चुनावी फायदे के लिए करते हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में सियासी लाभ लेने के लिए केंद्र सरकार ने ये कदम उठाया है, जबकि बिहार में हमारी सरकार महिलाओं के हित में हर मोर्चे पर कदम उठाती रही है.
महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश: मंगलवार को संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया है. बुधवार को इस पर चर्चा होगी. इसके तहत लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी. यानी लोकसभा में 181 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व रहेंगी. हालांकि कई पार्टियां इसमें आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग कर रही है.