पटनाः बिहार में जीविका दीदी को सरकार कई नए कार्यों की जिम्मेदारी दे रही है. सरकार ने अब जीविका दीदी को सरकारी अस्पताल में मरीजों को भोजन बनाने की जिम्मेवारी दी है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Shravan Kumar on Jeevika Didi In bihar) ने कहा कि बिहार का जीविका मॉडल सबसे हिट है. केंद्र ने भी इसे अपनाया है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है जो लगातार आगे बढ़ रहा है.
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मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार में 1 करोड़ 27 लाख परिवार की महिलाएं जीविका से जुड़ी हैं और विभिन्न तरह का कार्य कर आत्मनिर्भर हो रही हैं. 10 लाख 30 हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूह जीविका के माध्यम से काम कर रही हैं. सरकार भी समय-समय पर कई कार्य इन्हें देती है. अभी समाज सुधार कार्यक्रम में शराबबंदी हो, दहेज प्रथा उन्मूलन हो या बाल विवाह उन्मूलन का मामले हों, सभी के लिए जीविका दीदी काम कर रही हैं.
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अब अस्पताल में भी मरीजों का भोजन बनाने का जिम्मा इन्हें ही मिला है. यानी कुल मिलाकर देखें तो स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं महिलाएं अपने भविष्य खुद सुधार रही हैं. कोई अचार बनाने का काम कर रही हैं तो कोई पापड़ बना रही हैं और बाजार में दे रही हैं. ये लोग कई तरह का काम कर आत्मनिर्भर बन रही हैं.
'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जीविका दीदी को आगे बढ़ाने के लिए लगातार पहल करते रहे हैं. यही कारण है कि बिहार में जीविका के माध्यम से महिलाएं लगातार आत्मनिर्भर हो रही हैं. निश्चित तौर पर सरकार महिला सशक्तिकरण को लेकर काम करना चाहती है और जीविका एक उदाहरण है'- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री
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श्रवण कुमार ने बताया कि पूरे देश में बिहार मॉडल के तहत ही आजीविका की स्थापना की गई है. पूरे देश में इस तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. बिहार का कार्यक्रम अन्य राज्यों से अलग है और यहां लगातार स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाएं आगे बढ़ रही हैं और इसको लेकर विभाग भी काम कर रहा है.
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