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राज्यपाल ने KK Pathak का आदेश किया निरस्त तो ACS के समर्थन में उतरी सरकार, राजभवन को दे डाली नसीहत

बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच ठनती दिख रही है. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के खिलाफ केके पाठक के दिए गए आदेश को राजभवन ने शिथिल कर दिया तो नीतीश के मंत्री तमतमा गए. उन्होंने विश्वविद्यालयों को खुद के फंड से यूनिवर्सिटी चलाने की नसीहत दे दी है. एक तरह से ये राजभवन और नीतीश सरकार के बीच कोल्ड वार के रूप में माना जा रहा है..

बिहार में केके पाठक ने लड़ा दिया?
बिहार में केके पाठक ने लड़ा दिया?
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Published : Aug 19, 2023, 3:55 PM IST

Updated : Aug 19, 2023, 4:06 PM IST

अशोक चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार

पटना : बिहार सरकार और राजभवन के बीच ठन गई है. केके पाठक के आदेश को रद्द कर देने पर नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का पारा हाई हो चुका है. उन्होंने राजभवन को एक तरह से नसीहत दे डाली है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों को फंडिंग करती और उसी से विश्वविद्यालय में पठन पाठन का काम होता है. राज्य सरकार अगर फंडिंग करेगी तो गाइड लाइन तो मानना ही पड़ेगा. अगर विश्वविद्यालय यह चाहती है कि उसमें राज्य सरकार का दखल न हो तो फंड न लेकर खुद इंतजाम करें.

ये भी पढ़ें- राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव, KK Pathak के निर्देश को 24 घंटे के भीतर राजभवन ने किया खारिज

केके पाठक ने कांड करा दिया? : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का समर्थन करते हुए नीतीश सरकार के मंत्री ने मोर्चा खोलते हुए राजभवन को ही आड़े हाथ ले लिया. दरअसल, आईएएस केके पाठक ने विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक के दौरान बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वित्तीय अधिकार पर रोक लगा दी थी. साथ ही यूनिवर्सिटी के सभी अकाउंट के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दिया था. इसी आदेश को राजभवन ने राजाज्ञा के तहत निर्देश पत्र जारी करते हुए रद्द कर सभी खातों को बहाल करते हुए केके पाठक के आदेश को ही निरस्त कर दिया.

''राज्य सरकार अगर विश्वविद्यालय को फंड देगी तो वह चाहेगी की सरकार के रुल्स और गाइडलाइन को फॉलो करे. विश्वविद्यालय एक ऑटोनॉमस बॉडी है लेकिन जब वह राज्य सरकार से फंड ले रही है तो उसके नियमों का पालन करना होगा. नहीं तो वो खुद अपने फंड की व्यस्था करें''- अशोक चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार

केके पाठक को मिला नीतीश के मंत्री का साथ : अशोक चौधरी ने साफ-साफ कहा कि शिक्षा विभाग का जो गाइडलाइन है, उसके अनुसार ही विश्वविद्यालय को पत्राचार किया जाता है. इस बार भी ऐसा ही हुआ है. कुल मिलाकर देखें तो शिक्षा विभाग और राज भवन के बीच विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के वेतन को लेकर जो पत्राचार हुआ है, शिक्षा विभाग के द्वारा किए गए पत्राचार को मंत्री अशोक चौधरी ने सही करार दिया है.

शिक्षामंत्री से भी हुआ था विवाद : बता दें कि केके पाठक के आदेश की वजह से दूसरा बड़ा विवाद सामने आया है. इसके पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह से मनमुटाव हुआ था. तब उस विवाद के बाद कई दिनों तक शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने विभाग से दूरी बना लिया था. हालांकि कई दिनों बाद जब वो लौटे तो उन्होंने बिना उनकी मौजूदगी में विभागीय बैठक ली थी. केके पाठक ने शिक्षा ंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव केएन यादव को विभाग में न घुसने का निर्देश जारी किया था.

अशोक चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार

पटना : बिहार सरकार और राजभवन के बीच ठन गई है. केके पाठक के आदेश को रद्द कर देने पर नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का पारा हाई हो चुका है. उन्होंने राजभवन को एक तरह से नसीहत दे डाली है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों को फंडिंग करती और उसी से विश्वविद्यालय में पठन पाठन का काम होता है. राज्य सरकार अगर फंडिंग करेगी तो गाइड लाइन तो मानना ही पड़ेगा. अगर विश्वविद्यालय यह चाहती है कि उसमें राज्य सरकार का दखल न हो तो फंड न लेकर खुद इंतजाम करें.

ये भी पढ़ें- राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव, KK Pathak के निर्देश को 24 घंटे के भीतर राजभवन ने किया खारिज

केके पाठक ने कांड करा दिया? : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का समर्थन करते हुए नीतीश सरकार के मंत्री ने मोर्चा खोलते हुए राजभवन को ही आड़े हाथ ले लिया. दरअसल, आईएएस केके पाठक ने विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक के दौरान बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वित्तीय अधिकार पर रोक लगा दी थी. साथ ही यूनिवर्सिटी के सभी अकाउंट के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दिया था. इसी आदेश को राजभवन ने राजाज्ञा के तहत निर्देश पत्र जारी करते हुए रद्द कर सभी खातों को बहाल करते हुए केके पाठक के आदेश को ही निरस्त कर दिया.

''राज्य सरकार अगर विश्वविद्यालय को फंड देगी तो वह चाहेगी की सरकार के रुल्स और गाइडलाइन को फॉलो करे. विश्वविद्यालय एक ऑटोनॉमस बॉडी है लेकिन जब वह राज्य सरकार से फंड ले रही है तो उसके नियमों का पालन करना होगा. नहीं तो वो खुद अपने फंड की व्यस्था करें''- अशोक चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार

केके पाठक को मिला नीतीश के मंत्री का साथ : अशोक चौधरी ने साफ-साफ कहा कि शिक्षा विभाग का जो गाइडलाइन है, उसके अनुसार ही विश्वविद्यालय को पत्राचार किया जाता है. इस बार भी ऐसा ही हुआ है. कुल मिलाकर देखें तो शिक्षा विभाग और राज भवन के बीच विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के वेतन को लेकर जो पत्राचार हुआ है, शिक्षा विभाग के द्वारा किए गए पत्राचार को मंत्री अशोक चौधरी ने सही करार दिया है.

शिक्षामंत्री से भी हुआ था विवाद : बता दें कि केके पाठक के आदेश की वजह से दूसरा बड़ा विवाद सामने आया है. इसके पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह से मनमुटाव हुआ था. तब उस विवाद के बाद कई दिनों तक शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने विभाग से दूरी बना लिया था. हालांकि कई दिनों बाद जब वो लौटे तो उन्होंने बिना उनकी मौजूदगी में विभागीय बैठक ली थी. केके पाठक ने शिक्षा ंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव केएन यादव को विभाग में न घुसने का निर्देश जारी किया था.

Last Updated : Aug 19, 2023, 4:06 PM IST
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