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Modi Cabinet Expension: बिहार के इन सांसदों को मिल सकती है केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह

मोदी कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट तेज होते ही बिहार के राजनीतिक गलियारों में कई नेताओं को जगह मिलने की खबरें तैरने लगी है. देखिए मंत्री बनने की रेस में किन-किन नेताओं के नाम सबसे आगे है..

Modi Cabinet Expension
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Published : Jun 19, 2021, 11:09 AM IST

Updated : Jun 19, 2021, 1:15 PM IST

पटनाः केन्द्रीय मंत्रिमंडल (Central Cabinet) का विस्तार मॉनसून सत्र से पहले होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. संभावना है कि जून अंत तक मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार ( Modi Cabinet Expension ) कर लिया जाएगा. कैबिनेट में सहयोगी दलों को भी शामिल किए जाने की बात कही जा रही है. इसके बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में भी मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले नेताओं के नाम तैरने लगे हैं.

बिहार के कई नेताओं के नाम केन्द्रीय कैबिनेट (Central Cabinet ) में जगह पाने की रेस में है. जदयू कोटे से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ( RCP Singh ) का नाम सबसे आगे है. वहीं जदयू सासंद ललन सिंह ( JDU MP Lalan Singh ), पूर्णिया सांसद संतोष कुमार कुशवाहा ( Purnea Mp Santosh Kumar ) और लोजपा सांसद पशुपति पारस ( LJP MP PAashupati Kumar Paras ) को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.

इसे भी पढ़ेंः Modi Cabinet Expansion: यूपी चुनाव से पहले मोदी कैबिनेट का विस्तार, बिहार से कई चेहरे दावेदार

कौन हैं वो...जो बन सकते हैं मंत्री

आरसीपी सिंह
आरसीपी सिंह JDU के राज्यसभा सांसद के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. 62 वर्षीय आरसीपी सिंह मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं जहां से नीतीश कुमार भी हैं. आरसीपी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले आरसीपी सिंह JDU के राष्ट्रीय महासचिव थे. साथ ही राजनीति में आने से पहले वो उत्तर प्रदेश काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके हैं.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह

ललन सिंह
बिहार में भूमिहारों के बड़े नेता में ललन सिंह की गिनती होती है. 2019 लोकसभा चुनाव में मुंगेर सीट से ललन सिंह ने बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को हराकर सांसद बने हैं. ललन सिंह इसके पहले भी मुंगेर और बेगूसराय लोकसभा सीट से सांसद चुने जा चुके हैं. ललन सिंह जीतनराम मांझी सरकार और जेडीयू-आरजेडी की गठबंधन सरकार में भी मंत्री रहे हैं. वे नीतीश कुमार के खास रणनीतिकार माने जाते हैं.

मुंगेर लोकसभा सीट से जदयू सांसद ललन सिंह
मुंगेर लोकसभा सीट से जदयू सांसद ललन सिंह

पशुपति कुमार पारस
पशुपति कुमार पारस दिवंगत रामविलास पासवान के भाई है. वे अलौली से पांच बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने जेएनपी उम्मीदवार के रूप में 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता. तब से वे एलकेडी, जेपी और एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. उन्होंने बिहार सरकार में पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया. हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता और संसद के सदस्य बने. अभी हाल ही में लोजपा के पांच सांसदों का समर्थन लेकर पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष और लोजपा के संसदीय दल के नेता बने हैं.

लोजपा से हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस
लोजपा से हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस

संतोष कुमार कुशवाहा
संतोष कुमार कुशवाहा बिहार के पूर्णिया निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के टिकट पर सांसद हैं. वह पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए थे.

पूर्णिया से सांसद संतोष कुमार
पूर्णिया से सांसद संतोष कुमार

जेडीयू-बीजेपी का पुराना रिश्ता
जेडीयू और बीजेपी 2005 से बिहार में सरकार चला रहे हैं. वहीं, वाजपेयी सरकार में जेडीयू को संख्या बल के हिसाब से जगह भी मिली थी, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब सरकार बनी तो उस समय जेडीयू बिहार में बीजेपी से अलग थी. हालांकि, 2017 में जरूर फिर से बीजेपी के साथ सरकार बनी, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. उसके बाद 2019 के चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला. लेकिन जेडीयू को केवल एक मंत्री पद दिया जा रहा था. जिस वजह से बात नहीं बन पाई थी.

मोदी कैबिनेट...एक नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. नियमों के मुताबिक लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत यानी अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं. पिछली सरकार में मोदी सरकार में 70 मंत्री थे. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी पिछली बार के आंकड़े पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमल किया तो कम से कम 13 नए मंत्रियों को सरकार में जगह मिल सकती है.

इसे भी पढ़ें- कैबिनेट बर्थ की चाहत में तेज हुई सियासत, नीतीश की मुखालफत के कारण क्या पूरी होगी चिराग की हसरत?

पटनाः केन्द्रीय मंत्रिमंडल (Central Cabinet) का विस्तार मॉनसून सत्र से पहले होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. संभावना है कि जून अंत तक मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार ( Modi Cabinet Expension ) कर लिया जाएगा. कैबिनेट में सहयोगी दलों को भी शामिल किए जाने की बात कही जा रही है. इसके बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में भी मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले नेताओं के नाम तैरने लगे हैं.

बिहार के कई नेताओं के नाम केन्द्रीय कैबिनेट (Central Cabinet ) में जगह पाने की रेस में है. जदयू कोटे से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ( RCP Singh ) का नाम सबसे आगे है. वहीं जदयू सासंद ललन सिंह ( JDU MP Lalan Singh ), पूर्णिया सांसद संतोष कुमार कुशवाहा ( Purnea Mp Santosh Kumar ) और लोजपा सांसद पशुपति पारस ( LJP MP PAashupati Kumar Paras ) को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.

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कौन हैं वो...जो बन सकते हैं मंत्री

आरसीपी सिंह
आरसीपी सिंह JDU के राज्यसभा सांसद के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. 62 वर्षीय आरसीपी सिंह मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं जहां से नीतीश कुमार भी हैं. आरसीपी नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले आरसीपी सिंह JDU के राष्ट्रीय महासचिव थे. साथ ही राजनीति में आने से पहले वो उत्तर प्रदेश काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके हैं.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह

ललन सिंह
बिहार में भूमिहारों के बड़े नेता में ललन सिंह की गिनती होती है. 2019 लोकसभा चुनाव में मुंगेर सीट से ललन सिंह ने बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को हराकर सांसद बने हैं. ललन सिंह इसके पहले भी मुंगेर और बेगूसराय लोकसभा सीट से सांसद चुने जा चुके हैं. ललन सिंह जीतनराम मांझी सरकार और जेडीयू-आरजेडी की गठबंधन सरकार में भी मंत्री रहे हैं. वे नीतीश कुमार के खास रणनीतिकार माने जाते हैं.

मुंगेर लोकसभा सीट से जदयू सांसद ललन सिंह
मुंगेर लोकसभा सीट से जदयू सांसद ललन सिंह

पशुपति कुमार पारस
पशुपति कुमार पारस दिवंगत रामविलास पासवान के भाई है. वे अलौली से पांच बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने जेएनपी उम्मीदवार के रूप में 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता. तब से वे एलकेडी, जेपी और एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. उन्होंने बिहार सरकार में पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया. हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता और संसद के सदस्य बने. अभी हाल ही में लोजपा के पांच सांसदों का समर्थन लेकर पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष और लोजपा के संसदीय दल के नेता बने हैं.

लोजपा से हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस
लोजपा से हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस

संतोष कुमार कुशवाहा
संतोष कुमार कुशवाहा बिहार के पूर्णिया निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के टिकट पर सांसद हैं. वह पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए थे.

पूर्णिया से सांसद संतोष कुमार
पूर्णिया से सांसद संतोष कुमार

जेडीयू-बीजेपी का पुराना रिश्ता
जेडीयू और बीजेपी 2005 से बिहार में सरकार चला रहे हैं. वहीं, वाजपेयी सरकार में जेडीयू को संख्या बल के हिसाब से जगह भी मिली थी, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब सरकार बनी तो उस समय जेडीयू बिहार में बीजेपी से अलग थी. हालांकि, 2017 में जरूर फिर से बीजेपी के साथ सरकार बनी, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. उसके बाद 2019 के चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला. लेकिन जेडीयू को केवल एक मंत्री पद दिया जा रहा था. जिस वजह से बात नहीं बन पाई थी.

मोदी कैबिनेट...एक नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. नियमों के मुताबिक लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत यानी अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं. पिछली सरकार में मोदी सरकार में 70 मंत्री थे. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी पिछली बार के आंकड़े पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमल किया तो कम से कम 13 नए मंत्रियों को सरकार में जगह मिल सकती है.

इसे भी पढ़ें- कैबिनेट बर्थ की चाहत में तेज हुई सियासत, नीतीश की मुखालफत के कारण क्या पूरी होगी चिराग की हसरत?

Last Updated : Jun 19, 2021, 1:15 PM IST
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