पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव के पांच चरण पूरे हो चुके हैं. अब दो चरणों में 16 सीटों पर चुनाव होना है. लालू परिवार इन दिनों सोशल मीडिया पर अपने विरोधियों पर हमला करने में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. खासकर राबड़ी देवी लालू यादव की कमी को पूरा करने की पूरी कोशिश कर रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसमें पीछे नहीं हैं. नीतीश भी सोशल मीडिया पर विपक्ष पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं.
तेजस्वी यादव ने तो पहले से ही सत्ता पक्ष के नेताओं की परेशानी बढ़ा रखी है. लालू परिवार का ट्विटर पर फॉलोअर्स की संख्या 6.38 m है. वहीं नीतीश कुमार के फॉलोअर्स की संख्या 4.8 3m है. लालू परिवार की सोशल मीडिया पर सक्रियता को लेकर सत्ता पक्ष के नेता जरूर कटाक्ष कर रहे हैं. बीजेपी और जदयू के नेताओं का कहना है कि जनता इन्हें नकार दी है तो सोशल मीडिया से ही काम चला रहे हैं.
किसके हैं कितने फॉलोअर्स
सोशल मीडिया पर लोकप्रियता के मामले में नीतीश सबसे आगे हैं. ट्विटर पर नीतीश कुमार के फॉलोअर्स की संख्या 4.8 3m है तो वहीं लालू यादव के फॉलोअर्स की संख्या 4.7 3m है. सुशील मोदी की 1.8 6 m है. तेजस्वी यादव की 1 . 6 5 m है. इस मामले में 17.6k के साथ राबड़ी देवी बहुत पीछे हैं. इसके बावजूद सक्रियता के मामले में इन दिनों राबड़ी देवी सबसे आगे दिख रही हैं.
आरोप-प्रत्यारोप में कर रहे हैं सोशल मीडिया का इस्तेमाल
लोकसभा चुनाव में बिहार में सोशल मीडिया का इस्तेमाल राजनीतिक दल के नेता एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में खूब कर रहे हैं. इस मामले में लालू परिवार सबसे आगे दिख रहा है राबड़ी देवी ट्वीट से लेकर लेटर तक सोशल मीडिया पर डालकर निशाना साध रही हैं. राबड़ी देवी सोशल मीडिया के माध्यम से लालू यादव को साजिश के तहत जेल भेजने का आरोप भी बीजेपी पर लगा रही हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर किया गया उनका ट्वीट खूब चर्चा में है. तेजस्वी भी ट्वीट करने में पीछे नहीं है 1 दिन में कई ट्वीट कर रहे हैं तो दूसरी तरफ जदयू के कई प्रवक्ता ट्वीट से उसका जवाब भी दे रहे हैं और निशाना साध रहे हैं.
कभी लालू कहते थे सोशल मीडिया को चू-चू चिड़िया
बीजेपी और जदयू नेताओं का कहना है कि कभी लालू यादव इसे आईटी वाईटी और चू-चू चिड़िया तक कहते थे. अब वो जनता से कट चुके हैं इसलिए अब सोशल मीडिया ही उनके लिए बच गया है. वहीं राजद के नेता कह रहे हैं जनता के बीच आसानी से पहुंचने के लिए सोशल मीडिया एक अच्छा माध्यम है. इसे इस्तेमाल किया जा रहा है तो इसमें गलत क्या है.
सोशल मीडिया बन गया है राजनीतिक अखाड़ा
एक तरफ लालू परिवार सत्ता पक्ष पर निशाना साधने में सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है. वहीं नीतीश कुमार जनता के बीच भाषणों में विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं. सोशल मीडिया का इस्तेमाल केवल बधाई देने और अपने कार्यक्रमों की जानकारी देने तक ही सीमित नहीं है. सुशील मोदी वीडियो से लेकर पार्टी की नीतियों तक सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं. जदयू के प्रवक्ता जरूर सोशल मीडिया का इस्तेमाल विपक्ष पर निशाना साधने और उनके ट्वीट का जवाब देने में कर रहे हैं. इसलिए बिहार में इन दिनों सोशल मीडिया राजनीतिक अखाड़ा बन गया है.