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बिहार सरकार का दावा फेल, कोरोना के मामले कम होते ही फिर शुरू हुआ मजदूरों का पलायन

कोरोना महामारी के चलते दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूर फिर से पलायन करने लगे हैं. बिहार सरकार ने दावा किया था कि मजदूरों को यहीं काम मिलेगा ताकि उन्हें बाहर जाने को विवश न होना पड़े. यह दावा फेल होता दिख रहा है.

Migration from bihar
मजदूरों का पलायन
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Published : Jun 1, 2021, 7:24 PM IST

पटना: कोरोना महामारी (corona pandemic) और लॉकडाउन के बीच लाखों की संख्या में जब मजदूर बिहार लौट रहे थे तब सरकार ने दावा किया था कि मजदूरों को यहीं रोजगार मुहैया कराया जाएगा. राज्य सरकार का यह दावा फेल साबित हो रहा है. कोरोना का संक्रमण घटने के बाद एक बार फिर से मजदूरों का पलायन (migration) शुरू हो गया है.

यह भी पढ़ें- इंसानियत शर्मसार: 8 महीने तक ईंट-भट्ठा पर बंधक बने थे 40 मजदूर, बर्तन बेचकर पहुंचे बक्सर रेलवे स्टेशन

पटना जंक्शन पर ईटीवी भारत की टीम ने कई मजदूरों से बात की. उन्होंने बताया कि सरकार अपना वादा पूरा करने में नाकाम साबित हुई है. इसके कारण हमलोग कमाने के लिए बाहर जा रहे हैं. कई मजदूरों ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण वे घर लौटे थे. अब आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है. परिवार चालने में काफी परेशानी हो रही है.

देखें रिपोर्ट

मजदूरी करने जा रहा हूं गुजरात
सुपौल के बबलू कुमार ने कहा "गुजरात से मैं कोरोना महामारी के कारण लौटा था. नीतीश सरकार ने रोजगार मुहैया नहीं कराया. मैं फिर से गुजरात लौट रहा हूं. वहां मजदूरी करता हूं. 10-12 हजार महीना कमा लेता हूं. इससे परिवार को आर्थिक सहयोग मिल जाता है. सरकार यहीं पर रोजगार मुहैया करा देती तो हमलोग बाहर क्यों जाते? कोई नहीं चाहता कि अपना घर छोड़कर बाहर जाकर काम करें."

Patna junction
पटना जंक्शन पर ट्रेन का इंतजार करते पलायन कर रहे मजदूर.

नहीं मिल रहा था काम
सुपौल के सुरेश ने कहा "मैं मद्रास जा रहा हूं. वहां मिस्त्री का काम करता हूं. बिहार में रोजगार बहुत कम है. यहां रहकर परिवार चलाना मुश्किल हो गया था. प्रतिदिन काम नहीं मिल पा रहा था. इसके कारण आर्थिक स्थिति चरमरा गई थी. ऐसी स्थिति में मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था.

यह भी पढ़ें- Delhi Lockdown: आज से अनलॉक हो रही इंडस्ट्री, पूरी है तैयारी, लेकिन नहीं हैं मजदूर

पटना: कोरोना महामारी (corona pandemic) और लॉकडाउन के बीच लाखों की संख्या में जब मजदूर बिहार लौट रहे थे तब सरकार ने दावा किया था कि मजदूरों को यहीं रोजगार मुहैया कराया जाएगा. राज्य सरकार का यह दावा फेल साबित हो रहा है. कोरोना का संक्रमण घटने के बाद एक बार फिर से मजदूरों का पलायन (migration) शुरू हो गया है.

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पटना जंक्शन पर ईटीवी भारत की टीम ने कई मजदूरों से बात की. उन्होंने बताया कि सरकार अपना वादा पूरा करने में नाकाम साबित हुई है. इसके कारण हमलोग कमाने के लिए बाहर जा रहे हैं. कई मजदूरों ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण वे घर लौटे थे. अब आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है. परिवार चालने में काफी परेशानी हो रही है.

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मजदूरी करने जा रहा हूं गुजरात
सुपौल के बबलू कुमार ने कहा "गुजरात से मैं कोरोना महामारी के कारण लौटा था. नीतीश सरकार ने रोजगार मुहैया नहीं कराया. मैं फिर से गुजरात लौट रहा हूं. वहां मजदूरी करता हूं. 10-12 हजार महीना कमा लेता हूं. इससे परिवार को आर्थिक सहयोग मिल जाता है. सरकार यहीं पर रोजगार मुहैया करा देती तो हमलोग बाहर क्यों जाते? कोई नहीं चाहता कि अपना घर छोड़कर बाहर जाकर काम करें."

Patna junction
पटना जंक्शन पर ट्रेन का इंतजार करते पलायन कर रहे मजदूर.

नहीं मिल रहा था काम
सुपौल के सुरेश ने कहा "मैं मद्रास जा रहा हूं. वहां मिस्त्री का काम करता हूं. बिहार में रोजगार बहुत कम है. यहां रहकर परिवार चलाना मुश्किल हो गया था. प्रतिदिन काम नहीं मिल पा रहा था. इसके कारण आर्थिक स्थिति चरमरा गई थी. ऐसी स्थिति में मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था.

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