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IMA बिहार ने प्रदेश के हेल्थ और स्वास्थ्य शिक्षा में सुधार को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी को दिया सुझाव

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बिहार आईएमए ने सुझाव देते हुए कहा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है. वहीं तेजस्वी द्वारा लगाए गए 705 डॉक्टरों के नदारद रहने को गलत करार दिया. आईएमए ने और क्या कुछ कहा जानने के लिए पढे़ं रिपोर्ट-

Bihar IMA advise to Deputy CM Tejashwi
Bihar IMA advise to Deputy CM Tejashwi
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Published : Oct 20, 2022, 11:11 PM IST

पटना : आईएमए बिहार के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने गुरुवार को कहा कि बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने के लिए तत्काल क्या कुछ आवश्यकता है इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव को सुझाव दिया है. IMA ने अनुरोध किया है कि चिकित्सकों से चर्चा, विमर्श के बाद क्रियान्वयन करते हुए एक नए युग में बिहार को वह ले जाएं जिसकी वह बातें करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द राज्यवर्धन आजाद की अध्यक्षता में एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन करें. जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और सरकारी स्वास्थ्य सेवा के प्रतिनिधि भी शामिल हो. यह समिति 1 महीने के भीतर प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए वर्तमान व्यवस्था का अध्ययन करते हुए अपना सुझाव देगी जो बिहार में स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने और आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. बताते चलें कि डॉक्टर राज्यवर्धन आजाद विश्व प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ हैं और दिल्ली एम्स के आई सेंटर के पूर्व निदेशक भी रह चुके हैं.

ये भी पढ़ें- IMA का अल्टीमेटम: 'NMCH अधीक्षक का निलंबन वापस हो, नहीं तो करेंगे हड़ताल'

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ विनोद सिंह के निलंबन पर आईएमए सरकार से पत्र लिखकर निलंबन को वापस लेने की मांग की थी. आईएमए के इस मांग पर स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने साफ कह दिया कि वह निलंबन वापस नहीं करेंगे. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने आईएमए की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में 705 चिकित्सक ड्यूटी से गायब चल रहे हैं और वेतन उठा रहे हैं .इस संबंध में आइएमए क्यों कुछ नहीं बोलता है.



इस घटनाक्रम के बाद से बिहार आइएमए ने स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान पर नाराजगी जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी की वह सिर्फ जनता के नेता नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य मंत्री के नाते प्रदेश के सभी चिकित्सकों के अभिभावक भी हैं. बिहार आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहां है कि सरकार द्वारा जो प्रदेश के 705 चिकित्सकों के ड्यूटी से गायब रहने की बात कही जा रही है यह सरासर गलत है. इनमें से कई चिकित्सक काफी पहले इस्तीफा दे चुके हैं तो कई चिकित्सकों को सरकार ने ही दूसरे कार्य में लगाया हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री को उनके विभाग के अधिकारी गुमराह कर रहे हैं.


डॉ अजय कुमार ने बताया कि इस संबंध में उप मुख्यमंत्री और प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाल रहे तेजस्वी यादव को बिहार आईएमए की ओर से पत्र भेजा गया है. जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र और चिकित्सकों की समस्याओं के संबंध में विमर्श के लिए आईएमए के प्रतिनिधिमंडल को समय देने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि पत्र के माध्यम से तेजस्वी यादव से अनुरोध किया गया है कि आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आईएमए बिहार के एक प्रतिनिधिमंडल को समय देने की कृपा की जाए. पत्र में यह भी कहा गया है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरे देश में भ्रमण करते रहते हैं लेकिन 21 और 22 अक्टूबर तथा 25 और 26 अक्टूबर को वह पटना में हैं. ऐसे में इस अवधि में अगर विमर्श का समय निर्धारण किया जाता है तो चिकित्सकों को सुविधा होगी.

पटना : आईएमए बिहार के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने गुरुवार को कहा कि बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने के लिए तत्काल क्या कुछ आवश्यकता है इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव को सुझाव दिया है. IMA ने अनुरोध किया है कि चिकित्सकों से चर्चा, विमर्श के बाद क्रियान्वयन करते हुए एक नए युग में बिहार को वह ले जाएं जिसकी वह बातें करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द राज्यवर्धन आजाद की अध्यक्षता में एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन करें. जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और सरकारी स्वास्थ्य सेवा के प्रतिनिधि भी शामिल हो. यह समिति 1 महीने के भीतर प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए वर्तमान व्यवस्था का अध्ययन करते हुए अपना सुझाव देगी जो बिहार में स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने और आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. बताते चलें कि डॉक्टर राज्यवर्धन आजाद विश्व प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ हैं और दिल्ली एम्स के आई सेंटर के पूर्व निदेशक भी रह चुके हैं.

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नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ विनोद सिंह के निलंबन पर आईएमए सरकार से पत्र लिखकर निलंबन को वापस लेने की मांग की थी. आईएमए के इस मांग पर स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने साफ कह दिया कि वह निलंबन वापस नहीं करेंगे. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने आईएमए की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में 705 चिकित्सक ड्यूटी से गायब चल रहे हैं और वेतन उठा रहे हैं .इस संबंध में आइएमए क्यों कुछ नहीं बोलता है.



इस घटनाक्रम के बाद से बिहार आइएमए ने स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान पर नाराजगी जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी की वह सिर्फ जनता के नेता नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य मंत्री के नाते प्रदेश के सभी चिकित्सकों के अभिभावक भी हैं. बिहार आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहां है कि सरकार द्वारा जो प्रदेश के 705 चिकित्सकों के ड्यूटी से गायब रहने की बात कही जा रही है यह सरासर गलत है. इनमें से कई चिकित्सक काफी पहले इस्तीफा दे चुके हैं तो कई चिकित्सकों को सरकार ने ही दूसरे कार्य में लगाया हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री को उनके विभाग के अधिकारी गुमराह कर रहे हैं.


डॉ अजय कुमार ने बताया कि इस संबंध में उप मुख्यमंत्री और प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाल रहे तेजस्वी यादव को बिहार आईएमए की ओर से पत्र भेजा गया है. जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र और चिकित्सकों की समस्याओं के संबंध में विमर्श के लिए आईएमए के प्रतिनिधिमंडल को समय देने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि पत्र के माध्यम से तेजस्वी यादव से अनुरोध किया गया है कि आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आईएमए बिहार के एक प्रतिनिधिमंडल को समय देने की कृपा की जाए. पत्र में यह भी कहा गया है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरे देश में भ्रमण करते रहते हैं लेकिन 21 और 22 अक्टूबर तथा 25 और 26 अक्टूबर को वह पटना में हैं. ऐसे में इस अवधि में अगर विमर्श का समय निर्धारण किया जाता है तो चिकित्सकों को सुविधा होगी.

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