पटना: पिछले 6 महीने में मानवाधिकार आयोग में 3,830 उलंघन के मामले सामने आए हैं. जिनमें से आधे से ज्यादा मामले पुलिस की ओर से पड़ताना का है. पुलिस अपने मानवीय चेहरे के साथ-साथ ठंडा भी खूब चलाती है. मानवाधिकार आयोग में पहुंची हजारों शिकायतों में आधे से ज्यादा मामला पुलिस से जुड़ी है. आयोग वर्तमान में लंबित करीब 8,000 मामलों के निपटारे में जुटा हुआ है. वहीं, उसकी सुनवाई हर दिन हो रही है.
'पुलिस कर्मियों की है शिकायतें'
बिहार मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष उज्जवल कुमार ने कहा कि आयोग में केस लंबित होने का मुख्य कारण सरकारी विभागों की ओर से समय से रिपोर्ट नहीं भेजा जाना है. बिहार मानवाधिकार आयोग में 1 जनवरी 2020 से अब तक करीब 3,830 मामले आए हैं, जिनमें से अधिकतर शिकायतें पुलिस कर्मियों की ओर से उत्पीड़न, रिपोर्ट दर्ज न करना और अनुसंधान में झूठा फंसा देना जैसे मामले जुड़े हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि पुलिस से जुड़े कई मामलों में संबंधित जिला के वरीय पुलिस अधिकारियों को नियमानुसार 6 सप्ताह के अंदर कर्रवाई कर पक्षकार को सूचित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही उनसे रिपोर्ट भी मांगी गई है.
2020 में 3,830 मामले दर्ज
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष उज्जवल कुमार ने कहा कि समय-समय पर मामलों का निष्पादन मानवाधिकार की ओर से किया जाता है. लॉकडाउन के बाद मानवाधिकार आयोग की ओर से 1200 मामले का निपटारा किया गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि जबसे आयोग की गठन की गई है, तब से अब तक कुल 60,583 मामले दर्ज हुए हैं. जिनमें से 54,704 मामलों में फैसला दिया जा चुका है. साल 2020 में आए और 3,830 मामलों में से 1,717 मामलों की सुनवाई पूरी कर फैसला दिया जा चुका है.