पटना: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के बीच डब्ल्यूएचओ ने बिहार समेत कई राज्यों को अगाह किया है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि करोना वायरस मरीज की बढ़ती संख्या के बीच विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कोरोना बंदी में दी गई ढील से भविष्य में कोरोना का विस्फोट हो सकता है. इसके बाद से विपक्ष डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट को गंभीर बता रहा है, तो वहीं बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग इस मामले को लेकर खुद के संजीदा होने का दावा कर रहा है.
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने डब्ल्यूएचओ के अल्टीमेटम के बारे में जानकारी होने की बात कह रहे हैं. वहीं, स्वास्थ मंत्री का दावा है कि सरकार लॉकडाउन में छूट विशेष परिस्थितियों में ही दे रही है और सोशल डिस्टेंस के साथ तमाम जो दूसरे एहतियात हैं वो बरते जा रहे हैं. उनका मानना है कि सोशल डिस्टेन्स सरकार के द्वारा शुरू से प्राथमिकता बनी हुई है.
'प्रवासी मजदूर बिहार के बेटे हैं तो आएंगे ही'
स्वास्थ्य मंत्री का मानना है कि कोरोना के सबसे ज्यादा प्रभावित माइग्रेंट लेबर हो रहे हैं और यह ऐसे लोग हैं जो हर हाल में अपने परिवार से मिलना चाहते हैं और उन्हें किसी भी सूरत में रोका नहीं जा सकता, क्योंकि वो बिहार के बेटे हैं और उनका बिहार आना भी जरूरी है.
WHO का अल्टीमेटम
बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने बिहार समेत कई अन्य राज्यों को अगाह किया है कि अगर इन राज्यों में स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया जाता है तो हालात भयावह और चिंताजनक हो जाएंगे. डब्ल्यूएचओ का मानना है कि कई राज्यों में कोरोना वायरस बढ़ता ही जा रहा है और बिहार में पिछले कुछ दिनों में जो हालात बनते दिख रहे हैं और जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह चिंताजनक है.