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बिहार में स्विट्जरलैंड की तर्ज पर स्किल डेवलपमेंट, हर जिले में बनेगा मेगा स्किल सेंटर: श्रम संसाधन मंत्री - श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा

बिहार सरकार ने स्विट्जरलैंड की तर्ज पर युवाओं के स्किल डेवलपमेंट (Skill development) के लिए मॉडल तैयार किया है. इस योजना पर 4600 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे. हर जिले में मेगा स्किल सेंटर खोला जाएगा.

Labor Resources Minister Jivesh Mishra
श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा
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Published : Jul 25, 2021, 8:29 PM IST

पटना: कोरोना संकट काल में बिहार में बेरोजगारी (Unemployment in Bihar) चरम पर है. रोजगार के लिए युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. राज्य में युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है. ऐसे में सरकार के सामने युवाओं में स्किल डेवलपमेंट (Skill development) की चुनौती है. बिहार सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के लिए महत्वाकांक्षी योजना बनाई है.

यह भी पढ़ें- महंगाई, बेरोजगारी के साथ विधायकों की पिटाई पर बिहार सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौर में दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में लोग बिहार लौटे हैं. लौटने वालों में अनस्किल्ड मजदूरों की संख्या ज्यादा है. आधुनिकता के दौर में पारंपरिक स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम अप्रसांगिक होते जा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने स्किल डेवलपमेंट को लेकर महत्वाकांक्षी योजना बनाई है.

देखें वीडियो

बिहार में 6 करोड़ से ज्यादा युवा आबादी है. युवा हाथों को हुनरमंद बनाए बगैर बिहार को तरक्की के पथ पर नहीं ले जाया जा सकता है. बिहार सरकार ने स्विट्जरलैंड की तर्ज पर युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए मॉडल तैयार किया है. बिहार सरकार टाटा की मदद से जहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आईटीआई खोलने जा रही है. वहीं, हर जिले में मेगा स्किल सेंटर खोलने की योजना है. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पटना, दरभंगा और नालंदा में योजना की शुरुआत की जा रही है.

"टाटा की मदद से बिहार में 60 आईटीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खुलने जा रहा है. भविष्य में ऐसे संस्थान हर अनुमंडल में खोले जाने की योजना है. राज्य के 149 आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बदला जाएगा. योजना पर 4600 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे. टाटा और बिहार सरकार के सहयोग से योजना का क्रियान्वयन होगा. फिलहाल 2156 करोड़ की लागत से 60 आईटीआई सेंटर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील करने का काम शुरू है. दूसरे फेज में 89 सेंटर का काम शुरू किया जाएगा."- जीवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री

विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ स्किल डेवलपमेंट से काम नहीं होगा. क्वालिटी स्किल डेवलपमेंट पर सरकार को काम करना पड़ेगा. शिक्षाविद डॉ विद्यार्थी विकास का कहना है कि स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम की लगातार मॉनिटरिंग होनी चाहिए. इसके अलावा एक टास्क फोर्स गठित किया जाना चाहिए जो सरकार को यह बताए कि प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर बाजार को किस तरीके के स्किल की जरूरत है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किस तरीके के स्किल की जरूरत है इसकी भी मैपिंग होनी चाहिए.

यह भी पढ़ें- 25 विधायक हुए शिकार, सिर्फ 2 पुलिसकर्मी जिम्मेदार? जहन में अब भी ताजा हैं वो खौफनाक तस्वीरें

पटना: कोरोना संकट काल में बिहार में बेरोजगारी (Unemployment in Bihar) चरम पर है. रोजगार के लिए युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. राज्य में युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है. ऐसे में सरकार के सामने युवाओं में स्किल डेवलपमेंट (Skill development) की चुनौती है. बिहार सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के लिए महत्वाकांक्षी योजना बनाई है.

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कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौर में दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में लोग बिहार लौटे हैं. लौटने वालों में अनस्किल्ड मजदूरों की संख्या ज्यादा है. आधुनिकता के दौर में पारंपरिक स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम अप्रसांगिक होते जा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने स्किल डेवलपमेंट को लेकर महत्वाकांक्षी योजना बनाई है.

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बिहार में 6 करोड़ से ज्यादा युवा आबादी है. युवा हाथों को हुनरमंद बनाए बगैर बिहार को तरक्की के पथ पर नहीं ले जाया जा सकता है. बिहार सरकार ने स्विट्जरलैंड की तर्ज पर युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए मॉडल तैयार किया है. बिहार सरकार टाटा की मदद से जहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आईटीआई खोलने जा रही है. वहीं, हर जिले में मेगा स्किल सेंटर खोलने की योजना है. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पटना, दरभंगा और नालंदा में योजना की शुरुआत की जा रही है.

"टाटा की मदद से बिहार में 60 आईटीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खुलने जा रहा है. भविष्य में ऐसे संस्थान हर अनुमंडल में खोले जाने की योजना है. राज्य के 149 आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बदला जाएगा. योजना पर 4600 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे. टाटा और बिहार सरकार के सहयोग से योजना का क्रियान्वयन होगा. फिलहाल 2156 करोड़ की लागत से 60 आईटीआई सेंटर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील करने का काम शुरू है. दूसरे फेज में 89 सेंटर का काम शुरू किया जाएगा."- जीवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री

विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ स्किल डेवलपमेंट से काम नहीं होगा. क्वालिटी स्किल डेवलपमेंट पर सरकार को काम करना पड़ेगा. शिक्षाविद डॉ विद्यार्थी विकास का कहना है कि स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम की लगातार मॉनिटरिंग होनी चाहिए. इसके अलावा एक टास्क फोर्स गठित किया जाना चाहिए जो सरकार को यह बताए कि प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर बाजार को किस तरीके के स्किल की जरूरत है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किस तरीके के स्किल की जरूरत है इसकी भी मैपिंग होनी चाहिए.

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