पटनाः नवादा और औरंगाबाद में केंद्रीय विद्यालय खोलने का मामला बिहार में सियासी रंग ले चुका है. पूर्व मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा जमीन की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं. इस बीच बिहार सरकार के दो मंत्रियों ने गुरुवार को इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने साफ कर दिया कि किसी भी हाल में बिहार सरकार केंद्रीय विद्यालयों के लिए मुफ्त में जमीन उपलब्ध नहीं कराएगी.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2009 में सरकार ने निर्णय लिया था कि बिहार में केंद्रीय विद्यालय के लिए सरकार जमीन नहीं देगी. अगर केंद्र सरकार उसके लिए राशि उपलब्ध कराती है तो जमीन उपलब्ध कराई जा सकती है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा इस मामले में जमीन की मांग करते हुए सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.
मुफ्त में नहीं मिलेगी जमीन- अशोक चौधरी
वहीं, भवन निर्माण मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि 2009 के इस निर्णय के समय उपेंद्र कुशवाहा भी नीतीश कुमार के साथ थे. उन्हें सारे तथ्यों की जानकारी है. बिहार सरकार मुफ्त में जमीन उपलब्ध नहीं करा सकती. फिर भी वो जानबूझकर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. बिहार सरकार के दोनों मंत्रियों ने साफ कर दिया कि राशि उपलब्ध कराने के बाद ही जमीन मुहैया करायी जाएगी.
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बिहार सरकार के पास जमीन की कमी
शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि जमीन की कमी के कारण हाईस्कूल खोलने में दिक्कत हो रही है. बिहार में 1 अप्रैल 2020 से 2,950 हाईस्कूल खोलने हैं. बिहार सरकार सरकारी स्कूलों के निर्माण के लिए जमीन तलाश रही है. ऐसे में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध करना संभव नहीं है.
कुशवाहा को मिला बीजेपी का समर्थन
बता दें कि शिक्षा में सुधार और राज्य में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा राज्य सरकार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. कुशवाहा के अनशन का गुरुवार को तीसरा दिन है. उनके इस अनशन को सहयोगी दलों के साथ ही बीजेपी विधान पार्षद संजय पासवान ने भी समर्थन दिया. वहीं, बीजेपी के राज्यसभा सांसद सीपी ठाकुर ने भी उपेंद्र कुशवाहा की मांग को जायज बताया है. वहीं, अनशन के दौरान कुशवाहा की तबीयत बिगड़ गई है. उन्हें सांस लेने में भी काफी तकलीफ हो रही है, जिसकी वजह से उन्हें ऑक्सीजन दिया जा रहा है.