पटना: बिहार में कोरोना कहर बरपा रहा है. दवा से लेकर एंबुलेंस सेवा तक में कालाबाजारी के कई मामले सामने आ चुके हैं. कहीं रेमिडेसिविर दवा जिसकी कीमत महज 1000 रुपये है. वह 10 हजार से लेकर 60 हजार रुपये तक बेची जा रही है. वहीं अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस चालक भी मनमाना पैसा वसूल कर रहे हैं.
एंबुलेंस चालकों की मनमानी पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार ने किराया निर्धारित कर दिया है. इससे अधिक किराया लेने के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एंबुलेंस के दर निर्धारण के लिए स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग ने एक समिति गठन की. जिसमें राज्य भर में चलने वाले निजी एंबुलेंस सेवा के दर का निर्धारण किया गया.
वहीं, निजी एंबुलेंस चालकों से बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सरकार द्वारा जारी तय रेट पर सेवा देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि आज मानवता को सेवा की जरूरत है. इसलिए निजी एंबुलेंस चालक कोरोना पीड़ितों से सरकार द्वारा जारी तय रेट ही लें.
'स्वास्थ विभाग और परिवहन विभाग ने मिलकर भाड़ा निर्धारित कर दिया है. अलग-अलग वाहनों के लिए दूरी के हिसाब से भाड़ा तय किया है. आप वही पैसा कोरोना के मरीजों से ले. आप कोरोना मरीजों की मदद करें. यह मेरा आप सभी से सादर अपील है'.- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार
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राज्य सरकार ने एंबुलेंस में प्रयुक्त होने वाले अलग-अलग वाहनों के लिए अलग-अलग दर तय किए हैं.
क्रम संख्या | वाहनों के प्रकार | एंबुलेंस अनुशंसित दर (50km परिचालन तक) | एंबुलेंस अनुशंसित दर( 50km से अधिक परिचालन होने पर) |
1 | छोटी कार (सामान्य) | 1500 रुपये | 18 रुपये प्रति किलोमीटर |
2 | छोटी कार (एसी) | 1700 रुपये | 18 रुपये प्रति किलोमीटर |
3 | बोलेरो, सूमो , मार्शल (सामान्य) | 1800 रुपये | 18 रुपये प्रति किलोमीटर |
4 | बोलेरो, सूमो , मार्शल (एसी) | 2100 रुपये | 18 रुपये प्रति किलोमीटर |
5 | ट्रेवल, मैक्सी , सीटी (14-22 सीटर) | 2500 रुपये | 25 रुपये प्रति किलोमीटर |
6 | जाइलो, स्कॉर्पियो, क्वालिस (एसी) | 2500 रुपये | 25 रुपये प्रति किलोमीटर |