पटना: कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन की कमी से चिंतित लोगों की मदद करने के प्रयास के तहत बिहार सरकार ने उन्हें घर के भीतर ऐसे पौधे लगाने के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रवार को एक अभियान शुरू किया, जो ऑक्सीजन छोड़ते हैं.
बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने लोगों को संवेदनशील बनाने में मदद करने के लिए 'नेचर क्योर्स यू' (प्रकृति आपका इलाज करती है) अभियान शुरू किया ताकि लोगों को इसके लिए जागरुक किया जा सके कि कोरोना वायरस को हराने में प्रकृति कैसे मदद कर सकती है.
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विभाग ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'इस असाधारण समय में जब ऑक्सीजन की भारी कमी है, घर के भीतर लगाये जाने वाले ऑक्सीजन देने वाले पौधों और अन्य जड़ी-बूटियों के बारे में ज्ञान व्यथित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करेगा. इस अभियान के माध्यम से, विभाग लोगों को उन विभिन्न तरीकों के बारे में जागरूक करने का इरादा रखता है जिसके जरिये प्रकृति हमें इस घातक संक्रमण को हराने में मदद कर सकती है.'
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घर में पौधा लगने का लक्ष्य
बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा, " अभियान 'नेचर क्योर्स यू' के जरिये हमारा लक्ष्य घर के भीतर लगाये जाने वाले उन पौधों के बारे में जागरूक करके लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करना है, जो हमें ऑक्सीजन देते हैं और उन पौधों, जड़ी-बूटियों के बारे में भी जिनका औषधीय महत्व है.'
उन्होंने कहा कि इस तरह की जानकारी लोगों को सामान्य बीमारियों का घर पर प्राकृतिक उपचार के साथ ठीक करने में मदद करेगी. पौधे और प्रकृति प्राचीन आयुर्वेदिक विज्ञान का आधार रहे हैं और सामान्य रोगों के घरेलू उपचार में उनका उपयोग आज भी जारी है.
'औषधीय मूल्य के पौधों घर के आसपास लगाना चाहिए'
विभाग ने सुझाव दिया कि लोगों को गिलोय, कालीमिर्च और पीपली जैसे औषधीय मूल्य के पौधों को घर पर रखना चाहिए जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा दे सकते हैं और कई सामान्य बीमारियों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं. स्नेक प्लांट, रबर का पेड़, एरेका पाम घर के भीतर रखे जाने वाले कुछ ऐसे पौधे हैं, जो ऑक्सीजन प्रदान करते हैं.