पटनाः लॉक डाउन के कारण बिहार के अंदर जो मजदूर, रिक्शा चालक, ठेला वेंडर और अन्य गरीब फंसे हुए हैं. उनके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपये जारी कर दिया है. इस राशि से आपदा राहत केंद्र बनाए जाएंगे और वहां उनके भोजन और आवास की व्यवस्था की जाएगी.
100 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान
साथ ही जो लोग बिहार के बाहर फंसे हुए है या रास्ते में है. उन्हें स्थानीय आयुक्त (रेसिडेंट कमिश्नर) के माध्यम से संबंधित राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से समन्वय कर वहीं, पर भोजन और आवास की व्यवस्था बिहार सरकार के खर्चे पर की जाएगी. आपदा राहत केंद्रों पर वायरस के संक्रमण की रोकथाम से संबंधित स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध रहेगी.
बिहार में बीते 23 मार्च से ही लॉकडाउन लागू है. इसका मकसद है कि लोगों का सामाजिक दूरी बनाए रखना ताकि कोरोना वायरस का इफेंक्शन एक दूसरे में न फैले. इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार सारे एहतियात बरत रहे हैं.
'हाथ जोड़ के विनती कर रहल बानि घरे रहीं, बाहर मत निकलीं लोग'
कोरोना वायरस के साथ जंग में लालू परिवार भी अपनी भागीदारी में पीछे नहीं रहना चाहता. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपील की है कि, लॉकडाउन के दौरान लोग लोग घर से न निकलें.
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्विटर पर भोजपुरी में अपनी बात रखते हुए लिखा- 'याद रखीं अनुशासन के कमी बहुत घातक होई. रऊवा लोगन के सहयोग अपेक्षित बा. हाथ जोड़ के विनती कर रहल बानि घरे रहीं, बाहर मत निकलीं लोग.'
मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए एक माह का वेतन
उन्होंने आगे लिखा- 'कोरोना महामारी से लड़ने में पीड़ितों, चिकित्सकों-स्वास्थ्यकर्मियों के बचाव, सुरक्षा और जांच-उपचार हेतु मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा करती हूं. साथ ही मुश्किल समय में सभी से सहयोग की अपील करती हूं.'
लालू यादव की अपील
इससे पहले, चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने की दिशा में हम सब का पहला कदम, यदि अत्यंत आवश्यक ना हो तो घर के बाहर कदम ना रखें.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने लिखा जन प्रार्थना पत्र
वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विधायक निधि कोष से तत्काल सभी जिलों को एक-एक करोड़ की राशि जारी करने की मांग की है, ताकि मास्क, हैंड सैनेटाइजर, दवा, टेस्टिंग किट, एंबुलेंस एवं अन्य जरूरी सामान की खरीदारी की जा सके. तेजस्वी ने लिखा, इंसानियत पर आए इस खतरे से जागरूकता, सक्रियता और सतर्कता के साथ हर बिहारी रक्षक बन कर लड़ेगा. कोरोना के खिलाफ जंग में हमसब सिपाही हैं. फौजी हैं. डॉक्टर हैं. हम अपने घर में रुकेंगे तो बीमारी भी रुक जाएगी.