पटना: बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर का आयोजन चल रहा है. इस आयोजन में विभिन्न प्रदेशों के पर्यटन विभाग के स्टॉल लगाए गए हैं. जहां पर्यटन अधिकारी अपने प्रदेश के टूरिज्म की विशेषता लोगों को बता रहे हैं. इस टूरिज्म फेयर में तमाम प्रदेशों के टूरिज्म अधिकारी बुद्ध, रामायण और गांधी सर्किट के माध्यम से अपने प्रदेश का बिहार से नाता जोड़ रहे हैं.
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'एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं बिहार और झारखंड': इस टूरिज्म फेयर में नेचुरल ब्यूटी टूरिज्म को प्रमोट करने के साथ बिहार सरकार की ओर से रिलिजियस और स्पिरिचुअल टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. झारखंड के पर्यटन विभाग की ओर से लगाए गए स्टॉल और मौजूद टूरिज्म प्रोजेक्ट मैनेजर श्रेया स्वराज ने बताया कि टूरिज्म में बिहार और झारखंड एक दूसरे के बिना अधूरे हैं. झारखंड में सबसे बड़ा आयोजन श्रावणी मेला का होता है, यह आयोजन बिहार और झारखंड दोनों का होता है.
"बिहार के सुल्तानगंज से लोग जल उठते हैं और झारखंड के बाबा बैद्यनाथ के मंदिर में उसे अर्पण करते हैं. धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से बिहार और झारखंड काफी जुड़ा हुआ है. बौद्ध टूरिज्म की बात करें तो गया में गौतम बुद्ध की आराधना के लिए महान बोधी मंदिर है वहीं कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी में भी बौद्ध केंद्र है."-श्रेया स्वराज, टूरिज्म प्रोजेक्ट मैनेजर, झारखंड
बेस्ट है यहां का सनराइज और सनसेट: श्रेया ने बताया कि बुद्ध टूरिज्म के दृष्टिकोण से यह क्षेत्र काफी लोकप्रिय है. इसके अलावा नेचुरल ब्यूटी सीनरी के लिए नेतरहाट है जहां वॉटरफॉल से लेकर तमाम खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं. यहां झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से होटल की भी व्यवस्था है. यहां लोग सनराइज और सनसेट देखने के लिए आते हैं. झारखंड प्रदेश कि पर्यटक स्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए www.jharkhandtourism.gov.in पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
कुरुक्षेत्र और ब्रह्म सरोवर भी है खास: वहीं हरियाणा टूरिज्म के स्टॉल पर मौजूद टूरिज्म मैनेजर प्रताप शर्मा ने बताया कि हेरीटेज टूरिज्म के क्षेत्र में हरियाणा काफी समृद्ध प्रदेश है. यहां कुरुक्षेत्र है जो 48 कोश में फैला हुआ है जहां महाभारत का पूरा युद्ध हुआ था और यहां ब्रह्म सरोवर भी है. हरियाणा में बाबर का मकबरा, राजा नाहर सिंह पैलेस जैसे कई ऐतिहासिक महत्व के स्थान हैं.
यहां करें एडवेंचर टूरिज्म: हरियाणा में पर्यटकों को एडवेंचर टूरिज्म भी कराया जाता है और लोगों से कहेंगे कि वह हरियाणा आए और तमाम पर्यटक स्थलों का भ्रमण कर आनंदित हो. बिहार में इस प्रकार के आयोजन में शामिल होकर काफी अच्छा लग रहा है. हरियाणा टूरिज्म से संबंधित जानकारी के लिए www.haryanatourism.gov.in पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
कैसे छत्तीसगढ़ से जुड़ा है बिहार: छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के सीनियर मैनेजर सरवन दास मानिकपुरी ने बताया कि रामायण सर्किट हो या बुद्ध सर्किट बिहार और छत्तीसगढ़ आपस में जुड़े हुए हैं. माता कौशल्या का इकलौता मंदिर छत्तीसगढ़ में ही है. भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मभूमि छत्तीसगढ़ है और 14 वर्ष के कठिन वनवास काल में भी भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में कोरिया से लेकर सुकमा तक वन गमन किया जो राम वन गमन पर्यटन परिपथ में शामिल है.
यहां मौजूद है सीता की रसोई: सरवन दास मानिकपुरी ने बताया कि बिहार में भी सीतामढ़ी है और छत्तीसगढ़ में भी सीतामढ़ी है. छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले का सीतामढ़ी भगवान श्री राम के वनवास काल का पहला पराव माना जाता है. यहां नदी किनारे गुफाओं में 17 कक्ष है जो सीता की रसोई के नाम से प्रसिद्ध है.
यहां से ले सकते हैं जानकारी: यहां भोरमदेव मंदिर है जिसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहा जाता है और मान्यता है कि यह मंदिर उसे समय बना था जब 6 महीने तक सूर्योदय नहीं हुआ था. बुद्ध टूरिज्म में भी छत्तीसगढ़ में कई स्थान है जो बौद्ध धर्म में काफी लोकप्रिय हैं. छत्तीसगढ़ पर्यटन के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए www.chhattisgarhtourism.in पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
धार्मिक पर्यटन में समृद्ध है बिहार: वहीं बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार ने बताया कि बिहार में धार्मिक पर्यटन का बहुत ही महत्व है. धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में बिहार बहुत समृद्ध प्रदेश है. चाहे हिंदू हो, बौद्ध हो, जैन हो, सिख हो, मान्यता ऐसी है कि इन सभी को अपने जीवन काल में एक बार बिहार आना होता है. बिहार में रिलिजियस टूरिज्म बहुत होता है लेकिन अब पर्यटन विभाग का उद्देश्य है कि इससे आगे स्पिरिचुअल टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार के पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए. यहां आकर लोग ध्यान के माध्यम से शांति और सुकून प्राप्त कर सकें.
बिहार में है इन धर्मों से जुड़े पर्यटन स्थान: अभय कुमार ने बताया कि बुद्ध, रामायण और गांधी सर्किट जैसे कई पर्यटन सर्किट है. हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म से जुड़े कई पर्यटन स्थान है. इस आयोजन में विभिन्न ट्रेवल एजेंसी से टूरिज्म प्रोडक्ट का एक पैकेज तैयार करने की बात की जा रही है. जहां कोई हिंदू धर्म से जुड़े पर्यटक स्थान का भ्रमण करना चाहे तो वह उसका करें, ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करना चाहे तो उसका करें. बिहार टूरिज्म से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए www.tourism.bihar.gov.in पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
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