पटना: राजधानी के विद्युत भवन में बिहार विद्युत विनियामक की ओर से शनिवार को बैठक की गई. जिसमें वित्तीय वर्ष 2020-2021 के कुल राजस्व की आवश्यकता, संचरण और पारेषण शुल्क निर्धारण को लेकर बातचीत की गई. यह बैठक बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी और बिहार ग्रिड कंपनी ने मिलकर की.
बता दें कि इस बैठक में विद्युत टैरिफ जैसे मुद्दे पर भी चर्चा की गई. जिसमें ट्रांसमिशन कंपनी ने बिजली बिल प्रति यूनिट बढ़ाने की मांग की तो उपभोक्ताओं ने कहा कि इससे बिजली महंगी होगी और उपभोक्ता को काफी परेशानी झेलनी होगी.
उद्योग चलाने वालों की टैरिफ कम करने की मांग
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय भरतिया इस जनसुनवाई के दौरान कहा कि बिहार में वैसे ही पहले से डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लगातार यूनिट की दर बढ़ा रही है. आज ये बढ़ते बढ़ते 15 पैसे प्रति यूनिट से 120 पैसे प्रति यूनिट हो गया है. उद्योग लगाने वालों से प्रति यूनिट 9 से 10 रुपये लिए जा रहे है और इसकी भरपाई सही समय पर उद्योगपति नहीं कर पा रहें है. जिससे लगातार बिहार में उद्योग धंधे बन्द हो रहे हैं. ऐसा होने के कारण बिजली कंपनी को भी घाटा लग रहा है. इसिलए हमने सुझाव दिया है कि उद्योग चलाने वालों की टैरिफ कम किए जाएं. जिससे बिहार में बंद पड़ी इंडस्ट्रीज खुले.
बिजली की दर को नहीं बढ़ाने की मांग
इस जन सुनवाई कार्यक्रम में कई उपभोक्ताओं ने राय दी कि फिलहाल बिहार मे बिजली की दर को नही बढ़ाया जाए. बताया जा रहा है कि बिजली बिल को लेकर वैसे आयोग ने अभी निर्णय नहीं लिया है. फिलहाल आयोग जन सुनवाई में आये मुद्दे पर विचार कर रहा है.