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20 शिक्षकों को किया सम्मानित, बोले मंत्री- 'समाज निर्माता के साथ हमारे रोल मॉडल भी हैं शिक्षक'

पटना में शिक्षक दिवस (Teachers Day) पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने प्रदेश के 20 शिक्षकों को शिक्षा सम्मान से सम्मानित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'जितने अच्छे शिक्षक होंगे, उतने अच्छे विद्यार्थी होंगे और जितने अच्छे विद्यार्थी होंगे, उतना अच्छा हमारा समाज होगा.'

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Published : Sep 5, 2021, 5:51 PM IST

पटना: शिक्षक दिवस (Teachers Day) के मौके पर शिक्षा विभाग (Education Department) की ओर से विभाग के कार्यालय शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने प्रदेश के 20 शिक्षकों को शिक्षा सम्मान से सम्मानित किया. जिसमें 2 शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक थे और 18 शिक्षक राज्य शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षक रहे.

ये भी पढ़ें- CM नीतीश ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को दी बधाई, कहा- राष्ट्र निर्माण में आपकी भूमिका अहम

शिक्षक दिवस पर सम्मानित होने वाले इन 20 शिक्षकों में 10 पुरुष और 10 महिला शिक्षक शामिल रहे. हरिदास शर्मा और श्रीमती चंदना दत्त राष्ट्रीय स्तर पर इस बार पुरस्कृत होने वाले प्रदेश के 2 शिक्षक हैं. पुरस्कृत होने वाले सभी 20 शिक्षकों को 15 हजार की प्रोत्साहन राशि सरकार की तरफ से दी गई. कार्यक्रम का उद्घाटन शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया और इस मौके पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार समेत कई आला अधिकारी मौजूद रहे.

देखें रिपोर्ट

''शिक्षक दिवस के मौके पर प्रदेश के 20 शिक्षकों को उनके शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. शिक्षक हमारे समाज निर्माता होने के साथ रोल मॉडल भी होते हैं. जितने अच्छे शिक्षक होंगे, उतने अच्छे विद्यार्थी होंगे और जितने अच्छे विद्यार्थी होंगे, उतना अच्छा हमारा समाज होगा.''- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री

ये भी पढ़ें- इस 'गुरुकुल' में पढ़ाई की फीस है मात्र एक किलो चावल, कुकिंग और फार्मिंग की भी दी जाती है शिक्षा

शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती है और इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक रहे, विश्वविद्यालय के वीसी रहे, राजनायिक रहे, उपराष्ट्रपति रहे और फिर राष्ट्रपति भी रहे मगर वह खुद को एक शिक्षक मानते रहे और उन्हें एक शिक्षक कहलाना ही आजीवन पसंद आया.

शिक्षकों के प्रति उनका कितना स्नेह था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बतौर राष्ट्रपति जब उनके जन्मदिन को अधिकारियों ने मनाना चाहा तो उन्होंने जन्मदिन मनाने से इनकार करते हुए कहा कि अगर कुछ मनाना चाहते हो, तो इस दिन को शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस के तौर पर मनाएं. उन्होंने कहा कि शिक्षक का काम सिर्फ बच्चों को किताबी ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों की जानकारी देना भी है, ताकि बच्चे जीवन में आगे चलकर बेहतर समाज का निर्माण कर सकें.

ये भी पढ़ें- शिक्षक दिवस पर बोले छात्र- 'जमाने के साथ बदला है शिक्षा का प्रारूप, लेकिन गुरू का सम्मान आज भी उतना ही'

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का असली चेहरा वही दिखता है, जब सुदूर देहात क्षेत्र में स्कूलों में पढ़ाई का बेहतर माहौल तैयार किया जाता है. प्रदेश के सभी शिक्षक बहुत ही योग्य, कर्मठ और ईमानदार हैं. हमें पूरा विश्वास है कि बच्चों को शिक्षित करने के लिए सभी शिक्षक विद्यालय में अपना शत-प्रतिशत देंगे. आज इस सम्मान समारोह का उद्देश्य ये है कि सम्मानित होने वाले शिक्षकों का प्रदेश के अन्य शिक्षक अनुसरण करें कि कैसे शिक्षा में नवाचार और नई तकनीक का उपयोग कर बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सकती है.

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत होने वाली शिक्षिका चंदना दत्त ने बताया कि वो राठी उत्क्रमित विद्यालय की शिक्षिका हैं और कला के माध्यम से कम संसाधन में जिस तरीके से उन्होंने बच्चों को पढ़ाया और सरकार का इस पर ध्यान गया और उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा सम्मान से सम्मानित किया. ऐसे में वो बेहद गर्व की अनुभूति कर रही हैं. इस सम्मान को वो अपने शिक्षकों, माता-पिता और स्कूल के बच्चों को समर्पित करती हैं.

ये भी पढ़ें- शिक्षक की अनोखी पहल, माइकिंग के जरिए स्कूल आने के लिए बच्चों को किया जागरुक

राज्य शिक्षा सम्मान से सम्मानित होने वाली दिलीप नारायण प्लस टू हाई स्कूल जगदीशपुर की शिक्षिका कंचन कामिनी ने कहा कि राज्य शिक्षा सम्मान से सम्मानित होना उनके लिए गौरव की बात है. उन्होंने जिस तरीके से विद्यालय में बच्चों को पढ़ाया और इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट हुआ और उन्हें सम्मान हासिल हुआ इसके लिए वो सरकार को धन्यवाद देते हैं.

उन्होंने कहा कि यह सम्मान अपने गुरुजनों, माता-पिता और विद्यालय के बच्चों को समर्पित करती हैं. आज के दिन वो सभी शिक्षकों से निवेदन करेंगी कि अपने कर्तव्य का निर्वहन अच्छे तरीके से करें, ताकि बिहार पहले जैसे शिक्षा के क्षेत्र में आगे था वैसे ही फिर से शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें.

पटना: शिक्षक दिवस (Teachers Day) के मौके पर शिक्षा विभाग (Education Department) की ओर से विभाग के कार्यालय शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने प्रदेश के 20 शिक्षकों को शिक्षा सम्मान से सम्मानित किया. जिसमें 2 शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक थे और 18 शिक्षक राज्य शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षक रहे.

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शिक्षक दिवस पर सम्मानित होने वाले इन 20 शिक्षकों में 10 पुरुष और 10 महिला शिक्षक शामिल रहे. हरिदास शर्मा और श्रीमती चंदना दत्त राष्ट्रीय स्तर पर इस बार पुरस्कृत होने वाले प्रदेश के 2 शिक्षक हैं. पुरस्कृत होने वाले सभी 20 शिक्षकों को 15 हजार की प्रोत्साहन राशि सरकार की तरफ से दी गई. कार्यक्रम का उद्घाटन शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया और इस मौके पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार समेत कई आला अधिकारी मौजूद रहे.

देखें रिपोर्ट

''शिक्षक दिवस के मौके पर प्रदेश के 20 शिक्षकों को उनके शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. शिक्षक हमारे समाज निर्माता होने के साथ रोल मॉडल भी होते हैं. जितने अच्छे शिक्षक होंगे, उतने अच्छे विद्यार्थी होंगे और जितने अच्छे विद्यार्थी होंगे, उतना अच्छा हमारा समाज होगा.''- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री

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शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती है और इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक रहे, विश्वविद्यालय के वीसी रहे, राजनायिक रहे, उपराष्ट्रपति रहे और फिर राष्ट्रपति भी रहे मगर वह खुद को एक शिक्षक मानते रहे और उन्हें एक शिक्षक कहलाना ही आजीवन पसंद आया.

शिक्षकों के प्रति उनका कितना स्नेह था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बतौर राष्ट्रपति जब उनके जन्मदिन को अधिकारियों ने मनाना चाहा तो उन्होंने जन्मदिन मनाने से इनकार करते हुए कहा कि अगर कुछ मनाना चाहते हो, तो इस दिन को शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस के तौर पर मनाएं. उन्होंने कहा कि शिक्षक का काम सिर्फ बच्चों को किताबी ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों की जानकारी देना भी है, ताकि बच्चे जीवन में आगे चलकर बेहतर समाज का निर्माण कर सकें.

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उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का असली चेहरा वही दिखता है, जब सुदूर देहात क्षेत्र में स्कूलों में पढ़ाई का बेहतर माहौल तैयार किया जाता है. प्रदेश के सभी शिक्षक बहुत ही योग्य, कर्मठ और ईमानदार हैं. हमें पूरा विश्वास है कि बच्चों को शिक्षित करने के लिए सभी शिक्षक विद्यालय में अपना शत-प्रतिशत देंगे. आज इस सम्मान समारोह का उद्देश्य ये है कि सम्मानित होने वाले शिक्षकों का प्रदेश के अन्य शिक्षक अनुसरण करें कि कैसे शिक्षा में नवाचार और नई तकनीक का उपयोग कर बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सकती है.

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत होने वाली शिक्षिका चंदना दत्त ने बताया कि वो राठी उत्क्रमित विद्यालय की शिक्षिका हैं और कला के माध्यम से कम संसाधन में जिस तरीके से उन्होंने बच्चों को पढ़ाया और सरकार का इस पर ध्यान गया और उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा सम्मान से सम्मानित किया. ऐसे में वो बेहद गर्व की अनुभूति कर रही हैं. इस सम्मान को वो अपने शिक्षकों, माता-पिता और स्कूल के बच्चों को समर्पित करती हैं.

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राज्य शिक्षा सम्मान से सम्मानित होने वाली दिलीप नारायण प्लस टू हाई स्कूल जगदीशपुर की शिक्षिका कंचन कामिनी ने कहा कि राज्य शिक्षा सम्मान से सम्मानित होना उनके लिए गौरव की बात है. उन्होंने जिस तरीके से विद्यालय में बच्चों को पढ़ाया और इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट हुआ और उन्हें सम्मान हासिल हुआ इसके लिए वो सरकार को धन्यवाद देते हैं.

उन्होंने कहा कि यह सम्मान अपने गुरुजनों, माता-पिता और विद्यालय के बच्चों को समर्पित करती हैं. आज के दिन वो सभी शिक्षकों से निवेदन करेंगी कि अपने कर्तव्य का निर्वहन अच्छे तरीके से करें, ताकि बिहार पहले जैसे शिक्षा के क्षेत्र में आगे था वैसे ही फिर से शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें.

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