पटना: वीसी की नियुक्ति को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच ठन गई थी. विवाद गहराता जा रहा था. बीजेपी महागठबंधन सरकार पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के अपमान का आरोप लगा रही थी. इसी बीच बुधवार 23 अगस्त को नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात की. शुक्रवार को राज्य सरकार ने पांच विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति लिए जो विज्ञापन निकाला था, उसे वापस ले लिया है. शिक्षा विभाग ने नोटिफिकेशन निकाल कर सारे विज्ञापन संख्या को वापस ले लिया है.
शिक्षा विभाग ने वापस लिया विज्ञापन: बता दें कि शुक्रवार को जब नीतीश कुमार से पूछा गया कि राजभवन और राज्य सरकार के बीच विवाद चल रहा है, तो नीतीश कुमार ने इससे इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि राजभवन के साथ कोई टकराव नहीं है. शिक्षा को लेकर सभी मिलकर काम कर रहे हैं. वहीं अब विज्ञापन वापस लेने के बाद तमाम कयासों पर विराम लग गया है. राज्य सरकार और राजभवन की इस जंग में राजभवन की जीत हुई है.
राजभवन और राज्य सरकार के बीच टकराव खत्म: दरअसल बिहार के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए राजभवन के बाद सरकार की ओर से विज्ञप्ति निकालने को लेकर विवाद चल रहा था. सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को शाम पांच बजे राज्यपाल से राजभवन में जाकर मुलाकात की थी. इस दौरान राजभवन की ओर से राज्यपाल व कुलाधिपति के अधिकार क्षेत्र में शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे हस्तक्षेप, बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के कुलपति और प्रतिकुलपति के वेतन बंद करने के मामले के साथ ही उनके वित्तीय अधिकार को रोकने और विश्वविद्यालय के बैंक खातों को फ्रीज करने संबंधित आदेशों की जानकारी नीतीश कुमार को दी. 15 मिनट की भेंट के बाद राजभवन सचिवालय की ओर से एक विज्ञप्ति जारी की गई.