पटना: सोमवार से बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. पहले ही दिन विपक्ष ने जाति आधारित सर्वे रिपोर्ट में गड़बड़ी, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, शिक्षक भर्ती में धांधली और अलग-अलग विभागों में घोटालों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग की. इस पर डिप्टी सीएम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किस बात के लिए इस्तीफा दें? उन्होंने कहा कि रोज-रोज इस्तीफा मांगना बीजेपी की आदत हो गई है.
"ये लोग डेली-डेली एक ही बात के लिए रोता है कि इस्तीफा दे दो. अरे काहे इस्तीफा दे दें भाई? लाखों की तादाद में नौकरियां बंट रही हैं. कानून-व्यवस्था सुधारी जा रही है. अस्पतालों की व्यवस्था बेहतर की जा रही है. कल्याणकारी योजनाएं आ रही हैं. ऐतिहासिक काम हो रहा है. बिहार के कार्यों की देश में चर्चा हो रही है, अन्य राज्यों में भी मांग उठ रही है. ऐसे में किस बात के लिए इस्तीफा दें. अगर देना है तो भारत सरकार के लोग इस्तीफा दें"- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
जातीय गणना पर बीजेपी को तेजस्वी का जवाब: वहीं, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जातीय गणना रिपोर्ट को लेकर बीजेपी के आरोपों पर कहा कि बीजेपी के लोग किस आधार पर जातीय गणना में गड़बड़ी की बात कह रहे हैं. अगर उनके पास आधार है तो सामने रखना चाहिए. हमारे पास तो साइंटिफिक डाटा है और उसी के आधार पर हमने आंकड़ा जारी किया है.
यादवों की अधिक संख्या पर क्या बोले तेजस्वी?: वहीं जातीय गणना रिपोर्ट में यादवों की आबादी अधिक बताने को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि इसमें क्या गलत है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि पिछड़ों की संख्या कम कर दी गई. ऐसे में मैं पूछना चाहता हूं कि क्या यादव ओबीसी में नहीं आता?
अमित शाह पर तेजस्वी का तंज: डिप्टी सीएम ने केंद्रीय गृहमंत्री के बिहार दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि अमित शाह बिहार आते हैं और क्या-क्या कहकर जाते हैं, जनता सब सुन रही है. तेजस्वी ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि वह बार-बार बिहार आएं. उनके आने से महागठबंधन को ही फायदा होगा.
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