पटना: बिहार में आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से बढ़ाकर 65% रिजर्वेशन करने के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस मामले में चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने गौरव कुमार व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. जहां कोर्ट ने नए आरक्षण कानून पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. वहीं, इसके बाद से ही राजद बीजेपी पर हमलावर हो गई है. इसी कड़ी में शनिवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है.
बीजेपी के इशारों पर याचिका दायर: उन्होंने कहा कि महागठबंधन की बिहार सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75% कर दिया तो वरिष्ठ BJP नेता ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि 75% आरक्षण के विरुद्ध कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी. 3 दिन बाद ही बीजेपी के इशारों पर याचिका दायर कर दी गई. वहीं, बीजेपी के इशारों पर जाति आधारित सर्वे रुकवाने के लिए अनेकों बार हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक केस किए गए. केंद्र सरकार ने हमारी सरकार के जातिगत सर्वे के विरोध में सॉलिसिटर जनरल तक को सुप्रीम कोर्ट में खड़ा कर दिया. नगर निकायों में पिछड़ों/अतिपिछड़ों को आरक्षण व प्रतिनिधित्व देने के विरोध में भी BJP के इशारों पर अनेक बार केस दर्ज किए. लेकिन अंत में सत्य की ही जीत हुई.
"जब-जब आरक्षण को लेकर बात होती है, बीजेपी पिछले दरवाजे से इसका विरोध करती है. भाजपा के लोग आरक्षण के मुद्दे पर सामने से तो मदद करने का ढोंग करते है. लेकिन पीछे से आरक्षण के विरोध में अपने लोगों को कोर्ट भेजकर याचिका दायर करवा देते है. यहीं बीजेपी का असली चेहरा है. ये बात बिहार की जनता जान गई है." - तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार.
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