पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने पूर्व सीएम बीपी मंडल (BP Mandal) की जयंती के मौके पर सीएम आवास में उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया और भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर मुख्यमंत्री आवास में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी जल (Minister Vijay Kumar Choudhary), संसाधन मंत्री संजय झा (Minister Sanjay Jha) और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Minister Ashok Choudhary) भी मौजूद थे. सभी मंत्रियों ने भी बीपी मंडल की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
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भारत में पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिए जाने के लिए सर्वेक्षण का कार्य बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल को केंद्र के तत्कालीन मोरारजी देसाई की सरकार ने दिया था. उस समय बीपी मंडल ने देश भर में घूम-घूमकर संरक्षण का कार्य किया था. इसके साथ ही विभिन्न जातियों को इस योग्य पाया था कि इन्हें पिछड़े वर्ग की श्रेणी में रखा जा सकें. इसके बाद उस रिपोर्ट को 1991 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने लागू कराया था. इस रिपोर्ट को मंडल आयोग (Mandal Commission) की रिपोर्ट कहा जाता है.
तत्कालीन विश्वनाथ प्रताप सिंह (Vishwanath Pratap Singh) की सरकार ने दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग, जिसे आमतौर पर मंडल आयोग के रूप में जाना जाता है, इसकी एक सिफारिश को लागू किया था. यह सिफारिश अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों में सभी स्तरों पर 27 प्रतिशत आरक्षण देने की थी. इस फैसले ने खासकर उत्तर भारत की राजनीति को बदल कर रख दिया था. बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल यानी बीपी मंडल इस आयोग के अध्यक्ष थे. बीपी मंडल का जन्म 25 अगस्त, 1918 को बनारस में हुआ था.
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वे विधायक, सांसद, मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे लेकिन दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के रूप की गई उनकी सिफारिशों के कारण ही उन्हें खासकर पिछड़ा वर्ग के एक बड़े आइकन के रूप में याद किया जाता है. दूसरा पिछड़ा वर्ग आयोग (Second Backward Classes Commission) का गठन 1977 में हुए चुनावों में बनी जनता पार्टी की मोरारजी भाई देसाई (Morarji Bhai Desai) की सरकार ने किया था.
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