पटना: बिहार के पूर्वी चंपारण और गया जिले को जल संरक्षण के लिए उचित कदम उठाये जाने पर दोनों जिलों को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है. इस पुरस्कार के मिलने से प्रदेश के अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा और वह जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ेंगे. वहीं, पूर्वी चंपारण और गया को जल संरक्षण में राष्ट्रपति पुरस्कार (President Award in Water Conservation) मिलने के बाद बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने दोनों जिलों के जिलाधिकारियों के साथ प्रेसवार्ता की और बिहार में जल संरक्षण को लेकर चलाये जा रहे जल जीवन हरियाली योजना (Jal Jivan Hariyali Yojna in Bihar) के विषय में बताया.
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मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि बिहार में पानी के संरक्षण और भूजलस्तर को ठीक करने के लिए जल जीवन हरियाली योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत विभिन्न जिलों में पुराने तालाब, पोखर और कुओं की उड़ाही करवाई जा रही है. इसके साथ ही अतिक्रमण किये तालाब, आहर, पाइन को मुक्त करवाया जा रहा है. सरकारी भवन में पानी संरक्षण को लेकर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जा रहा है. बिहार में चलाए जा रहे इस अभियान को अब राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिलने लगा है. पूर्वी चंपारण और गया जिले को जल जीवन हरियाली के लिए अच्छा कार्य करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. जोकि प्रदेश के लिए गर्व की बात है.
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इस दौरान पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल ने कहा कि ईस्ट जोन में जल जीवन हरियाली योजना को ठीक से कार्यान्वन करने को लेकर ये पुरस्कार राष्ट्रपति के द्वारा दिया गया है. जल जीवन हरियाली योजना के माध्यम से पूर्वी चंपारण में कई जगहों पर भूजलस्तर में काफी सुधार हुआ है. वहीं, गया के जिलाधिकारी त्यागराजन ने कहा कि बथानी प्रखंड के सेलारी गांव में पहाड़ी के नीचे चेक डैम बनाकर पानी को एकत्रित किया गया और छोटे-छोटे तालाब बनाये गए. जिससे ग्रामीणों को पूरे साल पानी मिल रहा है. उस क्षेत्र में भूजलस्तर में काफी सुधार हुआ है. इसीलिए बथानी प्रखंड को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है.
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