पटना: बिहार में पराली जलाने पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. गुरुवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सभी डीएम के साथ बैठक कर पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का निर्देश (Bihar Chief Secretary Amir Subhani Meeting With DM On Stubble Burning ) दिया है. मुख्य सचिव ने पराली जलाने से रोकने के लिए सख्ती और जागरूकता अभियान के साथ अन्य आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है. बता दें कि कटिहार, मोतिहारी, सिवान, बेतिया, सहरसा, पटना, नालंदा सहित कई शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर को पार कर गया है.
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सीएम के आदेश के बाद बढ़ी सख्तीः बता दें कि पत्रकारों की राज्य में बढ़ते प्रदूषण पर पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वायु प्रदूषण पर रिपोर्ट लेने की बात कही थी. सीएम के निर्देश के बाद ही राज्य के वरीय अधिकारी हरकत में आए हैं और लगातार अलग-अलग स्तर पर बैठक कर प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्देश दे रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के निर्देश पर अंतर्विभागीय समूह की बैठक में विकास आयुक्त भी पराली जलाने वाले पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश (Order To File FIR On Stubble Burning ) दे चुके हैं. कृषि विभाग के प्रभारी रविंद्र नाथ राय की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है.
बिहार में वायु प्रदूषण: राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत राज्य में सबसे अधिक प्रदूषित शहर लगातार कटिहार (Air Pollution in Bihar) बना हुआ है. कटिहार का वायु गुणवत्ता सूचकांक 393 पर पहुंच गया है. यहां धूल कण की मात्रा मानक से 6 गुना अधिक हो गई है. वहीं दूसरे नंबर पर मोतिहारी का सूचकांक 368 हो गया है. पटना का सूचकांक 250, सिवान का 349, समस्तीपुर का 316, सहरसा का 307 और बेतिया का वायु सूचकांक 308 पर पहुंच गया है.
पराली जलाने पर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाईः दरअसल, बिहार में भी पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी है. इसके कारण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. पटना, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, बक्सर और कैमूर में पराली जलाने की घटना सबसे अधिक हो रही है. इन जिलों में प्रदेश की 83% पराली जलाने की घटनाएं हो रही हैं. प्रदूषण के कारण प्रमुख शहरों की हवा लगातार जहरीली हो रही है. बता दें कि पराली जलाने वाले किसानों पर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई होगी. पराली जलाने की घटना सही पाई गई तो दंडाधिकारी के बयान पर किसानों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा किया जाएगा.
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