पटनाः बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया. एक प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि नया जेल मैन्युअल 2012 लागू है. जेल में 14 साल की सजा और 20 वर्ष परिहार जोड़कर रिहाई को लेकर विचार किया जाता है. रिहाई के लिये परिहार परिषद की पिछले 6 सालों में 22 बैठकें हुईं. 1161 कैदियों की रिहाई विचार किया गया, जिसमें 698 कैदियों को छोड़ने पर फैसला हुआ है.
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'सभी नियम का पालन किया गया': आमिर सुबहानी ने प्रेस को ये भी बताया कि परिहार परिषद के दण्डाधिकार ने आजीवन सजा वाले कैदियों को लेकर फैसला लिया है. सभी प्रकिया को पूरा करने के बाद ही रिहाई की गयी है. आनन्द मोहन जो राजनेता हैं, उनके मामले में कई तरह की बात की जा रही है. उन्होंने ने भी 15 साल से अधिक सजा काट ली है. परिहार सहित 22 साल से अधिक सजा है. उनके मामले में भी सभी नियम का पालन किया गया है.
"आनन्द मोहन ने 15 साल से अधिक सजा काट ली है. सभी प्रकिया को पूरा करने के बाद ही रिहाई दी गयी है. रिहाई के लिये परिहार परिषद की पिछले 6 सालों में 22 बैठकें हुईं. जिसमें 698 कैदियों को छोड़ने पर फैसला लिया गया है. ये नियमों के मुताबिक है"- आमिर सुबहानी, मुख्य सचिव, बिहार
बिहार में रिहाई पर राजनीति गरमायीः आपको बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार में राजनीति गरमायी हुई है, इन सबके बीच गुरुवार की सुबह वो सहरसा जेल से बाहर आ चुके हैं, जिसे लेकर विरोध के स्वर और ज्यादा उठने लगे हैं. इस रिहाई के खिलाफ कोर्ट में पीआईएल भी की गई है. सरकार पर विपक्ष भी लगातार हमलावर है. जिसे देखते हुए खुद बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने प्रेस कांफ्रेंस कर रिहाई से संबंधित पूरी जानकारी दी.