पटना: बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ( Bihar Chamber of Commerce Industries ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ), केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ), केंद्रीय विद्युत राज्यमंत्री आरके सिंह ( Union Minister R K Singh) समेत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पत्र लिखकर एक देश एक बिजली दर लागू करने की मांग की है. बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ( PK Agrawal ) ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में बिजली की दरों ( Electricity Rate ) में समानता नहीं होने के कारण उद्यमियों ( Industrialists ) को काफी परेशानी होती है.
वहीं, उन्होंने सूबे के संदर्भ में कहा कि बिजली की दरों में असमानता का प्रतिकूल प्रभाव राज्य के औद्योगिकरण ( Modernization) पर भी पड़ रहा है. पीके अग्रवाल ने कहा कि नए निवेशक उसी राज्य में उद्योग ( Industry ) स्थापित करते हैं, जिस राज्य में बिजली की दर कम होती है.
'देश के विभिन्न राज्यों में बिजली की दरें एक समान नहीं होने से व्यवसायियों के साथ-साथ आम उपभोक्ता प्रभावित हो रहे हैं. क्योंकि एक ही देश में एक राज्य के उपभोक्ता को सस्ता बिजली उपलब्ध हो रहा है, वहीं दूसरे राज्य के उपभोक्ता को बिजली के लिए ऊंची कीमत देनी पड़ रही है. इसलिए हमने सरकार से अनुरोध किया है कि एक राष्ट्र एक विद्युत दर नीति लागू की जाए'.- पीके अग्रवाल, बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष
पूरे देश में बिजली की दर एक समान हो
बता दें कि एक देश एक बिजली दर की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कर चुके हैं. फरवरी माह में नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया था. इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि पूरे देश में जो बिजली की आपूर्ति केंद्र सरकार की तरफ से की जाती है. सभी जगह उसका एक रेट हो जाए तो बहुत अच्छा होगा. इसके लिए एक नीति बनाने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने भी 'वन नेशन वन रेट' पर जोर दिया था.
सबसे अधिक दर पर बिजली खरीद रहा बिहार
विकास के क्षेत्र में पिछड़ा बिहार देश से अधिक कीमत पर बिजली खरीद रहा है. बिहार जिस दर पर बिजली खरीद रहा है, वह दर राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है. 2018-19 में खरीदी गयी बिजली दर के ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार देश में बिजली दर का औसत 3.60 रुपये प्रति यूनिट है. जबकि बिहार को 4.12 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जा रही है. वहीं, बिहार के पड़ोसी राज्य ओडिशा को इसके लगभग आधे दर 2.77 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली मिल रही है. जिस कारण अन्य राज्यों की तुलना में बिहार को बिजली पर हर साल करोड़ों रुपये अधिक खर्च करना पड़ रहा है.
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