पटना: बिहार में जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट के अंतरिम रोक को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा है कि मामला हाईकोर्ट में है. 3 जुलाई को सुनवाई भी होनी है अगर हाई कोर्ट इस मामले में सुनवाई नहीं करता है तो हम 14 जुलाई को इस मामले में सुनवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. एक तरफ जहां कांग्रेस बीजेपी को नसीहत दे रही है कि जातीय गणना पर अपना दोहरा मुखौटा हटाए और जातीय गणना की पहल बीजेपी करे. वहीं बीजेपी ने भी लालू और नीतीश पर बड़ा हमला किया है.
बोले गिरिराज सिंह-' श्वेत पत्र जारी करें लालू-नीतीश': गुरुवार को दिल्ली से पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं कोर्ट की बातों पर कोई टिप्पणी नहीं करता और न मुझे जातीय गणना से परहेज है. लेकिन मैं नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों से निवेदन करूंगा कि आने वाले चुनाव में वे बिहार के अपने 30-32 सालों का श्वेत पत्र जारी करें. इतने सालों के कार्यकाल का एक श्वेत पत्र जारी करें और बताएं कि दोनों भाईयों की सरकार ने दलित/महादलित को ब्लॉक वाइज,पंचायत वाइज कितनी नौकरियां दी हैं.
जापान में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद परमाणु बम गिरा और 10 साल में खड़ा हो गया. आप 33 साल में यह बताएं कि कितने लोगों को नौकरी देने का काम किए, कितने लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरी. 33 साल हो गया और चुनाव में जाएंगे तो 35 साल हो जाएगा.- गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
प्रवचन में मांस मछली खाकर जाने वाले बयान पर कही ये बात: वहीं बाबा बागेश्वर के प्रवचन में मांस मछली खाकर जाने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है जो माने वह हिंदू है जो ना माने वह काफिर नहीं है. जो एकादशी करे वह भी हिंदू जो ना एकादशी करें वह भी हिंदू, यह तो सर्वे भवंतु सुखिनः के बताए मार्ग पर चलता है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को झटका देते हुए जातीय गणना पर लगी रोक को बरकरार रखा है. इसके बाद से बीजेपी नीतीश सरकार पर हमलावर है.