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CAG रिपोर्ट में बड़े घोटाले की बात- अवैध खनिजों के परिवहन में सरकार को लगा 4.20 करोड़ का चूना

विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट में परिवहन विभाग की अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. विभाग ने ई-चालान निर्गत करने के मामले में काफी अनियमितता (Irregularity regarding challan ) बरती है, जिससे सरकार को 4.20 करोड़ का चूना लगा है. वहीं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भी वित्तीय अनियमितता का पता चला है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

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Published : Dec 16, 2022, 8:27 PM IST

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पटनाः बिहार विधानसभा में शुक्रवार को कैग की रिपोर्ट पेश की गई. 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष के अनुपालन प्रतिवेदन में सरकार की वित्तीय अनियमितता का फिर से खुलासा (CAG report exposed scam of transport department) हुआ है. इस रिपोर्ट के माध्यम से वाहनों को ई-चालान निर्गत करने में भारी अनियमितता की बात सामने आई है. अवैध खनिजों के परिवहन से सरकार को करीब 4.20 करोड़ रुपया का घाटा लगा है. ई-चालान निर्गत करने में की गई अनियमितता पर कोई कार्रवाई भी नहीं की गई है.

ये भी पढ़ेंः CAG Report: बिहार को कई करोड़ का घाटा, अधूरा रह गया जिलों का सर्वेक्षण

परिवहन विभाग में भारी गड़बड़ीः कैग रिपोर्ट में बिहार के परिवहन विभाग की अनियमितता का खुलासा हुआ है. हैंड-हेल्ड डिवाइस द्वारा ई-चालान से वसूले गए 6.27 करोड़ रुपये सरकारी खाते में जमा नहीं किए गए. खाताबही का रख-रखाव नहीं होने की वजह से सरकारी खाते में सात करोड़ तीन हजार रुपए भेजे जाने का सत्यापन नहीं किया जा सका. वहीं एक करोड़ 97 लाख के 3061 चालान अनियमित रूप से संशोधित किए गए. इससे जुर्माने में 90 लाख 96 हजार रुपये की कमी हो गई.

24 करोड़ के ई-चालान दिये गएः रिपोर्ट में स्पष्ट है कि वाहन मालिकों को 24 करोड़ 17 लाख के 71274 ई-चालान निर्गत किए गए, लेकिन न तो उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई और न ही वाहनों की जब्ती का कोई प्रयास किया गया. वाहनों पर 9.33 करोड़ के जुर्माने से प्राप्त राशि को अनुचित शीर्ष में भेज दिया गया. जिससे सड़क सुरक्षा परिषद 93.30 लाख रुपए सड़क कोष के अपने हिस्से से वंचित रह गया. वसूली गयी कुल राशि का केवल 11.86% ही 8 जिलों में नामित बैंक को डिजिटल रूप से हस्तांतरित किया गया.

कम टैक्स लगाए जाने से भू-राजस्व में नुकसानः सीएजी की रिपोर्ट में राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित त्रुटिपूर्ण गणना का तरीका अपनाने के फलस्वरूप कम कर लगाया गया है. इस कारण भू-स्वामियों को कम भुगतान किया गया. गलत गणना किए जाने के कारण भू-स्वामियों को 8 करोड़ 60 लाख के अतिरिक्त मुआवजे का कम भुगतान किया गया. सीएजी रिपोर्ट में अधिग्रहण के अधीन भूमि का 25 वर्षों के वार्षिक लगान के पंजीकृत मूल्य पर प्रतिशतता के रूप में 63 लाख 15 हजार का उपकर नहीं लगाया गया. इसका भी खुलासा रिपोर्ट में किया गया है.

राज्य सरकार के स्रोत से सिर्फ 28 प्रतिशत राजस्व प्राप्तिः CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार सरकार की कुल प्राप्ति 1,28,294.13 करोड़ थी. इसमें राज्य सरकार के अपने स्रोत से अर्जित राजस्व 36,543,01 करोड़ यानी 28.48%, जबकि केंद्र से प्राप्ति का हिस्सा 91,751.12 करोड़ यानि कुल प्राप्ति का 71.52 % रहा.

अकाउंटेंट जनरल ने जारी की रिपोर्टः बिहार का कैग रिपोर्ट (CAG report) शुक्रवार को जारी किया गया. इसमें बिहार को कई करोड़ रुपये का घाटा (Bihar lost several crores in the CAG report ) दिखाया गया है. जिलों का सर्वेक्षण अधूरा रह जाने की वजह से बिहार को घाटा हुआ है. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अकाउंटेंट जनरल रामअवतार शर्मा ने कहा कि बिहार सरकार के विभिन्न जिलों में समय रहते अगर ऑडिट हो जाता तो बिहार सरकार को आज इतने राजस्व का नुकसान नहीं होता.

पटनाः बिहार विधानसभा में शुक्रवार को कैग की रिपोर्ट पेश की गई. 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष के अनुपालन प्रतिवेदन में सरकार की वित्तीय अनियमितता का फिर से खुलासा (CAG report exposed scam of transport department) हुआ है. इस रिपोर्ट के माध्यम से वाहनों को ई-चालान निर्गत करने में भारी अनियमितता की बात सामने आई है. अवैध खनिजों के परिवहन से सरकार को करीब 4.20 करोड़ रुपया का घाटा लगा है. ई-चालान निर्गत करने में की गई अनियमितता पर कोई कार्रवाई भी नहीं की गई है.

ये भी पढ़ेंः CAG Report: बिहार को कई करोड़ का घाटा, अधूरा रह गया जिलों का सर्वेक्षण

परिवहन विभाग में भारी गड़बड़ीः कैग रिपोर्ट में बिहार के परिवहन विभाग की अनियमितता का खुलासा हुआ है. हैंड-हेल्ड डिवाइस द्वारा ई-चालान से वसूले गए 6.27 करोड़ रुपये सरकारी खाते में जमा नहीं किए गए. खाताबही का रख-रखाव नहीं होने की वजह से सरकारी खाते में सात करोड़ तीन हजार रुपए भेजे जाने का सत्यापन नहीं किया जा सका. वहीं एक करोड़ 97 लाख के 3061 चालान अनियमित रूप से संशोधित किए गए. इससे जुर्माने में 90 लाख 96 हजार रुपये की कमी हो गई.

24 करोड़ के ई-चालान दिये गएः रिपोर्ट में स्पष्ट है कि वाहन मालिकों को 24 करोड़ 17 लाख के 71274 ई-चालान निर्गत किए गए, लेकिन न तो उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई और न ही वाहनों की जब्ती का कोई प्रयास किया गया. वाहनों पर 9.33 करोड़ के जुर्माने से प्राप्त राशि को अनुचित शीर्ष में भेज दिया गया. जिससे सड़क सुरक्षा परिषद 93.30 लाख रुपए सड़क कोष के अपने हिस्से से वंचित रह गया. वसूली गयी कुल राशि का केवल 11.86% ही 8 जिलों में नामित बैंक को डिजिटल रूप से हस्तांतरित किया गया.

कम टैक्स लगाए जाने से भू-राजस्व में नुकसानः सीएजी की रिपोर्ट में राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित त्रुटिपूर्ण गणना का तरीका अपनाने के फलस्वरूप कम कर लगाया गया है. इस कारण भू-स्वामियों को कम भुगतान किया गया. गलत गणना किए जाने के कारण भू-स्वामियों को 8 करोड़ 60 लाख के अतिरिक्त मुआवजे का कम भुगतान किया गया. सीएजी रिपोर्ट में अधिग्रहण के अधीन भूमि का 25 वर्षों के वार्षिक लगान के पंजीकृत मूल्य पर प्रतिशतता के रूप में 63 लाख 15 हजार का उपकर नहीं लगाया गया. इसका भी खुलासा रिपोर्ट में किया गया है.

राज्य सरकार के स्रोत से सिर्फ 28 प्रतिशत राजस्व प्राप्तिः CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार सरकार की कुल प्राप्ति 1,28,294.13 करोड़ थी. इसमें राज्य सरकार के अपने स्रोत से अर्जित राजस्व 36,543,01 करोड़ यानी 28.48%, जबकि केंद्र से प्राप्ति का हिस्सा 91,751.12 करोड़ यानि कुल प्राप्ति का 71.52 % रहा.

अकाउंटेंट जनरल ने जारी की रिपोर्टः बिहार का कैग रिपोर्ट (CAG report) शुक्रवार को जारी किया गया. इसमें बिहार को कई करोड़ रुपये का घाटा (Bihar lost several crores in the CAG report ) दिखाया गया है. जिलों का सर्वेक्षण अधूरा रह जाने की वजह से बिहार को घाटा हुआ है. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अकाउंटेंट जनरल रामअवतार शर्मा ने कहा कि बिहार सरकार के विभिन्न जिलों में समय रहते अगर ऑडिट हो जाता तो बिहार सरकार को आज इतने राजस्व का नुकसान नहीं होता.

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