पटना: बिहार में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 का आयोजन किया गया. बिहार सरकार की ओर से तमाम उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया था. 600 से अधिक कंपनियों ने हिस्सा लिया. 302 कंपनियों के साथ बिहार सरकार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया. बिजनेस कनेक्ट में बिहार मूल के तीन उद्योगपति भी शामिल हुए. ये तीनों युवा बिहार की मिट्टी का कर्ज अदा करना चाहते हैं. उन्हें बिहार के अंदर संभावनाएं भी दिखती हैं.
बिहार में उद्योग की अपार संभावनाएं: वैसे तो बिहारी मूल के देश में कई नामी गिरामी बड़े उद्योगपति हैं, लेकिन उनका मुख्यालय तक बिहार में नहीं है. बदली हुई परिस्थितियों में युवा बिहारी अब बिहार की ओर मुड़ रहे हैं. बिहार को तरक्की के रास्ते पर लाने के लिए बिहार में इंडस्ट्री लग रहे हैं. एमडी कंपनी के निदेशक हसमुख रंजन को बिहार से प्यार है. हंसमुख रंजन ने कहा कि "बिहार में उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं हैं. बिहारी होने के चलते बिहार में उद्योग लगाने का फैसला लिया है. जल्द ही बिहार सरकार के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो जाएगा."
सभी बिहारी को इच्छा शक्ति दिखाने की जरूरतः डॉ दिलीप कुमार 'पटेल ग्रुप इंडस्ट्रीज' के मालिक हैं. इनका मानना है कि अगर बिहार में निवेश नहीं करेंगे तो कौन करने आएगा. बिहार के अंदर कच्चे माल, श्रम और इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है. सिर्फ बिहारी को इच्छा शक्ति दिखाने की जरूरत है. "मैंने 5000 करोड़ से अधिक का निवेश करने का फैसला लिया है और आने वाले दिनों में यह अमाउंट और बढ़ने वाला है".
मिट्टी का कर्ज चुकाना हैः महेश कुमार, अमेरिका बेस्ट कंपनी टाइगर एनालिटिक्स के मालिक हैं. महेश कुमार ने कहा कि "हम बिहार के हैं और बिहार की मिट्टी का कर्ज अदा करना चाहते हैं. हमने पटना में अपना पहला ऑफिस खोलने का फैसला लिया है और हमारा टारगेट 10000 लोगों को रोजगार देने का है". उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौडरिक ने कहा कि बिहार में कोई भी उद्योग लगता है तो फायदा सरकार का ही होता है. लेकिन जो बिहारी मूल के उद्योगपति हैं उन्हें पहले आगे आना चाहिए. उनका फर्ज तो बनता है.
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