पटना: भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव बिहार दौरे पर थे. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पहले अनलॉक डाउन के दौरान दौरा महत्वपूर्ण था. भूपेंद्र यादव के एक मकसद तो पूरा हुआ. लेकिन दूसरा अधूरा रह गया.
भूपेंद्र यादव मिशन 2020 के चलते बिहार आए. 1 सप्ताह से ज्यादा समय तक भूपेंद्र यादव बिहार में कैंप करते रहे. इस दौरान उन्होंने जहां बिहारभर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात भी की. अनलॉक के दौरान भाजपा ने तमाम 45 सांगठनिक जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में भूपेंद्र यादव के अलावा बिहार भाजपा के तमाम सिर्फ नेता मौजूद रहे. हर रोज 9 जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की गई. हर जिले से सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष, पूर्व जिला परिषद अध्यक्षों को बुलाया जाता रहा और उनसे विधानसभा वार फीडबैक लिया गया.
एनडीए की स्थिति का जायजा
पार्टी ने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट कर दिया कि इस बार चुनाव जदयू के साथ गठबंधन में लड़ना है. भूपेंद्र यादव ने हर विधानसभा में एनडीए की स्थिति को लेकर भी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया. बैठक में शामिल होने आए पूर्णिया जिला परिषद अध्यक्ष क्रांति देवी ने बताया कि बैठक में हम लोगों से यह फीडबैक लिया गया कि कोरोना संकटकाल में केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोग क्या सोचते हैं. इसके अलावा विधानसभा में एनडीए के प्रत्याशी कितने मजबूत हैं और हमारे निकटतम प्रतिद्वंदी किस गठबंधन के हैं.
'चुनाव को लेकर फीडबैक लिया गया'
पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण मेहता ने कहा कि हम लोगों से पार्टी ने सुझाव भी लिया. वर्चुअल रैली को लेकर हम लोगों ने कहा कि से शाम में आयोजित की जाए. इसके अलावा कोरोना संकटकाल में कैसे चुनाव होगा यह सवाल भी उठाए गए. भाजपा के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ शंभू ने बताया कि हम लोग संगठन को मजबूत करने के लिए बैठक करते रहते हैं. उसी क्रम में बिहार के तमाम कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर फीडबैक लिया गया.
'सिद्धांतों की बनियाद पर बैठक'
पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि सिद्धांतों की बुनियाद पर बैठक की गई. कार्यकर्ताओं को बदली परिस्थितियों में कैसे आगे बढ़ना है. इसे लेकर टिप्स दिया गया, तो दूसरी तरफ वर्चुअल माध्यम से कैसे आम लोगों तक पहुंचा जाए, इसके बारे में भी कार्यकर्ताओं को बताया गया.
बीजेपी के दो मिशन
बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव 2 मिशन के साथ बिहार आए थे. पहला तो यह कि तमाम 45 सांगठनिक जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करना था और दूसरा राज्यपाल कोठे से विधान परिषद के 12 सीटों के लिए होने वाले मनोनयन को लेकर विवाद सुलझाना था. लेकिन लोजपा को हिस्सेदारी देने को लेकर अभी भाजपा और जदयू के बीच विवाद नहीं सुलझ पाया है. भूपेंद्र यादव का दूसरा मिशन अब तक अधूरा है.