पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव (BJP MP Ramkripal Yadav) ने शुक्रवार को लोक सभा में शून्यकाल के दौरान बिहार में लगातार बढ़ रही सूखे नशे की समस्या का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. रामकृपाल यादव ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून (Bihar Liquor Ban) लागू है लेकिन राज्य की नीतीश सरकार की गलत नीतियों की वजह से यह कानून बिहार में पूरी तरह फेल हो चुका है.
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रामकृपाल यादव का नीतीश सरकार पर हमला : रामकृपाल यादव ने कहा कि इस कानून की वजह से जहां एक तरफ बिहार को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ सूखा नशा लेकर बिहार का नौजवान भी बर्बाद हो रहा है क्योंकि शराबबंदी के बाद सूखा नशा का उपयोग प्रदेश में बढ़ता जा रहा है. इससे लोगों की जानें जा रही है, अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही है. नशे की लत में फंस चुका युवा अपने घर में ही चोरी और अपराध करने लगा है.
'नीतीश सरकार में उड़ता बिहार बनता जा रहा प्रदेश' : पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उड़ता पंजाब की बातें कही जाती थी लेकिन नीतीश सरकार में बिहार भी उड़ता पंजाब की तरह उड़ता बिहार बनता जा रहा है और इस गंभीर समस्या को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने राज्य की महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सूखे नशे के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर कानून बना हुआ है लेकिन राज्य सरकार इस कानून को लागू नहीं कर रही है, इसे रोकने के लिए कोई सख्ती नही कर रही है.
बिहार में लगातार बढ़ रही सूखे नशे की समस्या : बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के बाद युवा वर्ग सूखा नशा जैसे गांजा, हेरोइन, ड्रग्स और अफीम का सेवन करने लगे (Drought intoxication In Bihar) हैं. युवा नशे और महंगे शौक के लिए लूटपाट जैसे वारदात के साथ-साथ हत्या जैसे गंभीर अपराध को भी अंजाम दे रहे हैं. नशा के लिए चोरी, छिनतई और लूटपाट की घटनाएं आम हो गयी है. इन सब में ऐसे युवा शामिल हो, जिन्हें किसी ना किसी नशे का लत है.
गांजा तस्करी के मामले में बिहार नंबर 1: बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार में शराब के अलावा मादक पदार्थों में सबसे अधिक गांजा, अफीम व चरस की तस्करी हो रही है. राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की भारत में तस्करी पर साल 2020-21 की रिपोर्ट के मुताबिक गांजे की जब्ती के मामले में बिहार पहले नंबर पर है. इस साल में बिहार में 12 मामलों में कुल 13,446 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया है. इस रिपोर्ट में गांजे की जब्ती के मामले में नागालैंड दूसरे स्थान पर रहा. जहां 10 मामलों में 9,001 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया. बिहार का पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश (8,386 किलोग्राम) इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर है.