पटना : बिहार विधानसभा के अल्पसंख्यक कल्याण समिति की अध्ययन यात्रा के दौरान पूर्णिया जिले के अमौर के एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान (AIMIM MLA Akhtarul Iman) पर विधानसभा के अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सभापति आफाक आलम ने बैठक बाधित करने का गंभीर आरोप लगाया था. आरोप के बाद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) ने अख्तरुल इमान को अल्पसंख्यक कल्याण समिति से बाहर निकाल दिया है. साथ ही पूरे मामले की जांच आचार समिति को सौंप दी है.
ये भी पढ़ें - बिहार में टूट गई ओवैसी की पार्टी, बोले अख्तरुल इमान- सभी 'मीर जाफर' निकले
'जो कुछ हुआ वह नियम और परंपरा के अनुसार' : अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सभापति के आरोप के बाद सोमवार को विधायक अख्तरुल ईमान ने प्रेस नोट जारी कर आरोप को बेबुनियाद बताया था. यह भी कहा था कि इस आरोप से विधानसभा अध्यक्ष को गुमराह करने की कोशिश की गई है. अख्तरुल ईमान ने कहा कि यह सच है कि यात्रा के क्रम में सर्किट हाउस में अलग-अलग विधायकों से मिलने लोग आते रहे हैं. इसी क्रम में मुझसे भी मेरे पार्टी के कुछ कार्यकर्ता एवं जानने वाले लोग मिलने आये, जो कहीं से भी नियम एवं परम्परा के विरुद्ध नहीं है.
'विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपना पक्ष रखूंगा' : अख्तरुल ईमान ने कहा कि विधानसभा में मुझे चौथी बार विधायक निर्वाचित होने का अवसर प्राप्त हुआ है. इसलिए सदन के वरीय सदस्य होने के नाते मैं विधानसभा के नियम एवं परिपाटी से भलीभांति अवगत हूं. इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपना पक्ष रखूंगा.
अख्तरुल इमान अल्पसंख्यक कल्याण समिति से बाहर : इधर, एआईएमआईएम के इकलौते विधायक अख्तरुल इमान पर अल्पसंख्यक कल्याण समिति (minority welfare committee) के सभापति की ओर से लगाए गए आरोप को विधानसभा अध्यक्ष ने काफी गंभीरता से लिया और अब पूरे मामले की जांच आचार समिति करेगी. पूरे मामले में अब आचार समिति क्या कुछ फैसला लेता है यह देखने वाली बात होगी. लेकिन फिलहाल अख्तरुल इमान की मुश्किल जरूर बढ़ गई है.