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बिहार उपचुनाव में नीतीश कुमार के 'चेहरे' की साख दांव पर

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Published : Oct 16, 2019, 10:10 AM IST

जेडीयू को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'चेहरे' पर वोट मिलने का भरोसा है, लेकिन राजनीतिक गलियारे में माना जा रहा है कि इस उपचुनाव में नीतीश के 'चेहरे' की साख दांव पर रहेगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

पटना: बिहार में विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. सत्ताधारी जेडीयू को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'चेहरे' पर वोट मिलने का भरोसा है, लेकिन राजनीति के गलियारे में माना जा रहा है कि इस उपचुनाव में नीतीश के 'चेहरे' की साख दांव पर रहेगी.

जेडीयू की कृपा से बिहार सरकार में शामिल बीजेपी केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार होने के कारण दावा कर रही है कि 'डबल इंजन' सरकार की जीत होगी. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा, 'इस उपचुनाव में नीतीश कुमार का जादू चल जाएगा और ये चुनाव कोई सेमीफाइनल नहीं है. नीतीश कुमार के किए विकास के नाम पर बिहार में फिर से हमें वोट मिलेंगे.'

patna
श्याम रजक, उद्योग मंत्री

'उपचुनाव में नतीश कुमार की साख भी दांव पर'
वैसे, बिहार की राजनीतिक फिजा में यह सवाल तैर रहा है कि इस उपचुनाव में जेडीयू अध्यक्ष नतीश कुमार की साख भी दांव पर लगी है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपचुनाव का परिणाम अगर अनुकूल रहा तो नीतीश कुमार के लिए 2020 का रास्ता बहुत हद तक आसान कर देगा. इसके अलावा यह भी साफ हो जाएगा कि क्या बिहार में नीतीश के चेहरे का जादू बरकरार है या फिर एनडीए को 2020 का चुनाव किसी और के 'चेहरे' पर लड़ना होगा.

राजीव रंजन, जेडीयू प्रवक्ता

जेडीयू के लिए यह अग्निपरीक्षा : राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक जानकार कहते हैं, 'यह सच है कि इस उपचुनाव के परिणाम को भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में नहीं लिया जाए, लेकिन जेडीयू के लिए यह अग्निपरीक्षा है. अगर परिणाम अनुकूल नहीं रहे तो नीतीश के चेहरे का सिक्का अगले विधानसभा चुनाव में फिर चल पाएगा, इसमें संदेह है और तब बीजेपी का पलड़ा अधिक भारी हो जाएगा.'

पूरे देश में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा: प्रदेश अध्यक्ष
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह सधे अंदाज में कहते हैं, 'मतदाता अब विकास के नाम पर वोट देते हैं. नीतीश कुमार के विकास की चर्चा पूरा देश करता है, उसका फायदा उपचुनाव में भी मिलेगा.'

वैसे, यह भी कहा जा रहा है कि जेडीयू अगर अपनी चार सीटों पर कब्जा बरकरार रखता है, तब नीतीश की अहमियत गठबंधन में और बढ़ेगी, जिसका फायदा अगले विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे के समय देखने को मिल सकता है.

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वशिष्ठ नारायण, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू

उपचुनाव में भी 'डबल इंजन' का लाभ मिलेगा: बीजेपी
इधर, बीजेपी के नेता इस उपचुनाव को लेकर नीतीश कुमार के चेहरे पर खुलकर बहुत कुछ नहीं बोलते हैं. बीजेपी के विधायक संजीव चौरसिया का कहना है कि बिहार और केंद्र में एक ही गठबंधन की सरकार होने का लाभ बिहार को मिल रहा है. इस उपचुनाव में भी 'डबल इंजन' का लाभ मिलेगा.

फिलहाल, इस उपचुनाव का परिणाम बिहार की राजनीति में सिर्फ परिणाम भर नहीं, बल्कि अगले चुनाव को लेकर नीतीश के 'चेहरे' की साख पर भी दांव लगाएगा और उनके 200 सीट पार के दावे को भी मजबूत और कमजोर कर सकता है.

अजीत चौधरी, बीजेपी प्रवक्ता

21 अक्टूबर को मतदान, 24 अक्टूबर आएंगे परिणाम
बता दें कि बिहार की पांच विधानसभा सीटों- किशनगंज, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंदा, नाथनगर एवं बेलहर तथा समस्तीपुर की एक लोकसभा सीट के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होना है. परिणाम 24 अक्टूबर को आएंगे.

पटना: बिहार में विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. सत्ताधारी जेडीयू को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'चेहरे' पर वोट मिलने का भरोसा है, लेकिन राजनीति के गलियारे में माना जा रहा है कि इस उपचुनाव में नीतीश के 'चेहरे' की साख दांव पर रहेगी.

जेडीयू की कृपा से बिहार सरकार में शामिल बीजेपी केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार होने के कारण दावा कर रही है कि 'डबल इंजन' सरकार की जीत होगी. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा, 'इस उपचुनाव में नीतीश कुमार का जादू चल जाएगा और ये चुनाव कोई सेमीफाइनल नहीं है. नीतीश कुमार के किए विकास के नाम पर बिहार में फिर से हमें वोट मिलेंगे.'

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श्याम रजक, उद्योग मंत्री

'उपचुनाव में नतीश कुमार की साख भी दांव पर'
वैसे, बिहार की राजनीतिक फिजा में यह सवाल तैर रहा है कि इस उपचुनाव में जेडीयू अध्यक्ष नतीश कुमार की साख भी दांव पर लगी है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपचुनाव का परिणाम अगर अनुकूल रहा तो नीतीश कुमार के लिए 2020 का रास्ता बहुत हद तक आसान कर देगा. इसके अलावा यह भी साफ हो जाएगा कि क्या बिहार में नीतीश के चेहरे का जादू बरकरार है या फिर एनडीए को 2020 का चुनाव किसी और के 'चेहरे' पर लड़ना होगा.

राजीव रंजन, जेडीयू प्रवक्ता

जेडीयू के लिए यह अग्निपरीक्षा : राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक जानकार कहते हैं, 'यह सच है कि इस उपचुनाव के परिणाम को भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में नहीं लिया जाए, लेकिन जेडीयू के लिए यह अग्निपरीक्षा है. अगर परिणाम अनुकूल नहीं रहे तो नीतीश के चेहरे का सिक्का अगले विधानसभा चुनाव में फिर चल पाएगा, इसमें संदेह है और तब बीजेपी का पलड़ा अधिक भारी हो जाएगा.'

पूरे देश में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा: प्रदेश अध्यक्ष
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह सधे अंदाज में कहते हैं, 'मतदाता अब विकास के नाम पर वोट देते हैं. नीतीश कुमार के विकास की चर्चा पूरा देश करता है, उसका फायदा उपचुनाव में भी मिलेगा.'

वैसे, यह भी कहा जा रहा है कि जेडीयू अगर अपनी चार सीटों पर कब्जा बरकरार रखता है, तब नीतीश की अहमियत गठबंधन में और बढ़ेगी, जिसका फायदा अगले विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे के समय देखने को मिल सकता है.

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वशिष्ठ नारायण, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू

उपचुनाव में भी 'डबल इंजन' का लाभ मिलेगा: बीजेपी
इधर, बीजेपी के नेता इस उपचुनाव को लेकर नीतीश कुमार के चेहरे पर खुलकर बहुत कुछ नहीं बोलते हैं. बीजेपी के विधायक संजीव चौरसिया का कहना है कि बिहार और केंद्र में एक ही गठबंधन की सरकार होने का लाभ बिहार को मिल रहा है. इस उपचुनाव में भी 'डबल इंजन' का लाभ मिलेगा.

फिलहाल, इस उपचुनाव का परिणाम बिहार की राजनीति में सिर्फ परिणाम भर नहीं, बल्कि अगले चुनाव को लेकर नीतीश के 'चेहरे' की साख पर भी दांव लगाएगा और उनके 200 सीट पार के दावे को भी मजबूत और कमजोर कर सकता है.

अजीत चौधरी, बीजेपी प्रवक्ता

21 अक्टूबर को मतदान, 24 अक्टूबर आएंगे परिणाम
बता दें कि बिहार की पांच विधानसभा सीटों- किशनगंज, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंदा, नाथनगर एवं बेलहर तथा समस्तीपुर की एक लोकसभा सीट के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होना है. परिणाम 24 अक्टूबर को आएंगे.

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बिहार उपचुनाव में नीतीश कुमार के 'चेहरे' की साख दांव पर



पटना: बिहार में विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. सत्ताधारी जेडीयू को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'चेहरे' पर वोट मिलने का भरोसा है, लेकिन राजनीति के गलियारे में माना जा रहा है कि इस उपचुनाव में नीतीश के 'चेहरे' की साख दांव पर रहेगी.

जेडीयू की कृपा से बिहार सरकार में शामिल बीजेपी केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार होने के कारण दावा कर रही है कि 'डबल इंजन' सरकार की जीत होगी. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा, 'इस उपचुनाव में नीतीश कुमार का जादू चल जाएगा और ये चुनाव कोई सेमीफाइनल नहीं है. नीतीश कुमार के किए विकास के नाम पर बिहार में फिर से हमें वोट मिलेंगे.'

'उपचुनाव में नतीश कुमार की साख भी दांव पर'

वैसे, बिहार की राजनीतिक फिजा में यह सवाल तैर रहा है कि इस उपचुनाव में जेडीयू अध्यक्ष नतीश कुमार की साख भी दांव पर लगी है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपचुनाव का परिणाम अगर अनुकूल रहा तो नीतीश कुमार के लिए 2020 का रास्ता बहुत हद तक आसान कर देगा. इसके अलावा यह भी साफ हो जाएगा कि क्या बिहार में नीतीश के चेहरे का जादू बरकरार है या फिर एनडीए को 2020 का चुनाव किसी और के 'चेहरे' पर लड़ना होगा.

जेडीयू के लिए यह अग्निपरीक्षा : राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक जानकार कहते हैं, 'यह सच है कि इस उपचुनाव के परिणाम को भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में नहीं लिया जाए, लेकिन जेडीयू के लिए यह अग्निपरीक्षा है. अगर परिणाम अनुकूल नहीं रहे तो नीतीश के चेहरे का सिक्का अगले विधानसभा चुनाव में फिर चल पाएगा, इसमें संदेह है और तब बीजेपी का पलड़ा अधिक भारी हो जाएगा.'

पूरे देश में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा: प्रदेश अध्यक्ष

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह सधे अंदाज में कहते हैं, 'मतदाता अब विकास के नाम पर वोट देते हैं. नीतीश कुमार के विकास की चर्चा पूरा देश करता है, उसका फायदा उपचुनाव में भी मिलेगा.'

वैसे, यह भी कहा जा रहा है कि जेडीयू अगर अपनी चार सीटों पर कब्जा बरकरार रखता है, तब नीतीश की अहमियत गठबंधन में और बढ़ेगी, जिसका फायदा अगले विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे के समय देखने को मिल सकता है.

उपचुनाव में भी 'डबल इंजन' का लाभ मिलेगा: बीजेपी

इधर, बीजेपी के नेता इस उपचुनाव को लेकर नीतीश कुमार के चेहरे पर खुलकर बहुत कुछ नहीं बोलते हैं. बीजेपी के विधायक संजीव चौरसिया का कहना है कि बिहार और केंद्र में एक ही गठबंधन की सरकार होने का लाभ बिहार को मिल रहा है. इस उपचुनाव में भी 'डबल इंजन' का लाभ मिलेगा.

फिलहाल, इस उपचुनाव का परिणाम बिहार की राजनीति में सिर्फ परिणाम भर नहीं, बल्कि अगले चुनाव को लेकर नीतीश के 'चेहरे' की साख पर भी दांव लगाएगा और उनके 200 सीट पार के दावे को भी मजबूत और कमजोर कर सकता है. 

21 अक्टूबर को मतदान, 24 अक्टूबर आएंगे परिणाम  

बता दें कि बिहार की पांच विधानसभा सीटों- किशनगंज, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंदा, नाथनगर एवं बेलहर तथा समस्तीपुर की एक लोकसभा सीट के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होना है. परिणाम 24 अक्टूबर को आएंगे.


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