पटना: बिहार के उपचुनाव में एनडीए का प्रदर्शन बढ़ियां नहीं रहा है. 5 विधानसभा और एक लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए के खाते में सिर्फ दो सीट आई है. विधानसभा उपचुनाव के नतीजे बीजेपी और जेडीयू के लिए खतरे की घंटी है. वहीं, आरजेडी के लिए ये परिणाम ठीक विधानसभा चुनाव से पहले किसी संजीवनी की तरह है.
बेलहर में आरजेडी की बड़ी जीत
बेलहर में आरजेडी उम्मीदवार रामदेव यादव ने एनडीए प्रत्याशी लालधारी यादव को मतों के बड़े अंतर से हराया है. लालधारी बांका से सांसद गिरधारी यादव के भाई हैं. इस सीट पर सीएम नीतीश कुमार की पूरी नजर थी, वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने भी काफी पसीना बहाया था.
सिमरी बख्तियारपुर में जेडीयू की हार
सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर सीट पर भी आरजेडी को जीत नसीब हुई है. जफर आलम ने यहां जेडीयू के अरुण यादव को शिकस्त दी है. अरुण यादव मधेपुरा से जेडीयू के सांसद दिनेशचंद्र यादव के बेहद करीबी हैं. नीतीश कुमार ने खुद भी यहां प्रचार किया था, लेकिन माय समीकरण यहां हिट साबित हुआ. यहां आरजेडी के उम्मीदवार के खिलाफ मुकेश सहनी की वीआईपी से भी प्रत्याशी खड़ा था.
नाथनगर में जेडीयू ने की जीत दर्ज
भागलपुर के नाथनगर सीट पर जेडीयू प्रत्याशी लक्ष्मीकांत मंडल ने राजद की उम्मीदवार राबिया खातुन को हरा कर जीत दर्ज की. इस तरह से सिर्फ यह एकमात्र सीट जेडीयू के खाते में आई. यहां जीतनराम मांझी की पार्टी हम से अजय मंडल भी मैदान में थे.
दरौंदा में निर्दलीय ने 'बाहुबली' को रौंदा
सीवान के दरौंदा विधानसभा सीट पर जेडीयू के बाहुबली अजय सिंह को करारी हार मिली है. उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह ने शिकस्त दी है. कर्णजीत बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष थे. मगर उपचुनाव में बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे. उन्हें पूर्व बीजेपी सांसद ओमप्रकाश यादव का खुला समर्थन मिला हुआ था. वहीं, सांसद कविता सिंह के पति अजय सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते हैं.
किशनगंज से ओवैसी धमाकेदार एंट्री
आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र विधानसभ में एंट्री मारने के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) ने अब बिहार विधानसभा में एंट्री मार ली है. किशनगंज सीट पर उनके उम्मीदवार कमरुल होदा ने बीजेपी की स्वीटी सिंह को मात दी है. यहां कांग्रेस सांसद मो. जावेद की मां सईदा बानू को तीसरे स्थान पर रहना पड़ा.
समस्तीपुर में एलजेपी की जीत की बरकरार
विधानसभा चुनावों में भले ही एनडीए का सूपड़ा साफ हो गया हो, लेकिन समस्तीपुर लोकसभा सीट को बचाने में एलजेपी कामयाब रही. यहां प्रिंस राज ने पिता की सियासी विरासत को बचाते हुए दमदार जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस के अशोक राम को करारी शिकस्त दी है. प्रिंस, दिवंगत रामचंद्र पासवान के बेटे और रामविलास पासवान के भतीजे हैं.
नीतीश पर तेजस्वी को बढ़त!
लोकसभा चुनाव में आरजेडी के खाता भी नहीं खुलने के बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे थे. ऐसे में विधानसभा में दमदार प्रदर्शन के बाद तेजस्वी को बड़ी राहत मिली है. न केवल सियासी गलियारों में उन्हें गंभीरता से लिया जाएगा, बल्कि नए जोश के साथ वे नीतीश कुमार को घेरेंगे. इतना ही नहीं महागठबंधन में भी उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी.
नीतीश पर उठेंगे सवाल
उपचुनाव के परिणाम बीजेपी से कहीं ज्यादा जेडीयू और खासकर सीएम नीतीश के लिए बड़ा नुकसान है, क्योंकि अगले साल 2020 में विधानसभा का चुनाव है. ऐसे में उसके पहले ऐसी हार से न केवल उनकी सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठेंगे, बल्कि गठबंधन में उनके नेतृत्व पर भी प्रश्नचिह्न उठेंगे. वैसे भी लोकसभा चुनाव के बाद बिहार बीजेपी के कई नेता उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे.
क्यों हारे नीतीश कुमार?
ऐसे में सवाल ये भी अहम हैं कि ऐसी हार की क्या वजह हैं. माना जा रहा है सरकार के कार्यों और खराब कानून-व्यवस्था से लोग काफी नाराज हैं. साथ ही उम्मीदवार चयन से भी लोग नाराज हैं. दरौंदा और बेलहर में इसका परिवारवाद को बढ़ावा भी लोगों को रास नहीं आया. यहां तो बीजेपी के भी नेता विरोध करते दिखे.