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पटना: लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहा कालिदास रंगालय, सरकार से मदद की अपील - kalidas rangalaya

पिछले 5 महीने से लॉकडाउन के कारण बंद बिहार आर्ट थिएटर (कालिदास रंगालय) काफी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. यहां काम करने वाले कर्मचारियों और बिजली बिल का खर्च निकालना काफी मुश्किल हो रहा है. बिहार आर्ट थियेटर के मैनेजर प्रदीप गांगुली ने सरकार से मदद की अपील की है.

Bihar Art Theater Is Facing Financial Problems in patna
Bihar Art Theater Is Facing Financial Problems in patna
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Published : Aug 13, 2020, 12:02 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 11:02 PM IST

पटना: कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर सांस्कृतिक गतिविधियों पर पड़ा है. लॉकडाउन में पिछले 5 महीनों से तमाम रंगालय, रंगशाला और नृत्य-संगीत संस्थाएं सभी बंद है. पटना का बिहार आर्ट थिएटर जिसे लोग कालिदास रंगालय के नाम से भी जानते हैं, वो भी बंद होने की वजह से आर्थिक तंगी से गुजर रहा है.

Bihar Art Theater Is Facing Financial Problems in patna
कालिदास रंगालय में नहीं हो रही कोई भी गतिविधि

बता दें कि राजधानी पटना में नाटक का मंचन मुख्य रूप से कालिदास रंगालय और प्रेमचंद रंगशाला में किया जाता है. सुबह से शाम तक रंगकर्मी और कलाकार यहां अभिनय का रियाज करते थे और नाटक का मंचन भी करते थे. लेकिन लॉकडाउन के कारण पिछले 5 महीने से परिसर बंद है और कोई भी गतिविधि नहीं हो रही है. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब इतने समय तक परिसर में कोई गतिविधि नहीं हुई है.

पेश है रिपोर्ट

कालिदास रंगालय का खर्च चलाना हो रहा मुश्किल
बिहार आर्ट थियेटर के मैनेजर प्रदीप गांगुली ने बताया कि कालिदास रंगालय में कुल 10 से 12 कर्मी कार्य करते हैं. सभी की सैलरी और बिजली बिल मिलाकर करीब एक लाख 25 हजार खर्च प्रति महीने होता है. सामान्य दिनों में तो खर्च आसानी से वहन हो जाता था, लेकिन पिछले 5 महीने से रंगालय बंद है. इससे खर्च निकालना बेहद मुश्किल हो रहा है.

Bihar Art Theater Is Facing Financial Problems in patna
लॉकडाउन के कारण 5 महिने से बंद है कालिदास रंगालय

एडवर्टाइजमेंट हुडिंग वाली कंपनी कर रही ऑक्सीजन का काम
इसके अलावा प्रदीप गांगुली ने बताया कि इस मुश्किल दौर में एडवर्टाइजमेंट हुडिंग वाली कंपनी हमारे लिए ऑक्सीजन का कार्य कर रही है. विज्ञापन तो अभी नहीं लगते हैं लेकिन कंपनी कुछ राशि प्रति महीने दे रही हैं, जिससे जैसे तैसे करके बेहद ही मुश्किल से खर्च का वहन हो पा रहा है. अगर आगे भी सभी कार्यक्रम बंद रहेंगे तो बिहार आर्ट थियेटर को चलाना बेहद ही मुश्किल हो जाएगा. इसीलिए सरकार को कुछ ना कुछ सोचना चाहिए ताकि थिएटर बंद ना हो पाए.

पटना: कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर सांस्कृतिक गतिविधियों पर पड़ा है. लॉकडाउन में पिछले 5 महीनों से तमाम रंगालय, रंगशाला और नृत्य-संगीत संस्थाएं सभी बंद है. पटना का बिहार आर्ट थिएटर जिसे लोग कालिदास रंगालय के नाम से भी जानते हैं, वो भी बंद होने की वजह से आर्थिक तंगी से गुजर रहा है.

Bihar Art Theater Is Facing Financial Problems in patna
कालिदास रंगालय में नहीं हो रही कोई भी गतिविधि

बता दें कि राजधानी पटना में नाटक का मंचन मुख्य रूप से कालिदास रंगालय और प्रेमचंद रंगशाला में किया जाता है. सुबह से शाम तक रंगकर्मी और कलाकार यहां अभिनय का रियाज करते थे और नाटक का मंचन भी करते थे. लेकिन लॉकडाउन के कारण पिछले 5 महीने से परिसर बंद है और कोई भी गतिविधि नहीं हो रही है. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब इतने समय तक परिसर में कोई गतिविधि नहीं हुई है.

पेश है रिपोर्ट

कालिदास रंगालय का खर्च चलाना हो रहा मुश्किल
बिहार आर्ट थियेटर के मैनेजर प्रदीप गांगुली ने बताया कि कालिदास रंगालय में कुल 10 से 12 कर्मी कार्य करते हैं. सभी की सैलरी और बिजली बिल मिलाकर करीब एक लाख 25 हजार खर्च प्रति महीने होता है. सामान्य दिनों में तो खर्च आसानी से वहन हो जाता था, लेकिन पिछले 5 महीने से रंगालय बंद है. इससे खर्च निकालना बेहद मुश्किल हो रहा है.

Bihar Art Theater Is Facing Financial Problems in patna
लॉकडाउन के कारण 5 महिने से बंद है कालिदास रंगालय

एडवर्टाइजमेंट हुडिंग वाली कंपनी कर रही ऑक्सीजन का काम
इसके अलावा प्रदीप गांगुली ने बताया कि इस मुश्किल दौर में एडवर्टाइजमेंट हुडिंग वाली कंपनी हमारे लिए ऑक्सीजन का कार्य कर रही है. विज्ञापन तो अभी नहीं लगते हैं लेकिन कंपनी कुछ राशि प्रति महीने दे रही हैं, जिससे जैसे तैसे करके बेहद ही मुश्किल से खर्च का वहन हो पा रहा है. अगर आगे भी सभी कार्यक्रम बंद रहेंगे तो बिहार आर्ट थियेटर को चलाना बेहद ही मुश्किल हो जाएगा. इसीलिए सरकार को कुछ ना कुछ सोचना चाहिए ताकि थिएटर बंद ना हो पाए.

Last Updated : Aug 20, 2020, 11:02 PM IST
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