पटना: कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर सांस्कृतिक गतिविधियों पर पड़ा है. लॉकडाउन में पिछले 5 महीनों से तमाम रंगालय, रंगशाला और नृत्य-संगीत संस्थाएं सभी बंद है. पटना का बिहार आर्ट थिएटर जिसे लोग कालिदास रंगालय के नाम से भी जानते हैं, वो भी बंद होने की वजह से आर्थिक तंगी से गुजर रहा है.
बता दें कि राजधानी पटना में नाटक का मंचन मुख्य रूप से कालिदास रंगालय और प्रेमचंद रंगशाला में किया जाता है. सुबह से शाम तक रंगकर्मी और कलाकार यहां अभिनय का रियाज करते थे और नाटक का मंचन भी करते थे. लेकिन लॉकडाउन के कारण पिछले 5 महीने से परिसर बंद है और कोई भी गतिविधि नहीं हो रही है. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब इतने समय तक परिसर में कोई गतिविधि नहीं हुई है.
कालिदास रंगालय का खर्च चलाना हो रहा मुश्किल
बिहार आर्ट थियेटर के मैनेजर प्रदीप गांगुली ने बताया कि कालिदास रंगालय में कुल 10 से 12 कर्मी कार्य करते हैं. सभी की सैलरी और बिजली बिल मिलाकर करीब एक लाख 25 हजार खर्च प्रति महीने होता है. सामान्य दिनों में तो खर्च आसानी से वहन हो जाता था, लेकिन पिछले 5 महीने से रंगालय बंद है. इससे खर्च निकालना बेहद मुश्किल हो रहा है.
एडवर्टाइजमेंट हुडिंग वाली कंपनी कर रही ऑक्सीजन का काम
इसके अलावा प्रदीप गांगुली ने बताया कि इस मुश्किल दौर में एडवर्टाइजमेंट हुडिंग वाली कंपनी हमारे लिए ऑक्सीजन का कार्य कर रही है. विज्ञापन तो अभी नहीं लगते हैं लेकिन कंपनी कुछ राशि प्रति महीने दे रही हैं, जिससे जैसे तैसे करके बेहद ही मुश्किल से खर्च का वहन हो पा रहा है. अगर आगे भी सभी कार्यक्रम बंद रहेंगे तो बिहार आर्ट थियेटर को चलाना बेहद ही मुश्किल हो जाएगा. इसीलिए सरकार को कुछ ना कुछ सोचना चाहिए ताकि थिएटर बंद ना हो पाए.