पटना: आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर बिहार कृषि विभाग (Bihar Agriculture Department) ने पहल करते हुए कोरोना काल के संकट के इस दौर से गुजरने वाले वैसे मजदूर जो बिहार से बाहर काम की तलाश में गए थे और कोरोना काल में रोजगार खो बैठे हैं और वह अपने घरों में बैठे हैं, वैसे लोगों को चिन्हित कर उनके हाथों में रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और स्वाबलंबी की राह (Camp for Migrant Workers in Patna) पर चलने को लेकर कई तरह की योजनाएं चला रहे हैं.
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ऐसे में मसौढ़ी प्रखंड के विभिन्न गांव में इन दिनों कृषि विभाग द्वारा कैंप लगाकर लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, जिसको लेकर 4 तरह की योजनाओं को बताया जा रहा है. वैसे मजदूर जिनके पास अगर जमीन है, तो उन्हें बागवानी की ओर उन्मुख किया जा रहा है और उन्हें कम महीनों वाली फल सब्जी उगाने के लिए लोन दिया जा रहा है. वहीं, जिनके पास खेती नहीं है उन्हें गाय, भैंस, बकरी और मवेशी पालन के जरिए आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.
रोजगार की तलाश में बिहार से बाहर गए वैसे प्रवासी मजदूर जो करोना संक्रमण के दौर से अपने घर वापस आ गए हैं और बेरोजगार हो चुके हैं वैसे प्रवासी मजदूरों को चिन्हित कर गांव-गांव में इन दिनों कैंप लगाकर उन्हें रोजगार मुहैया कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कवायद चल रही है. ऐसे में मसौढ़ी के विभिन्न गांव में कैंप का आयोजन चल रहा है जिसको लेकर मजदूरों के बीच खुशी का माहौल है कि अब सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं में काम मिल रहा है. प्रवासी मजदूरों को बिहार सरकार द्वारा कृषि विभाग की ओर से कई तरह की योजनाओं पर उन्हें लोन दिया जा रहा है, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें.
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