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इंडिया गठबंधन में खटपट, घटक दल के नेताओं ने दिखाई आंख, अलायंस के भविष्य पर उठ रहे सवाल - ईटीवी भारत न्यूज

India Alliance meeting : 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बनाया है. सितंबर के बाद से पांच राज्यों के चुनाव के कारण कोई बैठक नहीं हुई है. इसको लेकर नीतीश कुमार नाराजगी भी जताते रहे हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और घटक दल के अन्य नेताओं के बयान से भी इंडिया गठबंधन में खटपट साफ दिखने लगी है. पढ़ें पूरी खबर..

इंडिया गठबंधन की बैठक
इंडिया गठबंधन की बैठक
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 5, 2023, 7:24 PM IST

देखें रिपोर्ट

पटना : विपक्षी दलों की इंडिया गठबंधन की अब तक तीन बैठकर हो चुकी है. लेकिन, अब इंडिया गठबंधन की बैठकों से भी घटक दल के बड़े नेता दूरी बनाने लगे हैं. पहले 6 दिसंबर को बैठक तय की गई थी, लेकिन अब उसे टाल दिया गया है. नई तिथि तय की घोषणा नहीं की गई है. वैसे, 6 दिसंबर की बैठक में नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के जाने की संभावना भी नहीं थी. दूसरी तरफ पांच राज्यों के चुनाव में हार के बाद कई दलों की ओर से कांग्रेस पर निशाना साधा जा रहा है और उसे कठघरे में खड़ा किया जा रहा है.

घटक दल के बड़े नेता बना रहे दूरी : बीजेपी के खिलाफ 2024 के लिए जो मुहिम शुरू हुई, उसके सूत्रधार नीतीश कुमार हैं. वहीं नीतीश कुमार की पार्टी कांग्रेस पर लगातार निशाना साध रही है. नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन की बैठकों से दूरी बनाते दिख रहे हैं. केवल नीतीश कुमार ही नहीं, बल्कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने भी इंडिया गठबंधन की होने वाली बैठक से दूरी बनाने की बात कही थी. इंडिया गठबंधन में खटपट के बाद बैठक टाल टाल दी गई है.

बैठक में नहीं जाने को लेकर स्वास्थ्य कारणों का हवाला : अब नई तिथि पर जब बैठक होगी, तो देखना है इन नेताओं का क्या फैसला होता है. हालांकि, नीतीश कुमार के बैठक में नहीं जाने के फैसले पर जदयू की तरफ से सफाई दी जा रही है. जदयू के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना है कि "पहले भी दल के सबसे बड़े नेता या राष्ट्रीय अध्यक्ष उनके बदले उनके प्रतिनिधि जाते रहे हैं और नीतीश कुमार अभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं है. इसलिए यह बहुत मायने नहीं रखता है. मुद्दा यह है कि बैठक से कोई ठोस नतीजे आने चाहिए."

"अब बहाना नहीं बनाएंगे तो क्या करेंगे. स्वास्थ्य का बहाना बनाएंगे. क्योंकि वहां तो कोई इन्हें पूछ नहीं रहा है. पहले भी अपमानित किया गया है. नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि उन्हें इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाया जाएगा. प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन इन्हें तो कोई पूछ ही नहीं रहा है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

'कांग्रेस को घर रही जेडीयू' : इधर राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण पांडे का कहना है कि "जब आपकी बात सुनी नहीं जाएगी. आपकी बात मानी नहीं जाएगी तो स्वाभाविक है, नीतीश जी बड़े नेता हैं और इसलिए बैठक से दूरी बना रहे हैं. हाल में जदयू के कई नेताओं ने विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को घेरा है". केसी त्यागी का बयान आया, अशोक चौधरी का बयान आया और विजय चौधरी का भी बयान कांग्रेस के खिलाफ ही आया है, तो कटुता तो बढ़ ही रही है.

"यदि बीजेपी को हराना है और परिवर्तन लाना है, तो बीजेपी को हराने के लिए नीतीश कुमार को नेतृत्व देना होगा. अगर बीजेपी को नहीं हराइयेगा तो देश को नुकसान होगा."- जमा खान, मंत्री, जदयू

इंडिया गठबंधन के भविष्य पर उठ रहा सवाल: पटना में नीतीश कुमार की पहल पर विपक्षी दलों की पहली बैठक हुई थी. बेंगलुरु में दूसरी बैठक और मुंबई में तीसरी बैठक हुई. इसमें इंडिया गठबंधन को लेकर फैसला हुआ. कोऑर्डिनेशन कमेटी भी बनाई गई. एक बार कोऑर्डिनेशन कमेटी की जरूर बैठक हुई है, लेकिन उसके बाद से इंडिया गठबंधन की सभी गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं. यहां तक की एक रैली भी तय की गई थी, उसे भी स्थगित कर दिया गया. ऐसे में इंडिया गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठ रहा है.

ये भी पढ़ें- INDIA गठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार के शामिल होने पर सस्पेंस, क्या कांग्रेस से नाराज हैं बिहार CM?

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ये भी पढ़ें : 'INDIA गठबंधन में कांग्रेस की दिलचस्पी नहीं', CPI की रैली में सीएम नीतीश कुमार का बड़ा बयान

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पटना : विपक्षी दलों की इंडिया गठबंधन की अब तक तीन बैठकर हो चुकी है. लेकिन, अब इंडिया गठबंधन की बैठकों से भी घटक दल के बड़े नेता दूरी बनाने लगे हैं. पहले 6 दिसंबर को बैठक तय की गई थी, लेकिन अब उसे टाल दिया गया है. नई तिथि तय की घोषणा नहीं की गई है. वैसे, 6 दिसंबर की बैठक में नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के जाने की संभावना भी नहीं थी. दूसरी तरफ पांच राज्यों के चुनाव में हार के बाद कई दलों की ओर से कांग्रेस पर निशाना साधा जा रहा है और उसे कठघरे में खड़ा किया जा रहा है.

घटक दल के बड़े नेता बना रहे दूरी : बीजेपी के खिलाफ 2024 के लिए जो मुहिम शुरू हुई, उसके सूत्रधार नीतीश कुमार हैं. वहीं नीतीश कुमार की पार्टी कांग्रेस पर लगातार निशाना साध रही है. नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन की बैठकों से दूरी बनाते दिख रहे हैं. केवल नीतीश कुमार ही नहीं, बल्कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने भी इंडिया गठबंधन की होने वाली बैठक से दूरी बनाने की बात कही थी. इंडिया गठबंधन में खटपट के बाद बैठक टाल टाल दी गई है.

बैठक में नहीं जाने को लेकर स्वास्थ्य कारणों का हवाला : अब नई तिथि पर जब बैठक होगी, तो देखना है इन नेताओं का क्या फैसला होता है. हालांकि, नीतीश कुमार के बैठक में नहीं जाने के फैसले पर जदयू की तरफ से सफाई दी जा रही है. जदयू के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना है कि "पहले भी दल के सबसे बड़े नेता या राष्ट्रीय अध्यक्ष उनके बदले उनके प्रतिनिधि जाते रहे हैं और नीतीश कुमार अभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं है. इसलिए यह बहुत मायने नहीं रखता है. मुद्दा यह है कि बैठक से कोई ठोस नतीजे आने चाहिए."

"अब बहाना नहीं बनाएंगे तो क्या करेंगे. स्वास्थ्य का बहाना बनाएंगे. क्योंकि वहां तो कोई इन्हें पूछ नहीं रहा है. पहले भी अपमानित किया गया है. नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि उन्हें इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाया जाएगा. प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन इन्हें तो कोई पूछ ही नहीं रहा है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

'कांग्रेस को घर रही जेडीयू' : इधर राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण पांडे का कहना है कि "जब आपकी बात सुनी नहीं जाएगी. आपकी बात मानी नहीं जाएगी तो स्वाभाविक है, नीतीश जी बड़े नेता हैं और इसलिए बैठक से दूरी बना रहे हैं. हाल में जदयू के कई नेताओं ने विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को घेरा है". केसी त्यागी का बयान आया, अशोक चौधरी का बयान आया और विजय चौधरी का भी बयान कांग्रेस के खिलाफ ही आया है, तो कटुता तो बढ़ ही रही है.

"यदि बीजेपी को हराना है और परिवर्तन लाना है, तो बीजेपी को हराने के लिए नीतीश कुमार को नेतृत्व देना होगा. अगर बीजेपी को नहीं हराइयेगा तो देश को नुकसान होगा."- जमा खान, मंत्री, जदयू

इंडिया गठबंधन के भविष्य पर उठ रहा सवाल: पटना में नीतीश कुमार की पहल पर विपक्षी दलों की पहली बैठक हुई थी. बेंगलुरु में दूसरी बैठक और मुंबई में तीसरी बैठक हुई. इसमें इंडिया गठबंधन को लेकर फैसला हुआ. कोऑर्डिनेशन कमेटी भी बनाई गई. एक बार कोऑर्डिनेशन कमेटी की जरूर बैठक हुई है, लेकिन उसके बाद से इंडिया गठबंधन की सभी गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं. यहां तक की एक रैली भी तय की गई थी, उसे भी स्थगित कर दिया गया. ऐसे में इंडिया गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठ रहा है.

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