पटना: भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच (Bhumihar Brahmin Ekta Manch) की ओर से मंगलवार को पटना के बापू सभागार में परशुराम जयंती मनाई जा रही है. इस जयंती के पूर्व पटना के बेली रोड स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर (Panchmukhi Hanuman Mandir Patna) से लेकर बापू सभागार तक गाजे-बाजे और ढोल नगाड़े के साथ भव्य परशुराम शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में सैकड़ों की तादाद में परशुराम वक्त बाइक पर पीला झंडा और पीली पगड़ी बांधे हुए मौजूद रहे.
पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती की बधाई दी
परशुराम जयंती पर निकाली गयी शोभायात्रा: इनकी अगुवाई में भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के संस्थापक आशुतोष कुमार मौजूद रहे. वहीं रथ पर भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार हाथों में परशुराम का फरसा लिए जय परशुराम के नारे लगाते नजर आए. इस मौके पर भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के संस्थापक आशुतोष कुमार ने कहा कि हजारों की तादाद में परशुराम भक्त प्रदेश के सभी जिलों से पहुंचे हुए हैं. तमाम परशुराम भक्त पीली पगड़ी बांधकर यहां पहुंचे हुए हैं.
"सभी भक्त अपनी एकता का प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार के अलावा भी विभिन्न राज्यों से परशुराम भक्त इस परशुराम जयंती कार्यक्रम में शरीक हो रहे हैं और शोभायात्रा में भी हजारों की तादाद में परशुराम भक्त मौजूद है. भगवान परशुराम का आज सभी जन्मोत्सव मना आ रहे हैं और इस आयोजन का 3 सूत्री प्रमुख डिमांड है. पहला है परशुराम जयंती के मौके पर सरकार राजकीय छुट्टी घोषित करे, दूसरा है कि भगवान परशुराम की जीवनी को भी स्कूली पाठ्यक्रम में सरकार शामिल करे और तीसरा प्रमुख मांग है कि प्रत्येक जिला मुख्यालय में सरकार भगवान परशुराम छात्रावास की व्यवस्था गरीब छात्रों के लिए करे."-आशुतोष कुमार,संस्थापक,भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच
विभिन्न जिलों से लोग पहुंचे पटना: छपरा से परशुराम जयंती समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे टुन्ना मुखिया ने कहा कि वह सभी अपने आदर्श भगवान परशुराम की जयंती मना रहे हैं और जयंती के मौके पर छपरा से लोगों के साथ कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे हुए हैं. वहीं भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि वह सब शुरू से भगवान परशुराम के अनुयायी रहे हैं.
"भगवान परशुराम हमारे पूर्वज रहे हैं और उन्हीं की कृपा से सब फले फूले हैं इसलिए आज उनकी जयंती मना कर भगवान परशुराम के प्रति अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं. जब हमने जयंती मनाना शुरू किया तो सबसे पहले ध्यान परशुराम का आया. उसके बाद से विभिन्न राजनीतिक दल भी भगवान परशुराम की जयंती मनाना शुरू कर दिए हैं. जितने भी भगवान परशुराम के अनुयायी हैं विभिन्न जगहों पर अपने अपने यहां परशुराम जयंती मना कर भगवान परशुराम के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर कर रहे हैं."- अशोक कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष,भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच
पढ़ें- 'जेपी–लोहिया–कर्पूरी के अनुयायियों ने प्रदेश की जनता को बरगलाया'
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP