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अक्षरा सिंह ने छठ गीतों से बांधा समा, देखें VIDEO - छठ महापर्व

गोड्डा के बोहरा स्थित मेला मैदान में भोजपुरी अदाकारा और गायिका अक्षरा सिंह ने रंगारंग प्रस्तुति दी. कार्यक्रम के शुरुआत में जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने अक्षरा सिंह का साथ दिया.

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Published : Nov 1, 2019, 11:52 AM IST

गोड्डा/पटना: जिले के बोहरा स्थित मेला मैदान में भोजपुरी अदाकारा और गायिका अक्षरा सिंह ने रंगारंग प्रस्तुति दी. कार्यक्रम की शुरुआत जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने देशभक्ति में जुगलबंदी के साथ की.

प्रदीप यादव ने किया संबोधित
इस दौरान विधायक प्रदीप यादव ने चुनाव के माहौल के वक्त कार्यक्रम में जनसमूह को संबोधित करते हुए शायराना अंदाज में कहा कि पतंग तब तक आसमान की ऊंचाइयों पर होता है, जब तक डोर से जुड़ा होता है, जैसे उसकी डोर कट जाती है, वह सड़क या नाले में पड़ा मिलता है. उन्होंने कहा कि आज वे जहां भी हैं इस जनता के बदौलत हैं. वरना उनकी कोई हैसीयत नहीं है. बस उनका आशीर्वाद बना रहे.

परफॉर्म करती अक्षरा सिंह

ये भी पढ़ें- छठ महापर्व: आज है खरना, निर्जला उपवास शुरू

छठ से पूर्व होता है आयोजन
हर वर्ष प्रदीप यादव के पैतृक गांव बोहरा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन छठ से पूर्व होता है. जिसमें नामचीन कलाकार हिस्सा लेते हैं. पिछले साल बोहरा में मो अजीज, कुमार शानू, शान समेत कई कलाकार अपने गायकी के जलवे दिखा चुके हैं.

ये भी पढ़ें- स्कंद पुराण में भी छठ महापर्व का है जिक्र, जानें अर्घ्य देने का समय

भक्तिमय हुआ माहौल
इसी कड़ी में इस बार भोजपुरी बहुचर्चित अभिनेत्री और गायिका अक्षरा सिंह ने प्रस्तुति दी. जिसमें अक्षरा ने अपने लोकप्रिय गीतों से लोगों को सराबोर किया. वहीं पूरी रात लोग गीत और संगीत का आनंद लेते रहे. लेकिन खास तौर पर उनके छठ के गीत ने माहौल को भक्तिमय बना दिया.

गोड्डा/पटना: जिले के बोहरा स्थित मेला मैदान में भोजपुरी अदाकारा और गायिका अक्षरा सिंह ने रंगारंग प्रस्तुति दी. कार्यक्रम की शुरुआत जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने देशभक्ति में जुगलबंदी के साथ की.

प्रदीप यादव ने किया संबोधित
इस दौरान विधायक प्रदीप यादव ने चुनाव के माहौल के वक्त कार्यक्रम में जनसमूह को संबोधित करते हुए शायराना अंदाज में कहा कि पतंग तब तक आसमान की ऊंचाइयों पर होता है, जब तक डोर से जुड़ा होता है, जैसे उसकी डोर कट जाती है, वह सड़क या नाले में पड़ा मिलता है. उन्होंने कहा कि आज वे जहां भी हैं इस जनता के बदौलत हैं. वरना उनकी कोई हैसीयत नहीं है. बस उनका आशीर्वाद बना रहे.

परफॉर्म करती अक्षरा सिंह

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छठ से पूर्व होता है आयोजन
हर वर्ष प्रदीप यादव के पैतृक गांव बोहरा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन छठ से पूर्व होता है. जिसमें नामचीन कलाकार हिस्सा लेते हैं. पिछले साल बोहरा में मो अजीज, कुमार शानू, शान समेत कई कलाकार अपने गायकी के जलवे दिखा चुके हैं.

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भक्तिमय हुआ माहौल
इसी कड़ी में इस बार भोजपुरी बहुचर्चित अभिनेत्री और गायिका अक्षरा सिंह ने प्रस्तुति दी. जिसमें अक्षरा ने अपने लोकप्रिय गीतों से लोगों को सराबोर किया. वहीं पूरी रात लोग गीत और संगीत का आनंद लेते रहे. लेकिन खास तौर पर उनके छठ के गीत ने माहौल को भक्तिमय बना दिया.

Intro:भोजपुरी के सिने तारिका व गायिका अक्षरा सिंह ने ने छठ गीतों पर लोगो को पूरी रात झुमाया।हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जेवीएम विधायक प्रदीप यादव के पैतृक गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है।जिसमे नामचीन कलाकार शिरकत करते है।इस वर्ष अक्षरा सिंह ने भोजपुरी गीतों के साथ छठ के गीत गाये।


Body:गोड्डा जिले बोहरा स्थित मेला मैदान में भोजपुरी की साइन अदाकारा व गायिका अलश्र सिंह ने रंगारंग प्रस्तुति दी।कार्यक्रम की शुरुआत जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने देश भक्ति में जुगलबंदी के साथ किया।इस दौरान विधयक प्रदीप यादव ने चुनाव के माहौल के वक़्त ऐसे कार्यक्रम में जान समूह को संबोधित करते हुए अपने संक्षिप्त संवाद में थोड़े शायराना अंदाज़ में कहा कि पतंग तब तक आसमान की ऊंचाइयों पर होता है जब तक डोर से जुड़ा होता है।और जैसे इसकी डोर कट जाती है व्व सड़क अथवा नाले में पड़ा मिलता है।उन्होंने कहा आज वे जहा भी है इस जनता के बदौलत है वरना उनकी कोई हैसीयत नही है।बस उनका आशीर्वाद बना रहे।
हर वर्ष प्रदीप यादव के पैतृक गांव बोहरा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन छठ से पूर्व होता है।जोसमे नामचीन कलाकार हिस्सा लेते है।पिछले सालों में बोहरा में मो अज़ीज़,कुमार शानू,शान,समेत कई कलाकार अपने गायकी के जलवे दिख चुके है।
इसी कड़ी में इस बार भोजपुरी को बहुचर्चित अभिनेत्री व गायिका अक्षरा सिंह ने प्रस्तुति दी।जिसमे अक्षरा ने अपने लोकप्रिय गीतो से लोगो सराबोर किया।वही पूरी रात लोग गीत व संगीत का आनंद उठाते रहे।लेकिन खास तौर पर उनके छठ के गीत ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।
छठ के पारंपरिक गीत ..कांची बांस की बहंगिया लचकत जाय और डे में आना या नाईट में,रेल से आना या फ्लाइट से ..पिया छठ का समान लेते आना कारण प्रिय लगा।वही बलिका भ्रूण हत्या व निर्भया पर केंद्रित गीतों ने लोहा भावुक किया।


Conclusion:na
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