पटना: बिहार सरकार की ओर से मसौढ़ी स्थित दरधा नदी पर बन रहे बेर्रा बराज का काम अधूरा (Berra Barrage Masaurhi is incomplete) है. राज्य सरकार ने इसकी शुरुआत 2017 में ही कर दी थी. इस निर्माण कार्य के बाद पिछले कई सालों से किसान इसकी मांग कर रहे थे सरकार ने इसे 2017 में निर्माण कार्य को शुरू किया और 2020 में इसे कार्य समाप्त कर देना था लेकिन अभी तक बेर्रा बराज का निर्माण कार्य अधूरा है,ऐसे में किसानों को इस बार भी पटवन के लिए चिंता सता रही हैं ऐसे में बराज संघर्ष समिति की ओर से किसानों के द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो रहा है.
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बेर्रा बराज के लिए प्रदर्शन: मसौढ़ी प्रखंड के बेर्रा पंचायत स्थित दरधा नदी पर बना रहे बराज से किसानों को उम्मीद दिख रहा था. किसानों ने यह उम्मीद लगाई थी कि इस बार पटवन आसानी से हो सकेगी. लेकिन यह सपना इस बार भी अधूरा रह गया. क्योंकि इस बार भी किसानों के खेतों में पटवन नहीं हो पाएगी. इसी कारण बरसात के दिनों के लिए किसानों को चिंता सता रही है. इस बार भी पटवन की सुविधा नहीं मिल पाएगी. इसी लिए किसान आक्रोशित हो गए हैं. सभी किसान एक मिलकर लगातार विरोध प्रदर्शन किए हैं.
उग्र आंदोलन की तैयारी में जुटे लोग: बेर्रा संघर्ष समिति के संयोजक मोहम्मद नसीमुद्दीन मलिक ने कहा कि "जल संसाधन विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने की तैयारी की है. विभागीय मंत्री को भी गलत मैसेज देकर उद्घाटन करवाया जाना था. जल संसाधन विभाग के उड़नदस्ता अंचल के अधीक्षक अभियंता इंजीनियर वरुण कुमार ने इसे जांच के लिए टीम गठित करते हुए जांच करवाने की बात कही.
"उड़नदस्ता द्वारा जांच करवाई जा रही है. कहां-कहां क्या काम हुआ है. किस इलाके में काम बाकी है. इस बराज से 3178 हेक्टेयर में भूमि को सिंचित करना था. 13 पंचायतो के किसानों को इससे लाभ होने वाला था. 10 लघु नहर और आठ बड़ी नहर को इस में जोड़ना था. इस नदी के संपर्क में जितने भी आहार पइन थे. उन्हें इससे मिलान करना था. लेकिन अभी तक वह अधूरा है".- वरूण कुमार, अभियंता, उड़नदस्ता अंचल के अधीक्षण
करोड़ो रुपये का निर्माण कार्य: मसौढ़ी प्रखंड में बेर्रा बराज निर्माण कार्य में तकरीबन 45 करोड़ 25 लाख 11 हजार 429 रुपये की राशि से निर्माण कराया गया है. लेकिन अभी भी कई मायनों में यह काम अधूरा है. बराज से सभी आहर पइन पर अभी तक उड़ाही नहीं हो पाई है. वही मुख्य नहर के बाएं और दाईं ओर बोल्डर पीचिंग की जानी थी. वह भी कार्य अभी तक अधूरा है. कई जगह पर मिटटी भराई नहीं हो पाई है. ऐसे में बराबर आज अभी भी अधूरा है और इस बार भी किसान को यह चिंता सता रही है कि उन्हें पटवन की सुविधा नहीं मिल पाएगी. लोगों की सरकार से गुजारिश है कि इसे जांच कर अविलंब अधूरे काम को पूरा किया जाए.